माता-पिता अपने बच्चे का भविष्य उज्ज्वल बनाने के लिए हर सम्भव प्रयास करते हैं। अपने बच्चे के सुनहरे भविष्य के लिए वे कठिन-से-कठिन कार्य भी करने के लिए तैयार होते हैं। इसके अलावा बच्चे का आनेवाला कल सुनहरा हो, वह अपने जीवन में सफल हो इसके लिए माता-पिता बच्चों को छोटी उम्र से हीं अपने से दूर शिक्षा ग्रहण करने के लिए भेज देते हैं। इसके अलावा बच्चे भी अपने भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए पूरी मेहनत करते हैं। परंतु किसी भी फील्ड में कामयाबी हासिल करने के लिए एक मजबूत और कारगर रणनीति की बेहद आवश्यकता होती है। क्यूंकि सफलता प्राप्त करने के लिए एक रणनीति जरुरी है।
आज की कहानी भी इसी से मिलती-जुलती है। एक ऐसे लड़के की कहानी है जिसने अपनी मेहनत से IIT निकला। उसके बाद लाखों की नौकरी छोड़कर UPSC क्लियर किया। वे 2018 में अपनी मेहनत और काबिलियत के बल पर तीसरे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा में 53वीं रैंक के साथ सफलता हासिल कर के IAS बने। आईए जानते हैं उस शख्स और उनके स्ट्रेटजी के बारे में।
सुमित कुमार (Sumit Kumar) बिहार (Bihar) के जमुई के रहनेवाले हैं। सुमित कुमार ऐसे उम्मीदवार है जिनका बचपन या प्रारंभिक पढ़ाई-लिखाई अधिक आरामदायक वातावरण मे नहीं हुई है परंतु उनके माता-पिता शिक्षा को लेकर बेहद गंभीर थे। सुमित के माता-पिता उनके सुनहरे भविष्य के लिए खुद से दूर कर दिया। माता-पिता के लिए अपने बच्चे को खुद से दूर करने का निर्णय सरल नहीं था परंतु बच्चे के उज्जवल भविष्य के लिए उन्हें यह कदम उठाना पड़ा। वे जहां रहते थे वहां ना अच्छा स्कूल था और ना हीं बिजली जैसी कोई बुनियादी सुविधाएं थी। बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने की वजह से उनके माता-पिता ने उन्हें 8 वर्ष की उम्र में ही बोर्डिंग स्कूल में भेज दिया था।
सुमित कुमार के माता पिता ने अपने हिस्से का संघर्ष किया लेकिन अपने बच्चे के शिक्षा पर आंच नहीं आने दिया। सुमित का एक छोटा भाई भी है जो एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है सुमित और उसके भाई ने अपने माता-पिता के मेहनत का फल दिया है। वे दोनों अच्छी जगहों पर चयनित होकर भविष्य को उज्जवल बनाए हैं।
सुमित को यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा में तीसरी बार में सफलता हासिल हुई। वह बताते हैं कि वर्ष 2018 में यूपीएससी की परीक्षा में तीसरी बार कोशिश की थी, जिसमें वह सफल रहे। उन्होंने वर्ष 2018 के UPSC की परीक्षा में 53 वी रैंक हासिल करके कामयाबी के शिखर को छू लिया। इससे पहले उन्होंने दो और प्रयास किए थे। पहले प्रयास में सुमित ने यूपी के पहले चरण प्री की परीक्षा में भी सफलता हासिल नहीं कर पाए थे उसके बाद वर्ष 2017 में उन्होंने दूसरी बार प्रयास किया। जिसमें उन्होंने 493 वीं रैंक प्राप्त किया था। उसके फलस्वरूप उन्हें इंडियन डिफेन्स स्टेट्स सर्विस के चुना गया। यूपीएससी में तीसरे प्रयास के समय व ट्रेनिंग में थे। परंतु उन्होंने वक्त निकालकर इसकी तैयारी की।
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सुमित अपने पहले प्रयास की गलती को बताते हैं कि उन्होंने टेक्स्ट पेपर को सही से तैयारी नहीं किया था। वह सिर्फ पांच से छह टेस्ट पेपर की तैयारी करके हीं एग्जाम दिए थे। इसकी वजह से उनकी अच्छी तरह से तैयारी नहीं हो पाई थी। यूपीएससी की परीक्षा में अभ्यास बहुत आवश्यक है। अभ्यास की कमी होने की वजह से हीं सुमित का पहले प्रयास में प्री तक भी नहीं क्लियर हो पाया था।
दुसरे प्रयास मे सुमित ने प्री और मेन्स में अच्छे नम्बरों से सफल हुए परंतु इंटरव्यू में सफलता हाथ नहीं लगी। सुमित ने उस असफलता से शिक्षा लेकर आगे बढ़े और तीसरे प्रयास में ऑल इंडिया 53वीं रैंक के साथ कामयाबी के शिखर पर चढ़े। UPSC में सफलता हासिल कर के अपने पिता के सपने को भी पूरा किया।
सुमित के आस-पास हमेशा इसी क्षेत्र के लोग रहे जो हमेशा उनकी सहायता करते और उन्हें उनकी कमियों के बारे में भी अवगत कराते। सुमित प्री में सफलता के तीन सूत्र बताते हैं। टेस्ट सीरीज, लिमिटेड किताबें, तथा रिवीजन। ऐसे हीं वे मेन्स के लिए भी आंसर लिखकर अपने ऐसे साथियों और सीनियर्स को देते थे जो सेलेक्ट हो चुके हैं या तैयारी कर रहे हैं। उनसे प्रतिक्रिया लेकर अपने अंदर की कमियों को पूरा करते थे। उन्होंने बताया कि जब भिन्न-भिन्न क्षेत्र के लोग आंसर देखते हैं तो उसमें अलग-अलग प्रकार की कमियां बताते हैं जिससे कैंडिडेट को अपनी गलती सुधारने का मौका मिलता है।
परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए सुमित का सुझाव
वह बताते हैं कि यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी के समय धैर्य रखना बेहद जरुरी है क्यूंकि इस परीक्षा में सफलता हासिल करने में बहुत समय लग जाता है।यूपीएससी में कामयाबी हासिल करने के लिए कठिन मेहनत और सही दिशा में प्रयास बेहद आवश्यक है। इसके साथ हीं हमेशा अपनी कमियों को स्वीकार करने के लिए तैयार रहना चाहिए। इससे फायदा यह होता है कि लोग कमियां खुलकर बताएंगे। UPSC के परीक्षा को पास करने के लिए अभ्यास बेहद जरुरी है। इसलिए पूरी लगन के साथ अभ्यास करना बहुत आवश्यक है। इसके साथ हीं परिणाम को लेकर बहुत परेशान नहीं होना चाहिए। क्यूंकि यदि सच्चे मन से सही दिशा में कोशिश किया जाए तो सफलता जरुर मिलती है।
The Logically सुमित जी की सफलता पर उन्हें बहुत-बहुत बधाईयां देता है।