IIT का नाम सुनते ही हमारे जेहन से देश के बड़े-बड़े मशहूर इंजीनियरिंग कॉलेजों का ख्याल आने लगता है, जहां बच्चों का दाखिला भी बहुत मुश्किल से होता है। इतना ही नहीं अधिकांश युवा मशहूर IIT कॉलेजों में पढ़नकर अच्छी पैकेज वाली नौकरी करना चाहते हैं ताकि एक बेहतरीन जीवनयापन कर सके। ऐसे में यदि आपसे कहा जाए कि IIT करके कोई चाय का स्टॉल लगा रहा है तो यकीन करना मुश्किल है लेकिन यह सच है।
IITian चायवाला, बिहार
जी हाँ, हम बात कर रहे हैं IITian चायवाले की, जो बिहार के आरा शहर में स्थित है। इस टी स्टॉल (Tea Stall) को IIT और NIT के चार छात्रों ने मिलकर शुरु किया है जिनका नाम रणधीर (IIT मद्रास में B.sc. के प्रथम वर्ष के छात्र), अंकित कुमार ( IIT खड़कपुर), इमाग समीन (BHU के छात्र) और सुजान कुमार ( NIT सूरत) है। विभिन्न कॉलेजों से पढ़ाई कर रहे इन चारों छात्रों ने संयुक्त स्टार्टअप किया है।
रोजगार सृजन करना है ऊद्देश्य
आप सभी सोच रहे होंगे कि देश के इतने बड़े और मशहूर कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों ने टी का स्टॉल क्यों खोला। ऐसे में बता दें कि, एक तरफ जहां अधिकांश युवाओं का सपना अच्छी पैकेज वाली नौकरी करके आलिशान जीवन जीना होता है वहीं कुछ युवा इस सोच से परे होते हैं। ये चारों छात्र भी कुछ ऐसी ही सोच रखते हैं। उन्होंने रोजगार सृजन करने के ऊद्देश्य से चाय का स्टॉल शुरु किया है, ताकि लोगों को रोजगार दिया जा सके।
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चाय की क्वालिटी पर रखा जाता है विशेष ध्यान
रणधीर और उनके दोस्तों के अनुसार, उनके द्वारा शुरु किए गए इस स्टार्टअप से उनके पढ़ाई पर असर नहीं पड़ेगा। बता दें कि सभी मिलकर आइडिया की मॉनिटरिंग करते हैं। उनके अनुसार, स्टॉल से जो लोग भी जुड़े हुए हैं वे बताएं अनुसार ही काम करते हैं ताकि चाय की क्वालिटी पर कोई प्रभाव न पड़े। IITian चायवाला के पास चाय की क्वालिटी को बेहतर बनाए रखने के लिए विशेष ध्यान दिया जाता है।
10 अलग-अलग फ्लेवर के चाय मौजूद हैं
IITian Chaiwala के यहां 10 अलग-अलग फ्लेवर की चाय बेची जाती है जिसमें संतरा, पुदिना, आम, नींबू जैसे अन्य कई वेरायटी के चाय मिलती है जिसे पीने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। बता दें कि यहां एक और विशेषता यह है कि यहां कुल्हड़ में चाय दी जाती है जो स्वाद को और भी अधिक बढ़ा देते हैं। आईआईटीयन चायवाले के पास काम कर रहे लोगों के अनुसार, कुल्हड़ को पहले चूल्हे की आग में गर्म किया जाता है उसके बाद चाय दी जाती है। इससे चाय में सोंधापन आ जाती है और चाय का स्वाद दोगुना बढ़ जाता है।
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देशभर में 300 नए स्टॉल खोलने की है योजना
सुरक्षा के लिए सोंधापन के लिए इस्तेमाल किए जानेवाले चूल्हे को स्टॉल से अलग रखा जाता है। चार छात्रों द्वारा शुरु किए गए इस स्टॉल में चार पहिए लगाकर डिजाइन किया गया है जिससे बहुत ही आसानी से स्टॉल को एक जगह से दूसरे जगह लेकर जाया जा सकता है। उनका विचार है कि वे पूरे देश में 300 नए स्टॉल खोले। इससे लोगों को रोजगार भी मिल सकेगा। IITian Chaiwala Tea Stall, Bihar.
स्टार्टअप को पर्यावरण संरक्षण से जोड़ने की है प्लानिंग
उनका कहना है पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए वे अपने इस टी स्टार्टअप को पर्यावरण संरक्षण से भी जोड़ना चाहते हैं। IITian ChaiWala Tea Sall पर प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं किया जाता है और सिर्फ और सिर्फ कुल्हड़ में ही चाय बेची जाती है। इसके अलावा उनकी योजना पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए कुल्हड़ को हाई प्रेशर पानी से धोकर उसमें बीजारोपण भी कराने की है। इस तरह इस टी स्टॉल के जरिए लोगों को कम कीमतों पर पौधें उप्लब्ध होंगे।
IITian ChaiWala की पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए की जा रही पहल प्रशंशनीय है। The Logically उनकी सराहना करता है।