जिस तरह हम मनुष्य पर्यावरण का संरक्षण करते हैं और इसके योगदान में अहम भूमिका अदा करते हैं, ठीक उसी प्रकार प्रकृति का संतुलन बनाए रखने के लिए पशु-पक्षी तथा अन्य जीव-जंतुओं का भी होना आवश्यक है। लेकिन जनसंख्या बढ़ोतरी, वनों की अंधाधुंध कटाई तथा टेक्नोलॉजी के विकास के कारण पक्षियों की संख्या में गिरावट दर्ज की जा रही है। वही जो पक्षी बचें हैं उनके रहने के लिए आवास की कमी है जिस कारण ये भी दिन प्रतिदिन कम देखने को मिल रहे हैं।
इन्हीं सारी मुद्दों को ध्यान में रखते हुए हमारे देश में 7 मंजिला बर्ड इमारत का निर्माण किया गया है जहां हजारों की संख्या में पक्षी रह सकते हैं। वहीं अगर हम इसके निर्माण की बात करें तो इसमें करीब 8 लाख रुपए की लागत आई है। अब आप के मन में ये जिज्ञासा हो रही होगी कि आखिर वह इमारत कब, कहां बनाई गई तथा इसका निर्माण किसने किया है?? आज की लेख में हम आपको उससे जुड़ी हर जानकारी देंगे।
वैसे तो हम सब ने आज तक वही इमारतें देखी है जहां हम मनुष्य रहते हैं। परंतु क्या आपने कभी ऐसी इमारत देखी है जहां पक्षियों का बसेरा रहता है?? अगर आप इस इमारत को देखना चाहते हैं जहां पक्षियों का बसेरा है तो आप एक बार नागौर का दौरा अवश्य करें। -Our country’s first 7 storey bird building built in Nagaur, Rajasthan
राजस्थान में बना बहुमंजिला बर्ड इमारत
हमारे देश में पहला इमारत बनकर तैयार है जहां पक्षी रहेंगे। यह बहुमंजिला इमारत राजस्थान के नागौर में बना है। यह इमारत 7 मंजिला है और अगर आप इसे देखते हैं तो यह एक बंगले की तरह दिखेगा। इस इमारत में लगभग 3000 से अधिक पक्षी अपना आशियाना बनाकर रह सकते हैं। वहीं इनका यहां हर तरह से देखभाल किया जाएगा जैसे खाना-पीना या फिर उचित आवास। -Our country’s first 7 storey bird building built in Nagaur, Rajasthan
8 लाख रुपए की लागत
यह बर्ड हाउस लगभग 65 फीट लंबी है जिसे चंचल देवी बालचंद लुणावत ट्रस्ट द्वारा तैयार किया गया है। इसके निर्माण में लगभग 8 लाख रुपए की लागत आई है। इसका उद्घाटन 26 जनवरी को किया जाएगा और तब यह इमारत कबूतरसाला पक्षियों का बसेरा होगा और उनकी चहचाहट हर तरफ होगी।-Our country’s first 7 storey bird building built in Nagaur, Rajasthan
जानकारी के अनुसार यहां पीह ग्राम में कुछ वर्ष पहले से ही एक कबूतर साला है और इन कबूतर शाला परिसर में पक्षियों के आवास हेतु 7 मंजिला बर्ड हाउस का निर्माण भी किया गया है। उसके निर्माण में श्री वर्धमान गुरु कमल कन्हैया विनय सेवा समिति के सदस्यों का सहयोग रहा है। टीम मेंबर का यह मानना है कि यह सारे कार्य जैन संत रूप मुनि की प्रोत्साहन से संपन्न हुआ है। -Our country’s first 7 storey bird building built in Nagaur, Rajasthan
प्रार्थना कक्ष और पार्क भी
पीह गांव में जो कबूतर साला बनी है वह लगभग 2 बीघा जमीन में है। इसके निर्माण में लगभग एक करोड़ रुपए खर्च हुए हैं जो राशि दान की थी। यहां आपको एक पार्क भी मिलेगा जो बच्चों के लिए बना है। इसके अतिरिक्त आपको यहां एक प्रार्थना कक्ष भी मिलेगा जो बुजुर्गों के लिए बना है ताकि वह सुबह-शाम यहां भगवान की भक्ति में भजन-कीर्तन कर सके और पक्षियों को दाना दे सकें। यहां आपको 400 से अधिक पेड़ पौधे भी मिलेंगे जिनमें से 100 अशोक के पेड़ हैं। इस कबूतरसाला का उद्घाटन वर्ष 2014 के 14 जनवरी को जैन संत रूप मुनि व विनय मुनि द्वारा हुआ था। -Our country’s first 7 storey bird building built in Nagaur, Rajasthan
जानकारी के अनुसार यहां पक्षियों के लिए प्रतिदिन लगभग 5 से 6 बोरी अनाज आते हैं। अगर हम अनाज की बात करें तो यहां अधिकतर धान लाया जाता है इसमें हर माह लगभग 3 लाख की लागत आती है। अब यह बहुमंजिला बर्ड हाउस बन चुका है तो जाहिर सी बात है कि इसमें और अधिक खर्च बढ़ेगी। यहां ट्रस्ट द्वारा राशि आती है और उसका उपयोग कबूतरों के लिए किया जाता है। –Our country’s first 7 storey bird building built in Nagaur, Rajasthan