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गुलामी से समय के भुखमरी से चन्द्रयान और मंगलयान तक का सफर तय करने के लिए भारत को अनेकों कुर्बानियां देनी पड़ी

15 अगस्त 1947. भारत के आज़ादी का दिन. ब्रिटिश सरकार के लगभग दो सौ वर्षों की गुलामी के बाद जब भारत आज़ाद हुआ तब एक नई कहानी शुरू हुई. “एक स्वतंत्र और आत्मनिर्भर भारत की.” इस कहानी की कुछ बातें भारत के इतिहास के पन्नों में अंकित हो चुकी हैं तो कुछ अब भी लिखी जा रहीं हैं.

इस कहानी के पहले अध्याय पर हमने लिखी लोकतंत्र की कहानी. 1947 में आज़ादी के बाद इंडियन नेशनल कांग्रेस (Indian National Congress) के नेतृत्व में भारत को विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का दर्जा प्राप्त हुआ. भारत ने आज़ादी के बाद ही प्रत्येक वयस्क नागरिक को मतदान का अधिकार दिया. फिर हमारा देश तरक्की की राह पर अब तक अग्रसर है.

भारत में महिलाएं

स्वतंत्रता के वक़्त जो साक्षरता दर 12% थी, आज बढ़कर 74.04% हो गई है. शिक्षा के महत्त्व को हमने सिर्फ़ जाना ही नहीं, समझा भी है. महिलाओं की स्थिति भी आज़ादी के बाद बेहतर हुई है. 1966 में रीता फारिया विश्व सुंदरी का खिताब जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं. आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक हर रूप में महिलाओं की सहभागिता बढ़ी है. देश के हर एक छोटे-बड़े पद पर महिलाओं की नियुक्ति हुई है. विदेश और रक्षा मंत्री बनकर भी महिलाओं ने ख़ुद को साबित किया है.

औपनिवेशिक शासन काल से अब तक भारत की अर्थव्यवस्था 2.7 लाख करोड़ से बढ़कर 57 लाख करोड़ रुपए हो गई है. सड़कों, बंदरगाहों का निर्माण कर एवं खाद्यान्न के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनकर देश ने अर्थव्यवस्था को विकास के उच्च मार्ग पर लाने की दिशा में प्रगति की है. कृषि क्षेत्रों में अधिक उपज देने वाले बीजों का प्रयोग कर फसल के उत्पादन में अाई हरित क्रांति (Green Revolution) भी हमारे लिए वरदान साबित हुई. इसके परिणामस्वरूप हमारे खाद्यान्न उत्पादन में चार गुना से अधिक बढ़ोत्तरी हुई. भारत अब दालों का सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता राष्ट्र बन चुका है. चीनी का यह सबसे बड़ा उत्पादक और कपास का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश बन चुका है. भारत में दूध की कमी को दूर करने के उद्देश्य से वर्ष 1970 में ऑपरेशन फ्लड के नाम से एक योजना बनाई गई जिसे आगे चलकर श्वेत क्रांति (White Revolution) के नाम से जाना गया. आज भारत विश्व में दूध का सबसे बड़ा उत्पादक देश है.

धातु की बात करें तो भारत सोने का सबसे बड़ा आयातक और उपभोक्ता राष्ट्र भी है. दुनिया के कुल हीरों में से 90% हीरे हमारे देश में ही पॉलिश और प्रसंस्करित किए जाते हैं.

रेल नेटवर्क की बात करें तो 1947 में आज़ादी के बाद हमें रेल विरासत में मिला. वर्ष 1951 में इसका राष्ट्रीयकरण किया गया और और अब भारतीय रेलवे दुनिया के सबसे बड़े नेटवर्क में से एक है. आज यह देश के हर वर्ग द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले परिवहन प्रणाली में से एक है.

खेल जगत में भारत

खेल जगत के क्षेत्र में भी हम किसी से पीछे नहीं हैं. भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने आजादी के एक साल बाद ही सन 1948 में लंदन ऑलंपिक के दौरान स्वर्ण पदक जीतकर एक अच्छी शुरुआत की. 1960 के ओलिंपिक में मिल्खा सिंह रिकॉर्ड तोड़ने वाले पहले भारतीय बनें. 1983 और 2011 में हमने दो बार वर्ल्ड कप भी जीता है.

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शून्य आत्मनिर्भरता के बावजूद आज उन्नत राष्ट्रों में से एक हैं

इसके अलावा अगर हम टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में बात करें तो करीब करीब शून्य आत्मनिर्भरता के बावजूद आज हम कई उन्नत राष्ट्रों में से एक है. 1956 में भारत ने एशिया का पहला न्यूक्लियर रिएक्टर (Nuclear Reactor) बनाया था. आज हमारे पास 22 न्यूक्लियर रिएक्टर्स हैं. देश में दो बार परमाणु परीक्षण किए गए हैं. 1974 में जब पहली बार भारत ने शांतिपूर्ण तरीके से परमाणु परिक्षण किया तो दुनिया चकित रह गई थी. आज हमारे पास अपने सेटेलाइट हैं. कम लागत में चंद्रयान (Chandrayan) और मंगलयान (Mangalyan) को सफल बना कर पूरे विश्व में हमने ख़ुद को साबित किया है.

योग का महत्त्व विश्व को समझाया

हमनें विश्व को योग का पाठ पढ़ाया है. 2015 से प्रत्येक वर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है. योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अध्यात्म रूपी उपहार है जिसका महत्त्व हमनें पूरे विश्व को समझाया है.

स्वतंत्र भारत के इस पूरे सफर में अभी तक बहुत कुछ बदला है। जहां भारत में एक बृहद स्तर पर राजनीति की दिशा बदली है, वहीं भारत एक आर्थिक रूप से वैश्विक ताकत बनने की ओर अग्रसर है। विज्ञान के क्षेत्र में हमने अनेकों उपलब्धियां हासिल कर ली है और हम मंगल ग्रह से लेकर चन्द्रमा तक छलांग लगा चुके हैं। आजादी से अब तक के इस लंबे सफर में कुछ बातें इतिहास के पन्नों में दर्ज हो चुके हैं, आज़ादी के पहले तक अनेकों यातनाएं सहने वाले भारत मे आज अनेकों सपने फल फूल रहे हैं । अब हमारे विचार हर तरफ से स्वतन्त्र, स्वक्षन्द और आत्मनिर्भर हैं , आज का भारत आत्मनिर्भर भारत है।

Archana is a post graduate. She loves to paint and write. She believes, good stories have brighter impact on human kind. Thus, she pens down stories of social change by talking to different super heroes who are struggling to make our planet better.

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