कुछ लोगों की उन्नति उनकी उम्र से भी बड़ी होती है, क्योंकि उन्होंने मेहनत और नए आइडिया को लेकर अपनी शुरुआत को आगे बढ़ाया होता है। आइए जानते हैं एक ऐसी ही शख्सियत के बारे में।
भारतीय मूल की अमिका जॉर्ज की आयु मात्र 21 वर्ष है लेकिन उनकी मेहनत की बदौलत उन्हें ब्रिटिश सरकार के विद्यालयों में निःशुल्क पीरियड प्रोड्क्ट के प्रचार के लिए एमबीई अवार्ड से सम्मानित किया गया है। उन्हें “मेम्बर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश अंपायर” (Member of the Order of the British Umpire) पुरस्कार भी मिला है। यह सम्मान उन्हें दिया जाता है, जिनके कार्यों द्वारा अन्य व्यक्तियों को प्रेरणा मिली हो। इस अवॉर्ड को तीसरा सर्वोच्च रैंकिंग आवर्ड माना जाता है। – girls not using pads
17 साल की उम्र से शुरू किया अभियान
अमिका के माता-पिता केरल से ताल्लुक रखते हैं लेकिन अमिका अभी कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में हिस्ट्री की स्टूडेंट हैं। वे ब्रिटेन के विद्यालयों और कॉलेजों में निःशुल्क पीरिएड्स प्रोड्क्ट कई वर्षों से उपलब्ध करा रही हैं। जानकारी के अनुसार मात्र 17 वर्ष की आयु से ही उन्होंने फ्री पीरियड वितरण अभियान को प्रारंभ कर दिया था। – girls not using pads
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युवाओं के आवाज़ में है शक्ति
अमिका ने यह जानकारी दिया कि शुरुआती दौर में बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था लेकिन ब्रिटेन में पढ़ाई के तरफ ध्यान देना बहुत ही जरूरी था। मुझे जो सम्मान प्राप्त हुआ है, वह मेरे लिए बहुत बड़ा है। उन्होंने यह जानकारी दिया कि मैं लोगों को यह दिखाना चाहती थी कि युवाओं की आवाज में कितनी शक्ति है। – girls not using pads
कई लड़कियां नहीं जा पाती थी स्कूल
उन्होंने बताया “मैं उस वक्त 17 साल की थी, जब मुझे यह बात पता चली कि ब्रिटेन में अधिकतर लड़कियां इसलिए स्कूल या कॉलेज नहीं जा पाती क्योंकि उनके पास सेनेटरी पैड खरीदने के पैसे नहीं हैं। तब मैंने यह निश्चय किया कि मैं एक ऐसा प्रयास करूंगी, जिससे लड़कियों की परेशानी कम हो सके।” – girls not using pads
The Logically अमिका की सोच को सलाम करता है।