हमारे देश में स्टील का कचड़ा (Steel Waste) एक बहुत बड़ी समस्या है। हर वर्ष हमारे देश के विभिन्न स्टील प्लांट से लगभग 20 मिलियन टन स्टील के कचरे का उत्पादन होता है, जो पर्यावरण के लिए बेहद हानिकारक है। स्टील के अत्यधिक कचरे को देखते हुए यह अनुमान लगाया गया है कि साल 2030 तक देश में स्टील के कचरे में बढ़ोतरी होगी और आंकड़ा 45 मिलियन टन तक पहुंच जाएगा।
हालांकि सिर्फ स्टील का ही नहीं बल्कि अन्य प्रकार का कचरा भी पर्यावरण के लिए हानिकारक है। ऐसे में यदि समय रहते इसका उपाय नहीं ढूंढा गया तो आनेवाले समय में यह जीवों के बहुत बड़ा खतरा बन जाएगा। एक तरफ जहां कचरे का उत्पादन जो रहा है वहीं पर्यावरण का ध्यान रखते में उसको रिसाइकिल करके अलग-अलग क्षेत्र में इस्तेमाल किया जा रहा है।
भारत में पहली बार बनी स्टील की सड़क
इसी प्रकार स्टील के कचरे की ढेर और दुष्प्रभाव को देखते हुए हमारे देश में नया आविष्कार हुआ, जिसके तहत इस समस्या के समाधान हेतु देश में पहली बार स्टील की सड़क का निर्माण किया गया है। इसके बारें में यह कहा जा रहा है कि सामान्य सड़क की अपेक्षा इसे बनाने में खर्च कम आता है और अधिक टिकाऊ भी होती है। सरकार द्वारा स्टील से सड़क बनाने की कोशिश यदि सफल होगी तो आनेवाले समय में भारत में कचरे से सड़कों का निर्माण किया जाएगा। इससे कचरे का प्रबंधन भी हो जाएगा और मानव की मूलभूत सुविधाओं की भी पूर्ति हो जाएगी।
6 लेन में बनी स्टील की सड़क
एक करोड़ नब्बे लाख टन स्टील के कचरे का इस्तेमाल करके गुजरात में देश में पहली बार बनी 6 लेन में स्टील की सड़क का निर्माण किया गया है जिसका रेंज एक किमी है। (Steel Road) बता दें कि यह भारत सरकार की ड्रीम प्रोजेक्ट है जो यदि सफल होती है सड़क परिवहन मंत्रालय इसपर आगे भी कार्य जारी रहेगा और भारत के अलग-अलग जगहों ओआर स्टील की सड़कें बनाई जाएगी जिसका लुत्फ भारतवासी उठा सकेंगे।
यह भी पढ़ें:- देखिए World का सबसे ऊंचा ATM, 15000 फ़ीट की ऊंचाई पर बना है, पैसा निकालने के लिए बादलों से होकर जाते हैं
स्टील की सड़क से गुजर सकते हैं प्रतिदिन 1 हजार भारी वजन वाले ट्रक
सामान्य सड़कों को बनाने और हर वर्ष उसकी मरम्मत करने में सरकार द्वारा करोड़ों रूपए खर्च करने पड़ते हैं जो बहुत बड़ी रकम है। लेकिन स्टील की सड़क टिकाऊ होगी तो सरकार के सिर से सड़क बनवाने और उसकी मरम्मती के लिए हर वर्ष के लिए अधिक बजट का बोझ भी कम हो जाएगा। ऐसे में रिपोर्ट्स के अनुसार, स्टील की सड़क के बारें में कहा जा रहा है कि सस्ती और बेहद टिकाऊ होगी। इस सड़क पर प्रतिदिन भारी-भरकम वजन के साथ 1 हजार ट्रक गुजर सकते हैं।
सामान्य सड़क से अधिक होगी टिकाऊ होगी स्टील की सड़क
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सामान्य सड़कों और स्टील की सड़क बनाने में खर्च की तुलना की गई है, जिसके अनुसार सामान्य सड़क के निर्माण में 2100 से 2200 रुपये प्रति वर्ग मिटर का लागत आता है जबकी स्टील से सड़क (Steel Road in India) बनाने मे महज 1200 प्रति वर्ग मीटर का खर्च आता है। कम लागत में बनने के साथ स्टील की सड़क मजबुत और टिकाऊ होगी जिससे हर वर्ष इसकी मरम्मत की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और यातायात भी सुचारु रुप से जारी रहेगा।
कैसे होता है स्टील से सड़क का निर्माण?
स्टील से सड़क (Steel Road) बनाने के लिए अधिक मात्रा में स्टील की जरुरत होती है। ऐसे में स्टील प्लांट से अधिक मात्रा मे स्टील का एक जगह एकत्रित करके उसे गिट्टी में बदला जाता है। जब स्टील को गिट्टी में बदल दिया जाता है तब उस गिट्टी का इस्तेमाल सड़क के निर्माण में किया जाता है। यदि सरकार द्वारा स्टील के कचरे की समस्या से निजात पाने के लिए की जा रही कोशिश यदि सफल होगी तो इससे एक पंत दो काज सम्भव होंगे। यह मुहिम पर्यावरण की दृष्टि से भी कारगार सिद्ध होगा। इस तरह यह कहा जा सकता है कि सरकार द्वारा एक अच्छी कोशिश है।