किसी ने बहुत खूबसुरत बात कही है, कठिन रास्तों से कभी घबराएं नहीं, कठिन रास्ते ही हमें मंजिल तक लेकर जाते हैं। जी हां, सफलता हासिल करने का सफर कभी आसान नहीं होता, उसके लिए इन्सान को कितने संघर्षों का सामना करना पड़ता है तब जाकर कोई इतिहास बनाता है।
आज की यह कहानी भी एक इन्सान की है जिसके संघर्ष और सफलता की कहानी दिल छू लेगी। यह कहानी उस लड़की की है जिसे महान 10 वर्ष की उम्र में घर से निकाल दी गई, गैंगरेप का शिकार बनी, सडकों पर भीख मांगा लेकिन फिर भी कदम नहीं रोके और आज विश्व में अपना परचम लहरा दिया है। चलिए जानते हैं पूरी कहानी…
देश की पहली ट्रांसजेंडर इंटरनेशनल ब्यूटी क्वीन
हम बात कर रहे हैं देश की पहली ट्रांसजेंडर इन्टरनेशनल ब्यूटी क्वीन का खिताब जीतने वाली नाज जोशी (India’s First Transgender Beauty Queen Naaz Joshi), जो अभी तक 8 ब्यूटी पेजेंट अपने नाम कर चुकी हैं जिसमे से 7 इन्टरनेशनल ब्यूटी कॉन्टेस्ट है। हालांकि, दुनिया में अपना परचम लहराने वाली नाज जोशी के लिए यह सफर आसान नहीं था।
समाज में इज्ज्त बचाने के लिए परिवार ने किया दूर
नाज जोशी (Naaz Joshi) का जन्म दिल्ली (Delhi) के एक संपन्न परिवार में हुआ था लेकिन नाज के लिए परिवार का अधिक समय तक नहीं था। दरअसल, समय के साथ नाज में लड़का होने के बावजूद लड़कियों जैसी फीलिंग्स आने लगी थी, उनकी चालढाल में भी बदलाव होने थे। इन सब परिवर्तनों को देखकर समाज ने नाज और उनके परिवारजनों पर ताने कसने शुरु कर दिए।
समाज की तानों से परेशान होकर घरवालों ने भी अपने बेटे के प्रति अपनी सोच बदल दी और समाज में अपनी इज्ज्त बनाए रखने के लिए नाज को मामा के यहां मुम्बई (Mumbai) भेज दिया। नाज (Transgender Beauty Queen Naaj Joshi) की उम्र महज 10 वर्ष की ही थी कि तभी मामा ने ढाबे पर काम करवाने के लिए रख दिया।
बेहोशी की हालत में हुई गैंगरेप का शिकार
ढाबे पर काम करने के दौरान ही एक दिन काम से लौटने पर नाज ने देखा कि उनके मामा के लड़के और उसके कुछ दोस्त मिलकर शराब पी रहे थे। उन सभी ने नाज को भी पीने के लिए कहा लेकिन उसने मना कर दिया। फिर उन लड़को ने कोल्ड ड्रिंक्स पीने के लिए कहा तो वह मान गई लेकिन नाज को क्या पता था कि उनके साथ इतना घिनौना काम को अंजाम दिया जाएगा।
कोल्ड ड्रिंक पीते ही नाज (Naaz Joshi) बेहोश हो गई जिसका फायदा उठाकर उन लड़को ने नाज के साथ गैंगरेप जैसी घटिया और गिरी हुई हरकत की। इस बात की जानकारी जब नाज के मामा को लगी तो वह नाज को इलाज के लिए हॉस्पीटल लेकर गए और भर्ती कराकर वहीं छोड़ दिए।
भीख मांगने के साथ ही बनना पड़ा सेक्स वर्कर
जब नाज अस्पताल में भर्ती थी उसी समय एक किन्नर ने उन्हें देखा और अपने साथ किन्नर समाज के गुरू के पास लेकर गई। वहां पैसे कमाने के लिए नाज से भीख मंगवाया गया, बार में डांस करवाए गए। यहां तक की उन्हें सेक्स वर्कर के रूप में भी काम किया। इन सबके बीच एक बात सही हो रही थी और वो था नाज का पढ़ाई जारी रखना।
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शौतेली बहन ने बढ़ाया मदद का हाथ
उन्होंने इण्टरमीडिएट की परीक्षा में सफल्ता हासिल की लेकीन इस नरक और जिल्लत भरी जिंदगी से वह तंग आ चुकी थी। इसलिए महज 18 वर्ष की उम्र में वह डिप्रेशन का शिकार हो गईं। फिर जैसे-तैसे उन्होंने खुद को सम्भाला और फेसबुक के माध्यम से अपने कजिन बहन से बात की। शौलेती बहन ने नाज की मदद के लिए हाथ बढ़ाया और फैशन डिजाईनिंग का कोर्स करवाने के लिए दिल्ली के NIFT में दाखिला करवा दिया।
सर्जरी करवाकर बदल अपना जेंडर
वहां नाज जोशी (Naaz Joshi) ने अपनी मेहनत और काबिलियत के बल पर टॉप किया और इस वजह से उनका कैम्पस प्लेसमेंट हो गया और वह नौकरी करने लगी। उसके बाद उन्होंने सर्जरी करवाकर अपना जेंडर बदला और लड़की बन गई। उसके बाद एक समय एक फोटोग्राफर ने नाज को देखा और मॉडल बनने के लिए प्रोत्साहित किया।
बनी ट्रांसजेंडर इन्टरनेशनल ब्यूटी क्वीन
एक बार नाज को ट्रांसजेंडर मॉडल स्टॉपर बनने का अवसर प्राप्त हुआ और इस तरह फैशन की दुनिया में कदम रखने के बाद नाज जोशी की पूरी दुनिया ही पलट गई। फैशन और ब्यूटी की दुनिया मे उन्हें इज्ज्त, नाम और पैसा दोनों खूब मिला। नाज जोशी ने 3 साल मिस वर्ल्ड डायवर्सिटी का खिताब अपने नाम किया। उसके बाद ट्रांसजेंडर इन्टरनेशनल ब्यूटी क्वीन बनी और पूरी दुनिया में अपना परचम लहराया।
नाज जोशी (Transgender Beauty Queen Naaz Joshi) की कहानी से उन सभी को शिक्षा लेनी चाहिए, जो जिंदगी में आनेवाली छोटी-छोटी परेशानियों से हार मान जाते हैं। The Logically नाज जोशी के हौसले को सलाम करता है साथ ही भारत की पहली ट्रांसजेंडर इन्टरनेशनल ब्यूटी क्वीन (India’s First Transgender International Beauty Queen Naaz Joshi) बनने के लिए बधाई देता है।