महाराष्ट्र (Maharashtra) के सतारा (Sitara) जिले के एक गांव भिलार (Bhilar) स्ट्रॉबेरी तथा लीची की खेती के लिए पहले से ही मशहूर है। यह गाँव महाराष्ट्र की सांस्कृतिक राजधानी कहे जानेवाले पुणे (Pune) से महाबलेश्वर की ओर जाने वाले रास्ते में है। लगभग 10,000 की आबादी वाले इस गांव के ज्यादातर लोग किसान हैं। साल में 100 टन से ज्यादा स्ट्रॉबेरी का उत्पादन कर करीब 50 करोड़ रुपये का कारोबार करते हैं। पहले से ही खेती के लिए मशहूर महाराष्ट्र के भिलार गांव आज के समय में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। अब खास बात यह है कि, महाराष्ट्र के 2015 के निवर्तमान सरकार ने इस गांव का कायाकल्प करते हुए पुस्तकालय खोलने की योजना का एलान किया। राज्य के निवर्तमान मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस (Devendra Fadnavis) ने देश के पहले पुस्तक ग्राम (Country’s first book village) के रूप में इस (भिलार) गांव का उद्घाटन किया था। अब इस गांव को “किताबों के गांव” के नाम से जाना जाता है।―Bhilar village of Maharashtra is known as the “village of books”.
आइए जानते हैं भिलार के पुस्तकालय योजना से जुड़ी सभी बाते।
पुस्तकालय में है 15000 किताबें
15000 किताबों का घर बना महाराष्ट्र का (Maharashtra) भिलार गांव (Bhilar village)। जी हां, इसके लिए प्रशासन की तरफ से महाराष्ट्र सरकार को काफी सहायता मिली, अब इस गांव में करीब 15000 मराठी पुस्तकों को रखा गया है। इस गांव की झोपड़ी, मंदिर, स्कूल और रेस्ट हाउस को किताबों की लाइब्रेरी में बदल दिया गया है, अब यहां विजिटर्स आकर अपनी मनपसंद किताबों को पढ़ सकते हैं।
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शर्तो के साथ निशुल्क सेवा उपलब्ध
महाराष्ट्र के मराठी भाषा विभाग ने भिलार के 25 परिसरों को लाइब्रेरी का रूप देने के लिए शानदार किताबों के साथ ग्लास की अलमारी, कुर्सी और बीनबैग्स से सजाया है। यहां कुछ शर्तो के साथ किताबें फ्री में पढ़ी जाती हैं। बस शर्त यह है कि जिस किताब को आप पढ़ने के लिए उठाएं उसे पढ़ने के बाद वापस उसी स्थान पर रख दें।
भाषा और साहित्य प्रेमी लोगों के लिए लाई गई योजना
27 फरवरी 2015 को मराठी भाषा दिवस पर बात करते हुए महाराष्ट्र (Maharastra) के निवर्तमान शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े (Vinod Tawde) ने भिलार (Bhilar) में पुस्तकालय योजना की शुरूआत की। यह देश का पहला पुस्तकालय गांव है, जो कि महाराष्ट्र के भिलार गाँव में स्थित है। इस पुस्तकालय योजना का एलान करते हुए निवर्तमान शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े (Education Minister Vinod Tawde) ने बताया कि, यह खास योजना उन लोगों के लिए है जो साहित्य और भाषा से प्रेम रखते हैं।―Bhilar village of Maharashtra is known as the “village of books”.
लाइब्रेरी की दीवारें भी काफी अट्रैक्टिव हैं जिनमें लिखा गया है कविताएं, कला, साहित्य और लोकगीत
इस गांव में किताबों के सिवाय बहुत कुछ ऐसी चींजे है जो विज़िटर्स का मन मोह लेती है। इस गांव के सभी लाइब्रेरी के दीवारों पर कविताएं, कला, साहित्य, लोकगीत और धर्म से जुड़ी बातें लिखी गई है, इसको लिखने के लिए महाराष्ट्र ने 75 कलाकारों को लगाया था।
अगर आप भी किताबो से प्यार करते है तो एक बार इस गांव में जाकर अपनी पसंद की किताबें जरूर पढ़ें।