Monday, December 11, 2023

Cleanest Village: जानिए एशिया के सबसे स्वच्छ गांव के बारे में, यह गांव भारत की शान है

साफ-सफाई और स्वच्छता सभी को पसंद है। यही वजह है कि बदलते समय के साथ सभी लोग साफ-सफाई पर अधिक ध्यान देने लगे हैं, विशेषकर कोरोना महामारी के बाद से। वहीं यदि अपने आस-पास या मुहल्ले की स्वच्छता की बात हो तो बहुत कम लोग ही इसके लिए आगे आते हैं। लेकिन हमारे भारत देश में एक ऐसा गाँव मौजूद है जिसे पूरे एशिया में सबसे स्वच्छ गांव माना जाता है।

कौन है वह गांव?

दरअसल हम बात कर रहे हैं भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य मेघालय की पूर्व खासी पहाड़ियों में बसा “मावलिननांग” गांव (Mawlynnong Village) की, जिसे वर्ष 2003 में एशिया के सबसे साफ-सुथरे गांव का दर्जा मिला है। मेघालय (Meghalaya) का यह गांव अपनी बेजोड़ स्वच्छता के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। मावलिननांग गांव को “भगवान का अपना बगीचा” भी कहा जाता है।

India's Mawlynnong Village Asia's Cleanest Village

गांव के लोग

इस गांव में विशेषतः खासी जनजाति के लोग निवास करते हैं, जो स्वच्छता को बहुत ही गंभीरता से लेते हैं। इसलिए वे सभी अपने घरों की सफाई के साथ-साथ सड़कों की भी सफाई करते हैं। मावलिननांग गांव के हर घर में शौचालय मौजूद है तथा साथ ही सभी घरोंं के आगे बांस से बने कुड़ेदान लगे हुए हैं, ताकि कचड़ा जहां-तहां न फैले। बता दें कि, इस गांव के आय का मुख्य स्त्रोत खेती-बाड़ी है। इसके अलावा इस गांव की सबसे खास बात यह है कि यह महिला प्रधान गांव है इसलिए यहां के बच्चे अपने पिता के स्थान पर मां का सरनेम का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में यह गांव सभी के लिए एक मिसाल है।

India's Mawlynnong Village Asia's Cleanest Village

गांव के लोग नहीं करते प्लास्टिक का इस्तेमाल

एक तरफ जहां आज प्लास्टिक प्रदूषण का मुख्य कारण है और लोग इसका इस्तेमाल अधिक मात्रा में कर रहे हैं, वहीं मेघालय का यह गांव पूरी तरह से प्लास्टिक रहित है। जी हां, यहां के लोग प्लास्टिक के स्थान पर कपड़े के बने थैले और बांस के बने कुड़ेदान का इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा इस गांव के लोग लकड़ी का प्रयोग अधिक करते हैं। यदि इस गांव में आनेवाला टूरिस्ट कचड़ा फेंके तो गांव के लोग स्वयं उसकी सफाई करते हैं। (Asia’s Cleanest village Mawlynnong)

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गांव की साक्षरता दर है 100%

आमतौर भारत में अभी कई ऐसे गांव हैं जहां अधिक सुविधा उप्लब्ध नहीं है, जिससे लोगों में साक्षरता दर की कमी है। लेकिन एशिया का सबसे स्वच्छ गांव मावलिननांग गांव के सभी ग्रामीण शिक्षित हैं और अपने-अपने काम के प्रति समर्पित हैं तथा साथ ही अच्छी अंग्रेजी भी बोल लेते हैं। इसके अलावा यहां के लोग कचड़े को रिसाइकिल करके उसका प्रयोग खाद के रूप में करते हैं। इससे पर्यावरण भी स्वच्छ रहेगा और खेतों में अनाज का उत्पादन भी बेहतर होगा।

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खुबसूरत टूरिस्ट डेस्टिनेशन है यह गांव

इस गांव में ब्रिज का निर्माण पेड़ की जड़ों से किया गया है जो देखने में बेहद खुबसूरत और आकर्षक लगता है। साथ ही ट्रेकिंग के लिए यह ब्रिज बहुत ही खास माना जाता है। इसके अलावा इस गांव चारो ओर से हरियाली से घिरा हुआ है। यहां मौजूद नदी, झरने, लिविंग रूट ब्रिज, पहाड़ आदि बेहद मनमोहक हैं और इस गांव की खुबसूरती में चार चांद लगाते हैं।

आजकल जहां एक तरफ नदियों में प्रदूषण बढ़ रहा है और उसकी सफाई का अभियान चलाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर यहां के Dwaki नदी का पानी इतना साफ है कि इसमे चलती नाव से देखने पर ऐसा लगता है जैसे पानी में नहीं आप हवा में तैर रहे हो।

भारत-बांग्लादेश के बॉर्डर पर स्थित होने के कारण यहां से बांग्लादेश के बॉर्डर को देखा जा सकता है। वहीं यहां के रंग-बिरंगे फूलों से सजे गार्डन मौजूद हैं जो अपने आप में बेहद आकर्षक हैं। इसके अलावा चर्च ऑफ़ एपीफेनि भी यहां स्थित है।

a boat floating in dwaki river

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गांव के स्पेशल फूड्स

इस गांव की एक विशेषता यह है कि यहां के लोग ऑर्गेनिक खेती करते हैं। यदि आप इस गांव की सैर के लिए जाते हैं तो यहां लाल चावल से बने व्यंजन जदोह का स्वाद जरुर चखें। इसे पोर्क और चिकन मसालों को साथ में मिलाकर पकाया जाता है। इसके अलावा यहां मिनिल सोंगा, पुखलेईन, तुंग्रीबाई और केले के फूल से बनी सब्जी का आन्नद ले सकते हैं। (Mawlynnong the Cleanest village of Asia)

special food items of Mawlynnong  village

कब जा सकते हैं यहां

यहां जाने का सबसे सही समय मॉनसून और उसके बाद का महीना होता है क्योंकि उस समय इस जगह की खूबसूरती में चार चांद लग जाता है। लेकिन वहां की संस्कृति के बारे में जानने के लिए जुलाई के महीना उचित माना जाता है।

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कैसे पहुंचे मावलिननांग गांव?

इस गांव की दूरी शिलॉन्ग से 90 किमी और चेरापूंजी से 92 किमी है। शिलॉन्ग टर्मिनल मेघालय में सबसे नजदीक का एयरपोर्ट है, यहां से सड़क मार्ग के जरिए इस गांव में पंहुचा जा सकता है। हालांकि, इस गांव में पहुंचने का सबसे आसान तरीका सड़क मार्ग है।