Sunday, December 10, 2023

अब घर में ही कीजिए केसर की खेती, घरेलू खेती से ही लाखों की कमाई हो सकती है: Kesar Ki Kheti

केसर की खेती (Kesar Ki Kheti) का नाम सुनते ही सबसे पहला विचार हमारे दिमाग में कश्मीर का आता है, क्योंकि वहां भारी मात्रा में इसकी खेती की जाती है। लेकिन अब देश के अन्य हिस्सों में भी इसकी खेती शुरु हो गई है। लाखों की कीमत में बिकने वाली केसर की अब इंडोर फार्मिंग तकनीक के जरिए भी उत्पादन किया जा रहा है। हालांकि, इस तकनीक की शुरूआत सबसे अधिक केसर उत्पादक राज्य काश्मीर में हुआ था, जिसे अब देश के अन्य किसान भी अपना रहे हैं और घर पर ही केसर का उत्पादन कर रहे हैं।

केसर की खेती (Saffron Farming) के लिए जून से लेकर सितम्बर तक का महीना अच्छा माना जाता है। वहीं केसल की फसल को तैयार होने में भी अधिक समय नहीं लगता है, यह महज 3 से 4 महिने में ही तैयार हो जाता है। केसर उगाने के लिए अच्छी-खासी धूप की जरुरत होती है क्योंकि ठंड और नमी वाले मौसम में इसके पौधें खराब होने लगते हैं। तटस्थ, दोमट और बजरी और रेतीली मिट्टी पर ही इसकी खेती की जाती थी लेकिन अब किसानों को इन सभी झंझटों से मुक्ति मिल गई है।

जी हाँ, अब किसानों को केसर की खेती करने के लिए उपयुक्त मिट्टी नहीं होने की वजह से हताश होने की जरुरत नहीं है क्योंकि अब वे इसकी इंडोर फार्मिंग (Indoor Farming of Saffron) करके भी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

कैसे होती है केसर की इंडोर फार्मिंग?

केसर की इंडोर फार्मिंग खुले आसमान में इसकी खेती करने के तरीके से बिल्कुल अलग है। आमतौर पर इसकी खेती के लिए अच्छी धूप की जरुरत होती है लेकिन इस तकनीक में रोशनी की जरुरत नहीं होती है। केसर की इंडोर फार्मिंग बन्द और अंधेरे कमरे में की जाती है, जहां तनिक भी रोशनी नहीं पहुंचती हो। ऐसा इसलिए क्योंकि रोशनी केसर के पौधें को नुक्सान पहुँचा सकती है।

Indoor Farming तकनीक से केसर उगाने के लिए केसर के कार्म को लगभग 3 महीने तक उस कमरे में रखा जाता है जहां बिल्कुल अंधेरा ही अन्धेरा हो और रोशनी का नामो-निशान न हो। ध्यान रहे कि कमरे का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस हो। तीन महीने बाद केसर कटाई के लिए तैयार हो जाते हैं।

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इंडोर फार्मिंग तकनीक (Indoor Farming Technique) से केसर उगाने के फायदें-

  • चूँकि, इस तकनीक में केसर को एक बन्द कमरे में उगाया जाता है इसलिए इसमें न तो अधिक मेहनत और न ही अधिक पैसों की जरुरत होती है।
  • केसर की खेती करने वाले किसानों को फसल की सुरक्षा के लिए देखरेख करनी होती है क्योंकि पार्कोक्वीन नामक जानवर केसर की खुदाई करके उसके बीज खा जाते हैं। ऐसे में इंडोर फार्मिंग किसानों के लिए वरदान साबित होगी क्योंकि इसमें जानवरों से फसल खराब होने का डर नहीं रहता है।
  • खेतों में केसर की खेती पर मौसम का भी प्रभाव पड़ता है, लेकिन इंडोर फार्मिंग टेक्नीक से केसर की फसल पर मौसम का असर नहीं पड़ेगा।
  • इस तकनीक से केसर उगाने का एक और फायदा यह है कि इसमें कम लागत, कम देखरेख और कम मेहनत में अच्छी पैदावार हो जाती है जिससे किसानों को इसका बेहतर फायदा मिलेगा।

महीने में कमा सकते हैं 6 लाख रुपये

बाजार में केसर की कीमत 3 लाख रुपये है और इतना महंगा होने के बावजूद भी मार्केट में भारी मात्रा में इसकी डिमांड रहती है। ऐसे में यदि कोई केसर का उत्पादन करके हर महिने 2 किलो केसर की बिक्री करता है तो उसे 6 लाख की बड़ी रकम की कमाई हो सकती है। केसर की बिक्री आप ऑनलाइन या किसी भी मंडी में कर सकते हैं। इसकी कीमत अधिक होने के कारण इसे “लाल सोना” (Red Gold) भी कहा जाता है।

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केसर के फायदें और इस्तेमाल (Benefits & Uses of Saffron)

केसर एक प्रकार का मसाला है जिसकी गिनती दुनिया के सबसे महंगे मसालों में की जाती है। इसका इस्तेमाल आमतौर पर दूध या दूध से बनी रेसिपीज में किया जाता है। इसके अलावा इसमें कई सारे औषधीय गुण पाए जाते हैं जो हमारे शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। इसका इस्तेमाल कई प्रकार की बीमारियों में किया जाता है जैसे सर्दी, बुखार, कैंसर और आर्थराइटिस आदि। इसके अलावा केसर के फूलों का इस्तेमाल साबुन, तेल और फेस मास्क सहित अन्य चीजों को बनाने में किया जाता है।

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