भारतीय नौसेना (Indian Navy) में पहले से ही कई पनडुब्बीया सामिल हैं, परंतु जब तीसरी स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी आइएनएस करंज (INS Karanj) हमारे भारतीय नौसेना में शामिल हुई, तब उसकी समुद्री ताकत और भी बढ़ गई। नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह (Admiral karambir Singh) और एडमिरल वीएस शेखावत (Admiral VS Shekhawat) (सेवानिवृत्त) की मौजूदगी में आइएनएस करंज (INS Karanj)को भारतीय नौसेना में शामिल कराया गया।
आइएनएस करंज (INS Karanj) बनेगी अब भारतीय नौसेना की ताकत
इससे पहले भी नौसेना दो पनडुब्बियों को इस श्रेणी में शामिलमिल कर चुका है। जिसमें आइएनएस कलवरी (INS Kalvari) और आइएनएस (INS Khanderi) खंदेरी है। इस पनडुब्बी का निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (Mazgaon Dock Shipbuilders Limited) में मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत हुआ है। इस मौके पर नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह कहते है कि भारतीय नौसेना पिछले 7 दशकों में रक्षा में स्वदेशीकरण और आत्मनिर्भरता की मजबूत समर्थक रही है।
भारतीय शिपयार्डों में 40 पनडुब्बियों का निर्माण किया जा रहा है
प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह बताते हैं कि वर्तमान में 42 जहाजों और पनडुब्बियों में से 40 का निर्माण भारतीय शिपयार्डों में किया जा रहा है। भारत सरकार के साथ हुए समझौते के तहत अब भी इस शिपयार्ड पर छह पनडुब्बियों का निर्माण किया जाना बाकिर है। वेला और वजीर परीक्षण के साथ ही छठी पनडुब्बी का निर्माण कार्य चल रहा है। रिपोर्ट के अनुसार भारत प्रोजेक्ट-75 इंडिया के तहत छह और बड़ी और सक्षम पनडुब्बियों के निर्माण की योजना बनाई जा रही है।
Scorpene-class submarine INS Karanj commissioned into Indian Navy in Mumbai, in presence of Chief of Naval Staff Admiral Karambir Singh and Admiral (Retired) VS Shekhawat pic.twitter.com/8Sk520fhzR
— ANI (@ANI) March 10, 2021
22 मई से जहाजों की आपूर्ति शुरू होगी
भारतीय नौसेना अपनी ताकत और भी बढ़ाने के लिए और 11 हथियार-सह-टोरपीडो -सह-मिसाइल (एसीटीसीएम) जहाजों के निर्माण के लिए सूर्यदीप्त प्रोजेक्ट्स के साथ समझौता किया हैं। नौसेना ने मंगलवार को एक बयान के जरिए कहा कि ठाणे की एमएसएमई सूर्यदीप्त प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (MSME Suryadipat Projects Private Limited) के साथ पांच मार्च को समझौता हुआ था। रिपोर्ट के मुताबिक जहाजों की आपूर्ति 22 मई से शुरू होगी। आत्मनिर्भर भारत की दिशा में यह एक अच्छी पहल होगी।