भारत के लाखों युवाओं का सपना होता है देश की सेवा करना। इसके लिए अलग-अलग तरीके से वह तैयारी करते हैं। ऐसे ही युवाओं में से कुछ युवा आईएएस बनने का फैसला करते हैं क्योंकि उन्हें यह पता होता है कि एक आईएएस के पास इतनी ताकत होती है कि वह हर तरीके से देश की सेवा कर सकता है।
हालांकि आईएएस बनना आसान नहीं है इसके लिए यूपीएससी जैसे कठिन परीक्षा को क्रैक करना पड़ता है। यह जानते हुए भी हर वर्ष लाखों युवा यूपीएससी की परीक्षा देते हैं जिसमें से कुछ का ही सपना पूरा हो पाता है। बता दें कि आईएएस का एग्जाम यूपीएससी के सबसे टफ एग्जाम्स में से एक माना जाता है। इस पूरी परीक्षा में व्यक्ति की बौद्धिक क्षमता का टेस्ट लिया जाता है और कुछ लोग ही इसे क्लियर कर पाते हैं। – Some of India’s women IAS officers who made their mark by their own work.
यूपीएससी की परीक्षा केवल पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाएं भी देती है। यही वजह है कि आज भारत में कई महिला आईएएस ऑफिसर मौजूद है, जिन पर आज देश को गर्व होता है। आज हम आपको भारत की कुछ महिला आईएएस ऑफिसर के बारे में बताएंगे, जो अपने कार्य के लिए जानी जाती हैं। – Some of India’s women IAS officers who made their mark by their own work.
- प्रीति सुदान (Preeti Sudan)
1983 में आईएएस अफसर बनी प्रीति सुदान भारत की सबसे कर्मठ महिला IAS अफसर में से एक मानी जाती हैं। बता दें कि वह भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में अक्टूबर 2017 से जुलाई से लेकर 2020 तक सेक्रेटरी रही हैं। प्रीति ‘आयुष्मान भारत योजना’ की प्लानिंग और क्रियान्वयन में प्रमुख सदस्य के रुप में कार्य कर चुकी हैं। कोरोना महामारी के दौरान उन्होंने राज्यों और केंद्र के बीच कोऑर्डिनेट करने के लिए यूनियन हेल्थ मिनिस्टर के साथ भी काम किया। इसके अलावा प्रीति वर्ल्ड बैंक में कंसल्टेंट के तौर पर भी काम कर चुकी हैं।
Union Health Secy Preeti Sudan writes to Chief Secretaries/Administrators of all states/UTs stating that pvt hospitals, clinics to remain functional for non-#COVID patients. Also states, that no patient should be denied any essential services like dialysis, blood transfusion etc. pic.twitter.com/T5pU76WECB
— ANI (@ANI) April 28, 2020
- अन्ना राजम मल्होत्रा (Anna Rajam Malhotra)
सन् 1951 में अन्ना राजम मल्होत्रा भारत की पहली आईएएस अफसर बनी थीं। तैयारी के दौरान पैनलिस्ट ने उन्हें कई ऐसा सुझाव दिया कि वह यूपीएससी की तैयारी ना कर विदेश सेवा या केंद्र सेवा की ओर अपना ध्यान लगाएं, क्योंकि यह पद महिलाओं के लिए ज्यादा उपयुक्त माना जाता था। हालांकि अन्ना राजम बिना इन सब बातों का ध्यान दिए तैयारियों में जुटी रहीं और देश की पहली महिला आईएएस ऑफिसर बनी। लक्ष्य प्राप्त करने के बाद उन्हें ऐसी मानसिकता का सामना करना पड़ा कि एक महिला कानून एवं व्यवस्था को मैनेज नहीं कर सकती है। अन्ना राजम हर किसी को गलत साबित करने के साथ ही देश के लिए कुछ गेम-चेंजिंग प्रोजेक्ट्स पर भी अपना अहम योगदान दी।
She defied stereotypes to get into the Steel Frame of Bureaucracy and became Independent India's 1st woman #IAS officer.
— IPS Association (@IPS_Association) September 18, 2018
As she leaves for heavenly abode, we bid goodbye to Smt Anna Rajam Malhotra, with reverence & gratitude. Prayers & Tributes!@PMOIndia @IASassociation pic.twitter.com/6RevOGheKI
- स्मिता सभरवाल (Smita Sabharwal)
स्मिता सभरवाल बतौर आईएएस मुख्यमंत्री के कार्यालय में नियुक्त हैं। साल 2001 बैच की आईएएस अफसर स्मिता केवल 22 साल की उम्र में यूपीएससी का एग्जाम क्लियर करके देश में चौथी रैंक हासिल की। स्मिता लोगों के बीच ‘जनता की अफ़सर’ के नाम से प्रसिद्ध हैं। वह नागरिकों को उनके मुद्दों को संबोधित करने में शामिल करती हैं। जब स्मिता वारंगल की नगरपालिका में आयुक्त थीं उस समय उन्होंने ‘फंड योर सिटी’ नाम से एक स्कीम लॉन्च की थी साथ ही इसके लिए उन्होंने लोगों को भी प्रोत्साहित किया था।
Monday mettle #WorkHard
— Smita Sabharwal (@SmitaSabharwal) April 11, 2022
There is no traffic-jam along the extra mile. pic.twitter.com/0kZCrNfTIx
- एनीस कनमनी जॉय (Aeneas Kanmani Joy)
एनीस का जन्म केरल के पिरवोम जिले के एक छोटे से गांव पंपाकुड़ा में एक साधारण परिवार में हुआ था। एनीस पहली प्रोफेशनल नर्स हैं, जो IAS अफसर बनी हैं। साल 2012 के बैच में IAS अफ़सर बनी एनीस कर्नाटक में कोडागु के उपायुक्त के रूप में अपनी पहचान बनाई।
- टीना डाबी (Tina Dabi)
साल 2015 में सिविल सर्विस परीक्षा की टॉपर टीना अपने कार्य से एक अलग पहचान बना चुकी हैं। 9 नवंबर 1993 को भोपाल में जन्मी टीना डाबी कोरोना काल में टीना का जिला पहला कोरोना का कन्टेनमेंट जोन बना था, उस समय भीलवाड़ा मॉडल’ की प्रशंसा पूरे देश में हुई थीं।
Greetings on National Civil Services Day🇮🇳🙏🏻
— Tina Dabi (@dabi_tina) April 21, 2021
I am honoured to be part of these illustrious services which contribute to public welfare, especially in the times of Covid-19 Pandemic. pic.twitter.com/SRwXUsq5K5
- बीला राजेश (Beela Rajesh)
बीला राजेश 1997 बैच की IAS अफसर हैं। तमिलनाडु राज्य में कोरोना महामारी के दौरान बेहतरीन काम के लिए वह सबके नज़र में आई। कोरोना से पहले साल 2019 में उनके राज्य में डेंगू के प्रकोप से कई लोगों की जान चली गई थी ऐसी परिस्थिति में बीला लोगों को बचाने के लिए अहम योगदान दी।
Tamil Nadu Health Secretary Beela Rajesh: A person has been identified positive with #Coronavirus and is under surveillance here at a hospital. We are tracing contact history. Further, we are screening every person coming from outside. pic.twitter.com/wY87FwAdEh
— ANI (@ANI) March 8, 2020
- दिव्या देवराजन (Divya Devarajan)
दिव्या देवराजन बतौर आईएएस ऑफिसर काम करते हुए ग्रामीण भारत के दिल में अपनी जगह बनाई। दिव्या तेलंगाना के आदिलाबाद में साल 2017 में आदिवासी टकराव के दौरान पोस्ट की गई थीं। केवल उनके टकराव को सुलझाने के लिए दिव्या काफी मेहनत की। यहां तक कि वह आदिवासीयों की भाषा भी सीखी। इससे प्रभावित होकर आदिवासियों ने उनके नाम पर गांव का नाम रख दिया।
Ms Divya Devarajan, #IAS while posted as Collector Adilabad, learnt local tribal language Gondi and with dialogue & discourse reduced inter-tribal conflicts. She proactively made administration responsive & accessible to vulnerable groups. Kudos https://t.co/7SdrK01szh
— IAS Association (@IASassociation) June 13, 2020
- दुर्गा शक्ति नागपाल (Durga Shakti Nagpal)
साल 2010 के बैच की आईएएस अफसर दुर्गा शक्ति नागपाल, अवैध तरीक़े से बालू का का खनन करने वाले माफ़िया को पकड़ने के बाद सबके सामने आई और अपने कार्यों से प्रसिद्ध हुई। इसके अलावा उन्होंने मोहाली में भी एक जमीन के घोटाले को एक्सपोज किया था। दुर्गा भारत के राजनीतिक सिस्टम से भ्रष्टाचार को हटाने के लक्ष्य से काम कर रही हैं।
What a stellar show by IIHM final year students at the fine dining lunch today! You guys will ROCK!! Wishing you all the best in life 💐 pic.twitter.com/pvODUZMrhK
— Durga Shakti Nagpal (@DurgaShaktiIAS) April 2, 2022
- हर्षिका सिंह (Harshika Singh)
हर्षिका सिंह आईएएस अफसर बनने के बाद लिंग अनुपात, महिला शिक्षा और मातृ मृत्यु दर को सुधारने के लिए कई बरे फैसले किए। उन्होंने टीकमगढ़ के 35 ग्राम पंचायत में ‘ज्ञानालय’ प्रोग्राम गर्ल चाइल्ड एजुकेशन की शुरूआत भी करवाई। उनकी यह कार्यक्रम एक बड़ी सफ़लता बनकर दुनिया के सामने आईं। उनसे प्रेरित होकर अन्य राज्यों में भी उन्हें किए गए कार्य को अपनाया गया।
An attempt towards 100% literacy in the district! https://t.co/zeJmMe4juE
— Harshika (@HarshikaIAS) May 12, 2022
- हरी चंदना दसरी (Hari Chandana Dasari)
हरी चंदना दसरी हैदराबाद में ‘ग्रीन रिवोल्यूशन’ के लिए जानी जाती हैं। हरी चंदना के पिता आईएएस थे और उन्हीं से प्रेरित होकर हरी लंदन की नौकरी छोड़ कर आईएएस बनी। पिछले 10 सालों में बतौर आईएएस अफसर हरी चंदना लोगों की जिंदगी में पॉजिटिव चेंज लाने के लिए कई अहम कदम उठाई। वह टिकाऊ और समावेशी विकास मॉडल अपनाकर लोगों की जरूरतों और उनके आसपास की पारिस्थिति के बीच एक अच्छा संतुलन बनाने में जुटी हैं।
– Some of India’s women IAS officers who made their mark by their own work.
Team @AarunyaNrpt thank@SmitaSabharwal ma'am for motivating #women #microentrepreneurs of #Narayanpet #Telangana. #rural initiatives get their iconic endorsement.
— Hari Chandana IAS (@harichandanaias) March 14, 2022
Means a lot ma'm 🙏🏼 pic.twitter.com/sevSE3l8pQ