Wednesday, December 13, 2023

कभी अखबार बेची तो कभी किया पार्ट टाइम जॉब, अत्यंत गरीबी का सामना करते हुए दर्जी का बेटा बना IAS

UPSC की परीक्षा हर साल आयोजित की जाती है जिसमें काफी संख्या में परीक्षार्थी हिस्सा लेते हैं। लेकिन इसमें सफलता उसी को मिलती है जिसने तैयारी के बीच आनेवाली सभी चुनौतियों का सामना किया और कोई बहाना न बनाकर कठिन परिश्रम किया होता है। आज की यह कहानी भी एक ऐसे ही जुनुनी युवा की है जिसने तमाम परेशानियों का सामना करने के बाद भी हार नहीं माने और कड़ी मेहनत से IAS बनकर ही दम लिया।

कौन है वह जुनुनी युवा?

हम बात कर रहे हैं निरीश राजपूत (Nirish Rajput) की, जो मूलरूप से मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के रहनेवाले हैं। बेहद गरीब परिवार में जन्में निरीश के पिता अपने घर-परिवार का भरण-पोषण करने के लिए दर्जी का काम करते थे जबकि उनके दोनों बड़े भाई शिक्षक हैं। अत्यंत गरीब होने के बावजूद भी निरीश ने हार नहीं मानी औए उनकी पढ़ाई के लिए भाई और पिता ने पूरा साथ दिया।

एल इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया कि, देश की कठिन परीक्षाओं में शुमार UPSC की तैयारी करने से पहले उन्हें इस बारें में बस इतनी ही जानकारी थी कि इसमें सफलता मिलने के बाद जब वे IAS बन जाएंगे तो इससे उनकी जिंदगी में बदलाव आ सकता है। Success Story of IAS Nirish Rajput.

मित्र ने दिया धोखा

घर की स्थिति दयनीय होने के बावजूद भी उन्होंने उसका असर अपनी पढ़ाई पर नहीं पड़ने दिया। उन्होंने मन लगाकर पढ़ाई किया और परिणामस्वरुप B.sc. और M.sc. की परीक्षा में टॉप हुए। चूंकि, वह पढ़ने-लिखने में काफी होशियार थे इसलिए उनके दोस्त ने अपनी कोचिंग में UPSC की तैयारी कर रहे छात्रों को पढ़ाने का मौका दिया। इसके बदले में उनके मित्र ने उन्हें प्रॉमिश किया था कि वह उन्हें स्टडी मटेरियल देगा।

मित्र के वादे के अनुसार निरीश (IAS Nirish Rajput) ने 2 साल तक उस कोचिंग में छात्रों को पढ़ाया और उसे आगे बढ़ाया लेकिन इसके बदले उन्हें धोखा मिला। कामयाबी जैसे ही कदम चुमी उसने निरीश को अपने कोचिंग इंस्टीट्यूट से निकाल दिया। कोचिंग से निकाले जाने के बाद उनकी आर्थिक स्थिति और बिगड़ गई। उनके पढ़ने का जो माध्यम था वह बन्द हो गया, यहां तक कि फीस भरने तक के भी उनके पास पैसे नहीं थे।

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दोस्त से नोट्स उधार लेकर शुरु की UPSC की तैयारी

पैसों की तंगी का सामना करने के लिए उन्होंने अखबार बेचने का निर्णय लिया और घर-घर जाकर अखबार बांटना शुरु कर दिया। इससे उनके पास फीस जुटाने के लिए पैसे हो गए। हालांकि, एक अपने मित्र द्वारा दिए गए धोखे ने उन्हें पूरी तरह से कमजोर कर दिया था जिससे उन्हें संभलने में दो वर्ष का समय लगा। निरीश ने उस धोखे से सबक लेते हुए दिल्ली जाने का फैसला किया ताकि Upsc की तैयारी कर सके। इसके लिए उन्होंने वहां एक और मित्र से UPSC का नोट्स उधार लिया और तैयारी में जुट गए।

पैसों की तंगी के कारण पढ़ाई के साथ करने लगे पार्ट टाइम जॉब

पहले से आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से जब निरीश दिल्ली आ गए तो पैसों की समस्या और बढ़ गई। इस बार भी उन्होंने इस परेशानी का सामना करने के लिए UPSC की तैयारी करने के लिए पार्ट टाइम जॉब करने लगे। पैसों की कमी के कारण कोचिंग में दाखिला न लेकर सच्चे मन से खुद से ही तैयारी करने लगे।

तीन बार असफल होने के बाद भी नहीं माने हार

कहते हैं UPSC ज्ञान के साथ-साथ धैर्य का भी इम्तिहान लेती है। शायद यही वजह थी कि कठिन मेहनत करने और 18 घन्टे की पढ़ाई के बाद भी तीन बार UPSC की परीक्षा में असफल रहें। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और दोगुनी मेहनत से तैयारी में लगे रहे। परिणामस्वरुप उनकी मेहनत रंग लाई और इस बार उन्होंने खुद से तैयारी करके UPSC की परीक्षा में ऑल इंडिया 370 वीं रैंक से सफल हुए।

प्रेरणा

निरीश राजपूत (IAS Nirish Rajput) की सफलता से हमें सीख लेनी चाहिए कि जीवन में चाहें कितनी भी तकलीफें क्यों न आ जाएं हार नहीं माननी चाहिए। सभी चुनौतियों का डटकर सामना करनी चाहिए और तब तक हार नहीं माननी चाहिए जबतक सफलता हमारी कदम न चूम लें। Success Story of IAS Nirish Rajput.

The Logically निरीश राजपूत की सफलता पर उन्हें ढेर सारी बधाई देता है।