कहते हैं न, अगर हौसलें बुलंद हो विपरीत परिस्थितियों में भी सफलता हासिल की जा सकती है। इस बात को सच में तब्दील किया है तमिलनाडु की रहने वाली पूर्णा सांथरी (IAS Purna Sunthari) ने। जी हां पूर्णा ने अपने मेहनत और लगन के बदौलत अपनी तकदीर हीं बदल डाला।
बता दें कि, पूर्णा सांथरी (IAS Purna Sunthari) ने पांच साल की उम्र में ही अपनी आंखों की रोशनी खो दी थी लेकिन फिर भी उन्होंने अपने हौसलें बुलंद रखे और आज आईएएस अफसर बनकर देश में अपनी एक अलग पहचान स्थापित की हैं।
साधारण परिवार से ताल्लुक रखती हैं पूर्णा
पूर्णा (IAS Purna Sunthari) तमिलनाडु (Tamilnadu) के मदुरई के एक बेहद हीं साधारण परिवार से ताल्लुक रखती हैं। इनके पिता एक निजी कंपनी में सेल्स एग्जीक्यूटिव की नौकरी करते थे और इसी नौकरी से अपने परिवार का पालन पोषण किया करते थे।
पांच सालों में खो दी आंखो की रोशनी
पूर्णा के पिता इनके जन्म के बाद बहुत खुश थे और वे अपनी बेटी को आईएएस बनाना चाहते थे। लेकिन जब पूर्णा पांच साल की हुई और उनकी आंखो की रोशनी चली गई तो पिता को लगा कि अब उनका सपना नहीं पूरा हो सकता है और वे अपनी बेटी के भविष्य के बारे में सोचकर उदास रहने लगे। लेकिन पूर्णा ने ठान लिया था कि वे हार नहीं मानेगी और अपने पिता के सपनों को साकार करेगी।
हार न मानते हुए की पढ़ाई पूरी
पूर्णा (IAS Purna Sunthari) ने हार न मानते हुए अपनी पढ़ाई को जारी रखा। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा मदुरई पिल्लैमर संगम हायर सेकेंडरी स्कूल से पूरी की और इसके बाद उन्होंने मदुरई के ही फातिमा कॉलेज से इंग्लिश लिटरेचर में बैचलर्स की डिग्री प्राप्त किया। फिर उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करना शुरू कर दिया।
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यूपीएससी की तैयारी के दौरान आई परेशानियां
पूर्णा (IAS Purna Sunthari) ने यूपीएससी की तैयारी की बात जब अपने माता- पिता को बताया तो उन्होंने भी इनका साथ दिया। हालांकि
इनके तैयारी के दौरान कुछ स्टडी मैटेरियल ऑडियो फॉर्मेट में उपलब्ध नहीं होने के कारण इनको थोड़ा परेशानियों का सामना करना पड़ा लेकिन बाद में इनके माता-पिता ने उनके कुछ दोस्तों से बातचीत कर किताबों को ऑडियो फॉर्मेट में बदल दिया।
प्राप्त किया 286 रैंक
इसके बाद पूर्णा (IAS Purna Sunthari) ने पूरे लगन और मेहनत से अपनी तैयारी जारी रखी और अंततः इनके मेहनत ने रंग लाई और वर्ष 2019 में यूपीएससी की परीक्षा में 286 रैंक हासिल कर इन्होंने एक मिसाल कायम कर दिया।