जिंदगी में एक के बाद एक चुनौतियां आने के बाद कई लोग उसके सामने घुटने टेक देते हैं। लेकिन कुछ लोग उससे लड़ने की हिम्मत रखते हैं और जिंदगी में आगे बढ़ने का फैसला करते हैं और ऐसे लोग ही समाज के अन्य लोगों के लिए प्रेरणा बनते हैं और दूसरों की जिंदगी में बदलाव लाते हैं।
कुछ ऐसी ही कहानी है सीता (Sita) की, जो जिंदगी की कठिनाइयों का सामना करते हुए आगे बढ़ी और आज ऑटो चलाकर अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे रही हैं। वहीं सीता अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा की मिसाल भी बन गई हैं। इसी कड़ी में चलिए जानते हैं सीता के बारें में-
महज 13 वर्ष की उम्र मे हो गई थी शादी
सीता (Sita) एक गरीब परिवार से सम्बंध रखती हैं। गरीबी इतनी थी कि वह कक्षा नौ के बाद अपनी पढ़ाई भी पूरी नहीं कर सकीं और महज 13 वर्ष की उम्र में परिवार वालों ने उनकी शादी कर दी। शादी के बाद भी उन्हें कई सारी समस्याओं का सामना करना पड़ा लेकिन उन्होंने हार नहीं माना।
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कहां से मिली ऑटो चलाने की प्रेरणा?
घर और बच्चों की परवरिश के लिए सीता देश की राजधानी दिल्ली चली गईं और वहां जाकर वह बच्चों की परवरिश के लोग दूसरों के घरों में खाना बनाकर और साफ-सफाई का काम करने लगी। सीता बताती हैं कि, एक समय उन्हे ऋतु नाम की एक महिला से मुलाकात हुई जिसने उन्हें ऑटो चलाने के लिए प्रेरित किया।
ऋतु नाम की महिला ने न सिर्फ सीता (Auto Driver Sita) को ऑटो चलाने के लिए प्रेरित किया बल्कि ऑटो चलाने की ट्रेनिंग भज दिलाई। उसके बाद 40 वर्षीय सीता ने ऑटो चलाना शुरु किया और आज ऑटो चलाकर ही अपने बच्चों को कॉलेज में पढ़ा रही हैं।
अन्य महिलाओं को भी देती हैं ऑटो चलाने की जानकारी
सीता दिल्ली के कालका मेट्रो स्टेशन के बाहर सुबह 10 बजे से लेकर 7 बजे तक ऑटो चलाती हैं। उनका ऑटो पर्यावरण के अनुकूल है और देखने में भी अलग दिखाई देता है। आज सीता खुद आत्मनिर्भर बनने के बाद अन्य महिलाओं को भी ऑटो चलाने के बारें में जानकारी देती हैं ताकि वे भी अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण कर सके।