Wednesday, December 13, 2023

किसान की बेटी ने सेल्फ स्टडी के जरिए पास की UPSC की परीक्षा, 65 वीं रैंक लाकर बनी IAS अधिकारी

किसी ने बहुत ही खुबसूरत बात कही है, “मन के हारे हार है और मन के जीते जीत”। यदि कोई भी इन्सान यदि अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए दृढ़ संकल्प कर लें और कठिन परिश्रम करने के लिए तैयार हो तो कोई भी मुश्किल चाहे वह गरीबी ही क्यों न हो, कभी भी राह में रोड़ा नहीं बन सकती है।

उपर्युक्त बातों को एक गरीब किसान की बेटी ने सत्य साबित कर दिखाया है। विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हुए उसने IAS ऑफिसर बनकर सभी के लिए बेहद अनूठा प्रेरणा स्थापित किया है। इसी कड़ी में आइए जानते हैं उस IAS अधिकारी के संघर्ष भरे राह के बारे में-

कौन है वह IAS अधिकारी?

हम बात कर रहे हैं IAS अधिकारी एनीस कनमनी जॉय (IAS Annies Kanmani Joy) की, जिनका जन्म केरल (Kerala) के पिरवोम जिले में एक गरीब किसान के घर हुआ था। उनके पिता चावल की खेती करते थे और उनकी माता घर के काम भी संभालती थीं और खेतों में काम करती थीं। पिता ने देखा कि एनीस को पढ़ने में काफी रुचि है तो उन्होंने शुरुआती पढ़ाई पूरी करने के बाद जैसे-तैसे करके एनीस को हाईस्कूल की पढ़ाई के लिए एर्नाकुलम भेज दिया।

नहीं हुआ डॉक्टर बनने का सपना साकार

एनीस का सपना था कि वह डॉक्टर बने, जिससे वे लोगों की सेवा कर सके साथ ही समाज में उनके पिता को मान-सम्मान भी मिले। ऐसे में उन्होंने इस सपने को पूरा करने के 12वीं की पढ़ाई करने के दौरान ही डॉक्टर बनने की तैयारी शुरु कर दी थीं। वे इस बात से भली-भांति परिचित थीं कि डॉक्टर बनने के लिए कड़ी मेहनत करती पड़ती है इसलिए उन्होंने अपने मंजिल को पाने के लिए लिए दिन-रात एक दिया है। लेकिन शायद डॉक्टर बनना उनके किस्मत में नहीं था।

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काफी मेहनत करने के बावजूद भी मेडिकल के एंट्रेंस एग्जाम में अच्छे नम्बर से सफलता हासिल नहीं कर पाई और इस वजह से उनका MBBS में नामांकन नहीं हो सका। हालांकि, किसान पिता जैसे-तैसे करके उनकी पढ़ाई के खर्च पूरा कर रहे थे ऐसे में स्थिति अच्छी नहीं होने की वजह से वह दोबारा इसके लिए कोशिश नहीं की। डॉक्टर बनने का सपना टूटने के बाद उन्होंने हार नहीं मानी और नर्सिंग की पढ़ाई करने का फैसला किया। इसके लिए उन्होंने त्रिवेंद्रम सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाखिला ले लिया जहां, नर्सिंग में B.sc. की शिक्षा ग्रहण करके डॉक्टर तो नहीं लेकिन एक नर्स जरुर बन गईं।

यात्रा के दौरान मिली IAS के बारें में जानकारी

नर्स बनने के बाद भी उन्हें संतुष्टी नहीं थी, वह कुछ ऐसा करना चाहती थीं जिससे उनके पिता को उनपर गर्व हो। तभी एक यात्रा के दौरान उन्हें किसी ने IAS के बारें में जानकारी के साथ ही UPSC की परीक्षा देने का भी सुझाव दिया। UPSC की परीक्षा में उन्हें और अधिक जानकारी उस समय मिली जब वह मंगलोर से त्रिवेंद्रम का सफर तय कर रही थी। उस यात्रा के दौरान दो महिलाएं आपस में इस बारें में बातकर रहीं थी। उन्हीं से एनीस ने इस परिक्षा के बारें में अधिक जानकारी जुटाई और तब उन्हें पता चला कि ग्रेजुएशन डिग्री के साथ UPSC की परीक्षा में बैठा जा सकता है।

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सेल्फ स्टडी से की UPSC की तैयारी

यूपीएससी के बारें में जानकारी मिलने के बाद उन्होंने तय किया कि वे इस परिक्षा में सफलता जरुर हासिल करेंगी। UPSC को देश का सबसे कठिन परीक्षा माना जाता है ऐसे में उन्हें पता था कि इसकी तैयारी के लिए कोचिंग संस्थान ज्वाइन करनी पड़ेगी। लेकिन उनके घर की स्थिति काफी खराब थी जिस वजह से वे कोचिंग जाकर इस परीक्षा की तैयारी करने में समर्थ नहीं थीं। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और सेल्फ स्टडी के जरिये ही इस परीक्षा में सफलता हासिल करके का दृढ़ निश्चय कर लिया।

पहले ही प्रयास में UPSC में हासिल की सफलता

यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी के दौरान वह न्यूजपेपर पढ़ती थी, ताकि करेंट अफेयर्स की तैयारी हो सके। उन्होंने काफी जोर-शोर से इस परिक्षा की तैयारी की और साल 2010 में UPSC की परीक्षा दी। उनकी मेहनत इतनी जोरदार थी कि पहले ही प्रयास में उन्होंने ऑल इंडिया 580 वां रैंक के साथ सफल हुईं। लेकिन वे इस रैंक से खुश नहीं थी इसलिए दोबारा एग्जाम देने का फैसला किया।

ऑल इंडिया 65 वां रैंक हासिल कर नर्स से बनी IAS

एनीस (Annies Kanmani Joy) ने दोबारा से परिक्षा की तैयारी की और साल 2011 में पुन: परीक्षा में बैठी। इस बार उन्होंने ऑल इंडिया 65 वां रैंक हासिल करके अपने पिता का नाम गर्व से ऊंचा कर दिया। इस बार उन्हें IAS पद के लिए चयनित कर लिया गया। इस सफलता के साथ उन्होंने नर्स से IAS बनने का मिसाल पेश कर दिया है।

एनीस कनमनी जॉय (IAS Annies Kanmani Joy) ने जिस तरह आर्थिक तंगी का सामना करते हुए IAS अधिकारी बनी हैं वह प्रेरणादायी है। The Logically उन्हें UPSC में सफलता हासिल कर IAS अधिकारी बनने के लिए ढेर सारी बधाई देता है।