एक घर.. घर के बाहर बगीचा.. बगीचे में चटकीले रंगों के बोगनविलिया के सुंदर-सुंदर फूल.. शायद ही किसी को अपनी ओर आकर्षित न करे। केरल के कोड़िकोड (कोझीकोड) के पेरिम्परा में रहने वाले बिंदु और जोजो का घर कुछ ऐसा ही है। इनके बगीचे में लगे बोगोनविलिया के फूल सामने से आने-जाने वाले हर किसी का ध्यान अपनी तरफ खींच लेते हैं।
फूलों को बेचकर करते हैं हर महीने लगभग 2लाख रुपए की कमाई
जोजो जैकब एक फुलटाइम किसान हैं। उनकी पत्नी बिंदु जोसफ एक शिक्षिका। पिछले 36 सालों से दोनों मिलकर 15 हज़ार वर्ग फुट ज़मीन पर फूलों की खेती कर रहे हैं। वे फूलों का व्यवसाय भी करते हैं। अपने इस व्यवसाय से हर महीने लगभग 2 लाख रूपये की कमाई कर लेते हैं। शादी, पूजा-पाठ जैसे समारोह में फूलों की सप्लाई करते हैं। अपने ग्राहकों के लिए इंस्टेंट गार्डन (Instant Garden) यानी तत्काल बगीचा सेटअप करने में उनकी मदद करते हैं। वीकेंड पर स्कूलों और कॉलेजों सहित कई संस्थानों के लिए प्रेरक और उद्यमिता कक्षाएं भी संचालित करते हैं।
बिंदु कहती हैं, “उनके बगीचे में जो बोगोनविलिया (Bougainvillea) के फूल खिलते हैं, वे स्थानीय किस्म के नहीं हैं। वे 7-8 फीट तक बढ़ सकते हैं, फिर बाड़ पर गिर जाते हैं। यही नज़ारा लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। कई लोग रुक कर उनसे इस खेती की तकनीक पूछते हैं, फूलों से संबंधित सुझाव भी मांगते हैं। लोगों की इसी दिलचस्पी देखते हुए उन्होंने एक नर्सरी भी शुरू की और पौधे बेचने का व्यवसाय करने लगे।” इंस्टेंट गार्डन के बारे में बताते हुए बिंदु कहती हैं, बगीचे को देखने आने वाला या पौधे खरीदने आने वाला हर व्यक्ति उनके जैसा ही बगीचा चाहता था। इसलिए वैसे शौकीन लोगों के लिए बिंदु और जोजो ने इंस्टेंट गार्डेन बनाने में मदद करने का काम भी शुरू कर दिया। जिसमें उन्हें ये गमले में लगाए और पूरी तरह से खिले हुए बोगोनविलिया (Bougainvillea) देते थे। गमलों की संख्या के आधार पर इंस्टेंट गार्डन बनाने की लागत 20,000 से 30,000 रूपये तक आती है।
केरल का यह कपल बोगेनविलिया फूल के साथ ही अदरक, काली मिर्च, हल्दी,आम और लीची जैसे कई अन्य पौधों की भी खेती करते हैं। इन्होंने अपने जमीन के हर एक कोने को पौधे से भर रखा है। बिंदु और जोजो सुबह 5 बजे से रात के 11 बजे तक पौधों की देखभाल, उनकी बिक्री और शिक्षण कार्यों में ही व्यस्त रहते हैं। बिंदु कहती हैं, वह सुबह पांच बजे उठकर, नर्सरी साफ करती हैं। फिर घर का काम पूरा कर स्कूल चली जाती हैं। दिन के समय में बगीचे का ध्यान जोजो रखते हैं। शाम में स्कूल से आने के बाद वह फिर जोजो के साथ बगीचे के काम में लग जाती हैं। दोनों पूरे समर्पित होकर अपने पौधों की सेवा करते हैं।
मौसम के अनुसार पौधों की जगह बदलते हैं
बिंदु और जोजो बदलते मौसम के अनुसार अपने घर में पौधों के लिए जगह बनाते हैं। जैसे बोगेनविलिया के पौधों को धूप की बहुत ज़रूरत होती है। इसलिए गर्मियों के दौरान वे उन गमलों को अपने बगीचे में रखते हैं और बरसात के मौसम में, बोगेनविलिया के पौधों को छत पर शिफ्ट कर देते हैं, जबकि हम हल्दी और अदरक को नीचे बगीचे में में ले आते हैं।
कई पुरस्कार और सम्मान मिल चुके हैं पर बगीचे के फूल ज़्यादा ख़ुशी देते हैं
केरल के बिंदु और जोजो को अब तक उनके इस कार्य के लिए कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं। 2003 में केरल राज्य युवा कृषक पुरस्कार और प्रधानमंत्री से राष्ट्रीय प्रगतिशील कृषि पुरस्कार सहित कई सम्मान भी मिला है। प्रधानमंत्री से पुरस्कार मिलने के बाद, इंडियन इंस्ट्यूट ऑफ स्पाइस रिसर्च (Indian Institute Of Spice Research) कोझीकोड प्रशासन के तहत आने वाली कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) ने इस दंपत्ति के लिए, एक नर्सरी सेटअप करने के साथ ही स्पॉन्सर करने का फैसला किया। इसका उद्देश्य है, कोझीकोड के लोगों को खेती के लिए प्रोत्साहित करना और प्रशिक्षण प्रदान करना। इतने पुरस्कार और सम्मान के बाद बिंदु सरल भाव में कहती हैं कि पैसे और लोकप्रियता से ज़्यादा ख़ुशी उन्हें अपने फलते-फूलते बगीचे और अपने खिले-खिले फूलों को देख कर मिलती है।
जोजो और बिंदु का फल और फूलों से भरा ये बगीचा कोझीकोड में आकर्षण का केंद्र बन गया है। इनके पास हर हफ्ते लगभग 60 विजिटर्स आते हैं। The Logically जोजो और बिंदु द्वारा किए गए इस अद्भुत कार्य की सराहना करता है।