महिलाएं अपने कला एवं शक्ति का प्रदर्शन हर क्षेत्र में कर रहीं हैं। ये गृहस्थि को संभालने के साथ-साथ देश की सेवा कर सफलता की हर मुकाम को हासिल कर रही हैं। साथ ही हर क्षेत्र में पुरुषों की बराबरी भी कर रहीं हैं। यह कहानी एक ऐसी ही जांबाज महिला की है जो नक्सलियों के बाद आतंकियों से लोहा लेंगी। आइये जानते हैं इस देशप्रेमी महिला के बारे में।
चारू सिन्हा (Charu Sinha) सीआरपीएफ़ (CRPF) आईजी (IG) श्रीनगर (Shrinagar) में आतंकियों को हवाला देने के रूप में देश की सेवा करने वाली पहली महिला आईपीएस अधिकारी बनी हैं। यह पुरुषों के लिए आई बाधाओं को भी तोड़ रहीं हैं।
श्रीनगर सेक्टर जो जम्मू-कश्मीर का सबसे आतंक प्रभावी क्षेत्र हैं, यहां पहली महिला IPS Officer को सीआरपीएफ के आईजी पद के नियुक्त किया गया है। 1996 बैच के एक आईपीएस अधिकारी चारू सिन्हा को 2018 में सीआरपीएफ के साथ प्रतिनियुक्त किया गया था। उनके करियर में उनके नक्सलवाद, गुटीय संघर्ष और सीआरपीएफ में सही निर्णय और दृढ़ संकल्प के रूप में देखा जाता है। इसलिए इन्हें यह पहला अवसर मिला जो देश के लिए कुछ कर गुजरने वाली महिलाओं के लिए प्रेरणदायक हैं।
मंगलवार को सिन्हा श्रीनगर सेक्टर के लिए सीआरपीएफ महानिरीक्षक (आईजी) नियुक्त होने वाली पहली महिला बनीं जो स्थानीय उग्रवादियों के लिए एक संवेदनशील पोस्टिंग थी। उनका यह लुक मन को मोहने जैसा लग रहा था- सर पर टोपी उसमे एक ओर पंख जोड़ा गया था। इस पोस्ट को पहली बार 2005 में बनाया गया था लेकिन कोई ऐसी महिला इस पद के लिए नियुक्त नहीं हुई थी।
इतना ही नही बल्कि इस भूमिका को उतारने से ठीक पहले उन्होंने बिहार में नक्सल विरोधी अभियानों को संभाला। पुरुष-प्रधान क्षेत्र में अपनी जगह बनाना, सिन्हा के लिए आसान यात्रा नहीं थी,
कानून और व्यवस्था से परे
1996 के बैच में चारु तेलंगाना कैडर (Telangana cadre) के एक आईपीएस अधिकारी नियुक्त हुईं। सीआरपीएफ में प्रदान की गई उनकी बायोडाटा के अनुसार वह हैदराबाद में सेंट फ्रांसिस कॉलेज फॉर वूमेन (St Francis collage For Woman) से अंग्रेजी साहित्य, इतिहास और राजनीति विज्ञान में स्नातक की हैं। साथ ही हैदराबाद विश्वविद्यालय (Hyderabad Univercity) में राजनीति विज्ञान से पोस्टग्रेजुएसन पूरा किया है। अपने करियर के लिए, उन्होंने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में नक्सलवाद और सांप्रदायिकता से अलग गुटीय संघर्ष जैसी चुनौतियों को संभाल कर सबके लिए मिशाल बनी हैं।
उन्होंने कई जिलों में पुलिस अधीक्षक (एसपी) के रूप में सेवा की है जो हैं प्रकाशम (Prakasham), निजामाबाद (Nizamabad), चित्तूर (Chitoor) से लेकर महबूबनगर (Mahabubnagar) और पूर्वी गोदावरी (East Godavari).
सिन्हा के लिए उनके करियर की ऊँचाइयों में चित्तूर में पुलिस अधीक्षक (एसपी) के रूप में उनका कार्यकाल अधिक महत्वपूर्ण है। यहां उन्होंने एचआईवी प्रभावित महिलाओं और बच्चों के संपत्ति के अधिकार के लिए मदद की जिन्हें उनके घरों से बाहर फेंक दिया गया था।
2005 और 2006 के बीच वह कोसोवो (Kosovo) में थी। यहां इन्हें आंशिक रूप से मान्यता प्राप्त यूरोपीय राज्य संयुक्त राष्ट्र मिशन के एक हिस्से के रूप जातीय सर्बों के बीच संघर्ष में तैनात किया गया था। जिसके अंतत कोसोवो ने स्वतंत्रता की घोषणा की।
2010-2013 तक उन्होंने अनंतपुर (Anantapur) रेंज में पुलिस उपमहानिरीक्षक के रूप में कार्य किया। इसके बाद आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) लोक सेवा आयोग (Public Service Commision) और महानिरीक्षक सीआईडी (Inspector General CID) के सचिव के रूप में एक साल का कार्यकाल पूरा किया।
तेलंगाना में प्रशिक्षण के लिए आईजी के रूप में नियुक्त होने से पहले 2015 – 2017 के बीच उन्होंने तेलंगाना के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के निदेशक के रूप में कार्य किया। इस भूमिका में इन्होंने 28 पुलिस प्रशिक्षण अकादमियों में 12,000 कांस्टेबलों को प्रशिक्षित किया। वह 2018 में आईजी के रूप में सीआरपीएफ के साथ प्रतिनियुक्त थी।
ईमानदारी से देखभाल
सहकर्मियों ने सिन्हा को समर्पित और ईमानदार होने के रूप में वर्णित किया है। सेना के कर्मियों के कल्याण के लिए यह हमेशा तैयार रहती हैं। सीआरपीएफ के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने उनकी तारीफ में कहा कि श्रीनगर में पहली महिला आईजी के रूप में सिन्हा की नियुक्ति “देश में प्रमुख कानून-व्यवस्था के लिए चुनौतियों में से एक का नेतृत्व करने वाली महिला अधिकारियों को दर्शाती है।
एक महिला के लिए गर्व की बात है कि वह देश के लिए कुछ कर रही है। जैसे चारु ने नक्सलियों का विरोध किया है वह सराहनीय है। The Logically, Charu Sinha को बधाई देते हुए उन्हें सलाम करता है और दुआ करता है कि वह जिस कार्य के लिए चुनी गईं हैं उसपर खड़ी उतरेंगी और आतंकवादियों को परास्त कर अपने आगे झुकाएंगी।