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साउथ के सिंघम कहे जाने वाले IPS के अन्नामलाई को गरीबों का मसीहा कहा जाता है इनके तबादले पर लोग सड़क पर आ जाते हैं !

किसी IPS ऑफिसर के इस्तीफा देने का फैसला लेते ही वह ख़बर मीडिया की सुर्खियों में आ गया हो. उस IPS ऑफिसर के इस फ़ैसले से सभी हैरान हों. उस राज्य के सी.एम. और सभी आला अधिकारियों ने भी उन्हें अपने इस फ़ैसले पर दुबारा से सोचने को कहा हो. ऐसा सिर्फ़ फिल्मों में नहीं होता. वास्तविक जीवन में भी होता है. यह जीवंत कहानी है कर्नाटक के सिंघम कहे जाने वाले IPS के अन्नामलाई की.

तमिलनाडु के मूल निवासी के अन्नामलाई पिछले दिनों में कर्नाटक में सबसे प्रसिद्ध आईपीएस अधिकारियों में से एक थे। कर्नाटक कैडर में नौ साल तक पुलिस बल की सेवा करने के बाद अन्नामलाई ने मई 2019 में इस्तीफा दे दिया। 28 मई 2019 को यह ख़बर सामने आते ही लोगों की हैरानी का ठिकाना न रहा। सब जानना चाहते थे कि एक ईमानदार आईपीएस अधिकारी ने अचानक से इस्तीफा क्यों दे दिया। कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने भी अन्नामलाई से एक बार फिर से सोचने को कहा। पर वे अपने इस फ़ैसले पर अडिग रहें।


उन्होंने कहा, “मैं बहुत छोटा आदमी हूं। बड़ी-बड़ी इच्छाएं नहीं रखता। अब मैं अपनी ज़िंदगी के छोटे-छोटे पलों को जीना चाहता हूं। छोटी-छोटी चीजों में बड़ी ख़ुशियां तलाशना चाहता हूं। जैसे – अपने बेटे के साथ वक़्त बिताना, एक अच्छा पिता बनना, खेती करना, इत्यादि। मैं यह भी देखना चाहता हूं कि मेरी भेड़े अब भी मेरी बात मानती हैं या नहीं।”

के. अन्नामलाई का जन्म 4 जून 1984 को एक किसान परिवार में हुआ था। इनकी प्रारंभिक शिक्षा करूर और नामक्कल में हुई। उसके बाद अन्नामलाई का दाखिला कोयम्बटूर के पीएसजी कॉलेज ऑफ़ टेक्नोलॉजी में हुआ जहां से इन्होंने बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग की डिग्री ली। फिर एम.बी.ए. करने के लिए लखनऊ गए और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमैंट, लखनऊ से इन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त की। लखनऊ में इन्होंने देखा कि चंद रुपयों के लिए हत्या कर दी गई। सहपाठियों को लूटा गया। गरीबी को सबसे बुरे स्तर पर देखा। उसी समय मुंबई आतंकी हमला हुआ। इन सभी घटनाओं ने अन्नामलाई के ज़िंदगी की दिशा बदल दी और इन्होंने सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू कर दी। आखिरकार इन्हें सफलता मिली और 2011 बैच के कर्नाटक कैडर ऑफिसर बनें।

इन्होंने अपने पुलिस करियर की शुरुआत सितंबर 2013 से कर्नाटक में सहायक पुलिस अधीक्षक के तौर पर की। फिर जनवरी, 2015 को इन्हें पुलिस अधीक्षक के रूप में पदोन्नत किया गया। अगस्त, 2016 तक इन्होंने उड़पी जिले में ही एसपी के रूप में कार्यभार संभाला। अक्टूबर 2018 तक इन्होंने कर्नाटक के चिक्कमग्लुरू में नौकरी की। जब उडुपी से इनका तबादला चिक्कमग्लूरू हुआ था, इन्हें रोकने के लिए लोग सड़क पर आ गए थें। फिर समय-समय पर इन्हें प्रमोशन भी मिलता रहा और बेंगलुरु में पुलिस उपायुक्त बनाए गए। अन्नामलाई अपना कार्य पूरी निष्ठा, ईमानदारी और बहादुरी से करते थे। अपने कामों से लोगों का दिल जीतने वाले अधिकारियों की गिनती में आते हैं। यूपीएससी की तैयारी करने वाले युवा इन्हें अपना रोल मॉडल मानते हैं। इन्हें अपने कार्यों के लिए कई पुरस्कार और सम्मान भी मिले। अंततः 28 मई 2019 को इन्होंने इस्तीफा दे दिया।

जैसा कि अन्नामलाई ने बताया था कि एक अच्छे पिता बनना चाहते हैं तो अब वे अपने परिवार के साथ ही समय बिता रहे हैं। यात्राएं कर रहे हैं। खेती कर रहे हैं। साथ ही लोगों को जैविक खेती के बारे में बताते हैं। कॉलेज के कार्यक्रमों में भाग लेते हैं, छात्रों के साथ बातचीत करते हैं। शिक्षित और बेरोजगार युवाओं की समस्या को सुलझाने का प्रयास करते हैं और किताब लिखने में व्यस्त रहते हैं। Logically के. अन्नामलाई के इस जज़्बे को सलाम करता है।

Archana is a post graduate. She loves to paint and write. She believes, good stories have brighter impact on human kind. Thus, she pens down stories of social change by talking to different super heroes who are struggling to make our planet better.

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