लेडी सुपरकॉप के तौर पर मशहूर मीरा बोरवंकर(Mira Borwankar) ही वह अफसर हैं जिनकी कहानी पर मर्दानी फ़िल्म बनी थी।मीरा महाराष्ट्र कैडर की पहली महिला IPS अफसर हैं।आपको बता दें कि मीरा 1981 बैच की IPS अधिकारी हैं। अफसर बनने के बाद मीरा की पोस्टिंग महाराष्ट्र के कई बड़े शहरों में हुई, जिसमें मुंबई सबसे महत्वपूर्ण रहा। माफियाराज को खत्म करने में मीरा बोरवकंर का अहम योगदान रहा है।आज कहानी लौह महिला मीरा की।
शुरुआती सफर
मीरा मूल रूप से पंजाब के फाजिल्का जिले की रहने वाली हैं। उनके पिता ओपी चड्ढा बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) में थे। उनकी पोस्टिंग फाजिल्का में ही थी। इसी वजह से मीरा ने मैट्रिक तक की शिक्षा फाजिल्का में ही ली। इसके बाद 1971 में उनके पिता का ट्रांसफर हो गया। उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई जालंधर से की। देश की पहली महिला IPS अधिकारी किरण बेदी से प्रेरणा लेकर ही मीरा भारतीय प्रशासनिक सेवा से जुड़ी थीं। Lyallpur Khalsa College से उन्होंने अंग्रेजी साहित्य में एम.ए.किया।
सिविल सर्विस की परीक्षा को पास किया
किरण बेदी की सफलता से प्रेरित होकर मीरा जी ने इस क्षेत्र में आने का फैसला किया था।उन्होंने कड़ी मेहनत से सिविल सर्विस परीक्षा पास की।उस दौर में पुलिस में जाना चुना जब महिलाओं को स्कूल जाने तक नहीं दिया जाता था बहुत बड़ी बात थी। साल 1981 में मीरा ने यूपीएसससी पास की और IPS बनी। आईपीएस अधिकारी बनने के बाद उन्होंने आने नाम कई रिकॉर्ड दर्ज किए।
कड़क अफसर
हमारा देश उन जांबाज़ और ईमानदार अफसरों पर टिका है जो अपना सर्वस्व देश की कानून व्यवस्था को संभालने में लगा देते हैं।दअरसल,देश की बागडोर असल मायने में उन अफसरों के हाथों में होती है, जो पूरी ईमानदारी से अपना फर्ज निभाते हैं। आपको पता होगा कि यदि नौकरशाही दुरुस्त हो तभी कानून व्यवस्था चाक-चौबंद रहती है। जिस तरह से भ्रष्टाचार का दीमक नौकरशाही को खोखला किए जा रहा है, लोगों का उस पर से विश्वास उठता जा रहा है।लेकिन आज कुछ ऐसे भी IAS, IPS अफसर हैं, जो ईमानदारी के दम पर नौकरशाही की साख बचाए हुए हैं।
यह भी पढ़ें :- 12 घण्टे भी नही टिकी पाई पहाड़ पर बनी सड़क,15 साल की लड़की ने भ्र्ष्टाचार के खिलाफ खोला मोर्चा
माफिया से टकराने वाली अफसर
आपको बता दें कि IPS अफसर बनने के बाद मीरा की पोस्टिंग महाराष्ट्र के कई बड़े शहरों में हुई, जिसमें मुंबई सबसे महत्वपूर्ण रहा।मीरा की सबसे बड़ी उपलब्धि मुंबई जे माफ़िया राज़ को खत्म करने में रह।मीरा ने शुरू में ही यह साफ कर दिया था कि वह माफियाराज को खत्म करके रहेंगी। मीरा मोस्ट वांटेड अंडरवर्ल्ड डॉन और डी कंपनी के सरगना दाऊद इब्राहिम से लेकर छोटा राजन गैंग के कई सदस्यों को सलाखों के पीछे धकेल चुकी हैं। मीरा अंडरवर्ल्ड डॉन अबु सलेम से लेकर कई वांटेड अपराधियों के भारत प्रत्यर्पण में अहम रोल निभा चुकी हैं।
सेक्स रैकेट का भांडा-फोड़
मीरा जलगांव सेक्स रैकेट के खुलासे के बाद खासा सुर्खियों में आईं थीं।दरअसल साल 1994 में उनकी अगुवाई में पुलिस ने एक बड़े सेक्स रैकेट का खुलासा किया था।इस रैकेट में स्कूल की बच्चियों से लेकर कॉलेज की लड़कियों तक को देह व्यापार के गोरखधंधे में धकेलने की बात सामने आई थी।इस रैकेट के खुलासे के बाद से ही मीरा देशभर की मीडिया में सुर्खियों में छा गईं थीं। साल 2014 में आई रानी मुखर्जी स्टारर फिल्म ‘मर्दानी’ मीरा बोरकंर के जीवन से ही प्रेरित थी।
याकूब मेनन की फांसी
याकूब मेमन की फांसी के समय मीरा बोरवंकर महाराष्ट्र की एडीजीपी (जेल) थीं। वह उन पांच अधिकारियों में शामिल थीं, जो मेमन की फांसी के समय जेल परिसर में मौजूद थे।
हो चुकी हैं कई सम्मान से सम्मानित
ईमानदारी, बेहतरीन सेवा, और कर्तव्यनिष्ठा के लिए उन्हें वर्ष 1997 में रष्ट्रपति पुरस्कार तथा वर्ष 2001-02 में पुलिस करियर पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
लेडी सुपरकॉप’ नाम से भी मशहूर मीरा अब पुलिस सर्विस से रिटायर हो चुकी हैं और इन दिनों मुंबई में रह रही हैं।
The Logically, पुलिस सर्विस में अतुलनीय योगदान के लिए मीरा जी को सलाम करता है।इन्होंने अपने जीवन मे कई मिल के पत्थर को स्थापित किया है,उसके लिए उनका कोटि-कोटि अभिनंदन।