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बस कंडक्टर की नौकरी कर पिता ने पढाया, बेटी आज IPS अधिकारी बन चुकी है: प्रेरणादायी सफर

आज इस बात से कतई इनकार नहीं किया जा सकता कि आज के समय में महिलाएं और लड़कियां हर क्षेत्र में बङे से बङे मुकाम हासिल कर रही हैं। यूं तो कुछ ना कुछ काबिलियत तो सभी के अंदर होती है लेकिन कई उसे बखूबी निखार लेते हैं तो कई विपरीत हालात के कारण अपने लक्ष्य को कुर्बान कर देते हैं। इन सबके बीच कुछ ऐसे भी इंसान हैं जो अपनी हिम्मत और हौसले से विपरीत हालातों को भी हरा देते हैं और अपना लक्ष्य प्राप्त करते हैं। आज बात एक ऐसी लड़की शालिनी अग्निहोत्री की जिनके पिता बस कंडक्टर हैं। अपनी आर्थिक कमजोरी और हालातों से जूझकर आईपीएस अधिकारी बनीं। आईए जानते हैं उनके संघर्ष और सफलता की कहानी…

एक हादसे ने किया आईपीएस बनने को प्रेरित

एक समय की बात है जब शालिनी छोटी थी तो यह अपने पिता के साथ बस में कहीं जा रही थी। इस छोटी उम्र में जो इन्होंने देखा यह इन्हें बहुत ही बुरा लगा। इन्होंने देखा कुछ लड़के एक महिला के साथ छेड़-खानी कर रहें थे। शालिनी जो कि एक बस कंडक्टर की बेटी थी यह देख नहीं पाई उसने उन लोगों को वही उलटकर जवाब दिया। उस बस में जितने भी लोग थे सब हैरान हुए की एक बस कंडक्टर की बेटी जो इतनी कम उम्र में इतना बड़ा काम किया, यह बहुत ही हिम्मती और वीर है। शालिनी ने यह निश्चय कर लिया कि वह आईपीएस ही बनेंगी।

Ips shalini agnihotri

बस में कंडक्टर का काम करते हैं पिता

शालिनी अग्निहोत्री हिमाचल प्रदेश(Himachal Pradesh) की रहने वाली हैं। शालिनी के पिता बस कंडक्टर का कार्य करते हैं उसी से उनका और उनके परिवार का जीवन-यापन होता था। वह अपने घर की पहली व्यक्ति हैं जिन्होंने उच्च शिक्षा ग्रहण किया। इनके घर में मार्गदर्शन के लिए कोई भी व्यक्ति नहीं था क्योंकि कोई इतना पढ़ा-लिखा जो नहीं था। लेकिन इनके पिता ने अपनी बेटी के सपनों को उड़ान दिया और हमेशा उनके साथ खड़े रहे। किसी भी लड़की के लिए सबसे बड़ी बात यह होती है कि उसका फैमिली या पैरेंट्स उसका सपोर्ट कर रहे हैं।

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शुरुआती शिक्षा

शालिनी की शुरुआती पढ़ाई धर्मशाला(Hospice) से हुई। फिर यह आगे की शिक्षा हिमाचल प्रदेश की कृषि विश्वविद्यालय से पूरी की। जब उन्होंने अपनी 12वीं की पढ़ाई संपन्न कर ली तो इन्हें पता चला कि आईपीएस अधिकारी बनने के लिए यूपीएससी परीक्षा को पास करना जरूरी होता है। तब उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई संपन्न कर यूपीएससी की तैयारी में लग गई।

राष्ट्रपति से मिल चुका है सम्मान

शालिनी की मेहनत रंग लाई और वह 2012 में यूपीएससी परीक्षा को 285वीं अंक से पास किया। यह अपने ट्रेनिंग में टॉप रहीं जिसके लिए उन्हें “सर्वश्रेष्ठ ट्रेनी” का अवार्ड भी मिला था। आगे इन्हें सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर ट्रेनिंग अधिकारी बनने के खातिर, हमारे देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी(Pranab Mukharjee) ने भी सम्मानित किया था। अपनी पोस्टिंग कुल्लू में होने के दौरान उन्होंने वहां अवैध कारोबार के विरुद्ध कार्य किया और इसपर सफलता भी प्राप्त की।

शालिनी अग्निहोत्री ने जिस तरह एक बस कंडक्टर की बेटी होते हुए भी जो हौसला और कठिन परिश्रम का उदाहरण पेश किया है और सफलता पाई है वह प्रशंसनीय और प्रेरणदायी है। The Logically शालिनी अग्निहोत्री के जज्बे और उनकी काबिलियत की सराहना करता है।

Vinayak is a true sense of humanity. Hailing from Bihar , he did his education from government institution. He loves to work on community issues like education and environment. He looks 'Stories' as source of enlightened and energy. Through his positive writings , he is bringing stories of all super heroes who are changing society.

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