IIM, अहमदाबाद से पढ़ाई पूरी करने का बाद करोड़ों के पैकेज की ओर न भागते हुए बिहार के इस युवक ने अपने ही राज्य में जरूरतमंद तबके के विकास और बदलाव की नींव रखी थी और आज वो उस मुकाम पर पहुंच चुके हैं जहां भारत समेत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्हें लोग जानते और सम्मान करते हैं।
ये कहानी है सम्मान फाउंडेशन के संस्थापक (Samman Foundation founder) और एंटरप्रेन्योर (Entrepreneur) इरफान आलम (Irfan Alam) की है जिन्होंने बिहार के मजदूरों को एक अलग पहचान दे दी है।
शारीरिक श्रम से बेहतर आमदनी मुमकिन
आज भले ही टेक्नोलॉजी विकसित हो चुकी है और हम डिजिटल को बढ़ावा दे रहे हैं लेकिन मानव श्रम (Human labour) की जरूरत भी समान रूप से है। इसे ध्यान में रखते हुए इरफान ने शारीरिक श्रम को बेहतर तौर पर इस्तेमाल करने और उन कई मजदूरों को नौकरी देने के लिए एक बेहतर सोच की नींव रखी।
रिक्शा में मौजूद हैं ये तमाम सुविधा
2007 में उन्होंने 300 रिक्शा चलवाने से शुरुआत की। खास बात ये है कि इन रिक्शा में मैगजीन, न्यूजपेपर, मैगजीन, म्यूजिक, विज्ञापन और रिफ्रेशमेंट, स्नैक्स की सुविधा भी मौजूद है। इस इनोवेटिव और मॉडर्न सोच के लिए लोगों ने इरफान को रिक्शा मैन फ्रॉम बिहार का टाइटल दे दिया।
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मजदूरों के रोटी पानी का जरिया
एक ओर जहां काम की तलाश में बिहार के ज्यादातर मजदूर परिवार से दूर दिल्ली, मुंबई की ओर रुख कर लेते थे वहीं इस आइडिया ने केवल नहीं उम्मीद दी बल्कि कई परिवारों के पालन पोषण का जरिया भी बन गई। बिहार से शुरू हुए इस चेन से आज देश के कई कोनों से 5,00000 रिक्शा रजिस्टर हो चुके हैं।
अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति ओबामा ने भी की तारीफ
इरफान की इस सोच को खुद अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा (Former president Barack Obama) ने भी सराहा था। Young entrepreneur summit 2010 में इरफान उन चुनिंदा लोगों में से थे जिन्हें व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया गया था।
इन सब के बावजूद जेल में गुजारनी पड़ी थी रात
इरफान आज जिस मुकाम पर है वहां तक पहुंचने के लिए उन्हें काफी उतार चढ़ाव का सामना करना पड़ा। एक समय ऐसा भी आया जब उन्हें सलाखों के पीछे रात गुजारनी पड़ी। इसके पीछे वजह ये थी कि इरफान ने अपनी वेबसाइट को डिजाइन करने के लिए नवेंदु नाम के युवक को एडवांस दिया था। जिसके बाद वो डिजाइनर कई दिनों से लापता हो गया।
अपहरण का लगा था आरोप
नवेंदु के पिता शास्त्री नगर पुलिस स्टेशन के एएसपी सरबीर सिंह के साथ 13 मई 2011 को इरफान के ऑफिस पहुंचे और इरफान समेत उनके साथ काम करने वाले अन्य कुछ लोगों को आपहरण (Kiddnaping) के चार्ज पर गिरफ्तार कर लिया।
सीएम नीतीश ने की थी मदद
एक रात लॉक अप में गुजारने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हस्तक्षेप के बाद उन्हें दूसरे दिन रिहा किया गया। कई लोगों ने इरफान पर बिहार छोड़ने के लिए दबाव बनाया उन्हें आए दिन ऐसी कई धमकियां मिलती रही लेकिन वो डटे रहें।
इन अवार्ड्स से नवाजे जा चुके हैं इरफान –
Business World’s “Most Promising Entrepreneur Award.”
“40 Youth icons of India” – India Today
“24 Youth icons of India” by India Today Aspire
“India’s Best 30 Youths” by The Times of India.
World Bank Innovation Award
इरफान की स्टोरी कई अंतरराष्ट्रीय यूनिवर्सिटियों में शेयर की जा चुकी हैं। 2010 में Ashoka Fellow
के लिए भी चुने जा चुके हैं।