हमारे देश में प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में कार, बाइक जैसे कई ऑटोमोबाइल कबाड़ में तब्दील हो जाते हैं जो पर्यावरण के लिए बेहद हानिकारक होता है। वहीं हर साल इसकी संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है जिसको ध्यान में रखते हुए देश के प्रधानमंत्री ने स्क्रैप पॉलिसी “वेस्ट टू वेल्थ मिशन” लॉन्च किया है। इस मिशन का लक्ष्य देशभर में कबाड़ हो चुके और पॉल्यूशन फैला रहें वाहनों की तादाद में कमी लाना है। इस मिशन के जरिए ऑटोमोबाइल के कचड़े को रिसाइकिल करके उसका दोबारा से इस्तेमाल किया जा सकेगा, जिससे प्रदूषण भी कम होगा।
इस काम में एक आर्टिस्ट सामने निकलकर आया है जो ऑटोमोबाइल स्क्रैप (Automobile Scrap) का प्रयोग करके बेहतरीन फर्नीचर बनाकर पर्यावरण को बचाने में योगदान कर रहा है। साथ ही “वेस्ट तो वेल्थ” मिशन के सपने को भी सच कर रहा है। तो चलिए जानते हैं उस शख्स के बारें में-
कौन है वह आर्टिस्ट?
दरअसल हम बात कर रहे हैं कार्टिस्ट (Cartist) के संस्थापक हिमांशु जांगिड़ (Himanshu Jangid) की, जो जयपुर (Jaipur) के रहनेवाले हैं। उनके द्वारा कारों से निकले हुए कबाड़ और उसके पुराने पार्ट्स का इस्तेमाल करके बनाए गए खुबसूरत को सोशल मीडिया पर लोगों का काफी प्यार मिल रहा है। ऑटोमोबाइल वेस्ट से बने उन फर्नीचर को देखकर अंदाजा लगाना मुश्किल है कि वह कबाड़ से बनाए गए हैं। Jaipur artist Himanshu Jangid makes beautiful furniture from automobile scraps.
इनोवेशन के जरिए अवेयरनेस फैलाना है मुख्य ऊद्देश्य
हिमांशु जांगिड़ (Himanshu Jangid) कहते हैं कि, कारों से निकलने वाले कबाड़ में कमी लाने के लिए वह ऑटो आर्ट ईकोसिस्टम बनाना चाहते हैं। इस इनोवेटिव आईडिया के जरिए वह चाहते हैं कि जितने भी कार के बेकार और पुराने पार्ट्स हैं उसको डम्प न करके उसका इस्तेमाल क्लाकृतियां बनाने में किया जा सके। इस काम के पीछे का मुख्य ऊद्देश्य क्लाइमेंट चेंज के लिए लोगों में जागरुकता लाना है।
हालांकि, इस काम के लिए अभी वे कारपेट्स और लोगों से कार लेकर उसके बेकार कचड़े से फर्नीचर का निर्माण कर रहें हैं। इसके बारें में बात करते हुए वह कहते हैं कि लोग अपनी कार को उन्हें देते हैं और उससे बने फर्नीचर को अपने साथ लेकर जाते हैं तो इसके जरिए वे अपनी यादों को सजेह सकते हैं। क्योंकि फर्नीचर लंबे समय तक बना रहता है। इसके अलावा इस काम के जरिए वे लोगों के बीच रिसाइकिलिंग और क्लाइमेंट चेंज के बारें में जागरुकता फैला रहे हैं।
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10 हजार किलो से अधिक ऑटोपार्ट्स को कर चुके हैं रिसाइकिल
उन्होंने बताया कि उनके पास आनेवाले सभी कारों के लगभग 90% पार्ट्स को खुबसूरत फर्नीचर में तब्दील कर देते हैं, जिनपर बाद में खुबसूरती को बढ़ाने के लिए गोल्ड प्लेटेड किया जाता है। अभी तक उनका कार्टिस्ट फाउंडेशन लगभग 10 हजार किलो से अधिक ऑटोमोबाइल वेस्ट (Automobile Waste) को रिसाइकिल करके उससे फर्नीचर का निर्माण कर चुका है। उसमें कुर्सी, टेबल जैसे अन्य कई अलग-अलग प्रकार के सामान है।
चूंकि, घर से लेकर दफ्तर तक हर कोई उसे यूनिक लूक देना चाहते हैं। ऐसे में हिमांशु जांगिड़ द्वारा बनाए गए फर्नीचर ट्रेंड में है, क्योंकि देखने में काफी यूनिक होने के कारण लोगों को काफी पसंद आ रहा है और लोग उसकी काफी प्रशंशा भी कर रहे हैं।
गोल्ड लिफिंग कारीगरों को दिया रोजगार
मीडिया से बातचीत के दौरान हिमांशु बताते हैं कि फर्नीचर पर गोल्ड प्लेटेड जयपुर की पुरानी क्राफ्ट है जिसे “गोल्ड लिफिंग” के नाम से जानते हैं। इस क्राफ्ट का इस्तेमाल पुरानी महलों के लिए किया जाता था। हालांकि, इसके कलाकार आज भी जयपुर में मौजूद हैं लेकिन अब समय काफी आगे जा चुका है, जिससे उन्हें इस क्षेत्र में काम मिलना काफी मुश्किल भरा है। लेकिन हिमांशु उन कारीगरों को आत्मनिर्भर बना रहे हैं।
वह वेस्ट ऑटोपार्ट्स को रिसाइकिल करके सबसे पहले उससे अलग-अलग प्रकार के फर्नीचर तैयार करते हैं। उसके बाद उसे बेहतरीन लुक देने के लिए उन फर्नीचर पर क्राफ्ट लिफिंग कारीगर गोल्ड की बारीक कारीगरी करते हैं। Jaipur artist Himanshu Jangid makes beautiful furniture from automobile scraps.
वैस्ट टू वेल्थ मिशन में योगदान के लिए लोगों को आना चाहिए आगे
हिमांशु कहते हैं कि, लोगों को वेस्ट टू वेल्थ मिशन का समर्थन के लिए आगे आना चाहिए और जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याओं से उभरने में योगदान देना चाहिए। इसके जरिए प्रदूषण को कम करके पर्यावरण को नुक्सान होने से बचाया जा सकता है। PM द्वारा लॉन्च इस मिशन के तहत उनके काम में और अधिक सहूलियत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। हिमांशु जांगिड़ बेकार ऑटो पार्ट्स का इस्तेमाल करके अपनी कला का नायाब नमूना पेश कर रहे हैं।