ऐसा ज़रूरी नहीं है कि जिंदगी में हम जो चाहें वही काम करने को मिले। लेकिन ज़िंदगी से एक मौक़ा चुरा कर अपने सपने को सच बनाने की कोशिश ज़रूर करनी चाहिए। अगर हम किसी काम को तहे दिल से करना चाहते हैं और उस काम की शुरुआत भी करते हैं, तो यह मायने नहीं रखता है कि वह कार्य किन परिस्थितियों में हो रहा है। ज़रूरी यह भी नहीं है कि परिस्थितियां हमारे अनुसार ही हो और हम जैसा चाहते हैं, वैसा ही हो। कई बार ऐसा भी हुआ है कि हमारी कुछ करने की ख्वाहिश हो और इसके लिए हमें मौका भी मिला हो लेकिन उसे पूरा करने के लिए परिस्थिति कुछ इस कदर हावी हो कि कार्य का पूरा हो पाना असंभव प्रतीत होता हो, पर इन विपरीत परिस्थितियों से लड़कर अपने सपने को साकार करना, एक अलग ही ख़ुशी देता है। आज की यह कहानी गुजरात के किसान की है। जिन्होंने परिस्थितियों के विपरीत जाकर एक सफल किसान का रूतबा पाकर सबके लिए उदहारण बनें हैं।
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जयेशभाई मोहनभाई पटेल ( Jayeshbhai Mohanbhai Patel)
जयेशभाई मोहनभाई पटेल गुजरात (Gujrat) के निवासी हैं। वहीं करोबार करते थे। लेकिन वह शुरू से खेतों के काम मे बहुत रुची रखते थे। इसलिए उन्होंने कारोबार छोड़ बंजर भूमि खेती करने के लिए खरीदी और खेती करने लग गयें। इन्होंने उस बंजर भूमि पर वैज्ञनिकों के सलीक़े से खजूर (Date) और गन्ने (Sugarcane) की एक सफल खेती कर अपने जज़्बे और लगन से इतिहास रचा। वह खेतों की देखभाल नायाब तरीक़े से करते थे। इसलिए इन्हें अधिक मात्रा में लाभ होने लगा।
टिशुकल्चर पद्धति द्वारा लगाये वदेशी खजूर
जयेशभाई ने टिशुकल्चर पद्धति(Tissue Culture Method) की मदद से अपने खेतों में विदेशी खजूर जैसे पौधें लगाए। उनकी खेती से प्रसन्न होकर उन्हें राज्यसरकार ने उन्हें एक खजूर के पौधे के लिए 1250 रुपए दिए। उन्होंने अपने खेतों में जो खजूर के पौधे लगाये थे, उनमें से वह लभगभ प्रत्येक पौधे से 70-80 किलोग्राम फल तोड़ते थे।
बहुत जल्द खजूर से फल प्राप्त करने वाले प्रथम किसान बने
जायेशभाई (Jayeshbhai) अपने इलाके के प्रथम किसान हैं जिन्होंने महज 18 महीने से कम समय मे ही खजूर से फल प्राप्त किये। खेतों में उर्वरक के लिए जायेशभाई ने जैव उर्वरक का उपयोग किया जिससे उनके खेतों की नमी अधिक मात्रा में बनी रहती है। उनकी इस बंजर भूमि पर खजूर की खेती के लिए Jayeshbhai को राज्य स्तरीय “बेस्ट आत्मा अवॉर्ड” भी मिल चुका है। The Logically Jayeshbhai Mohanbhai Patel को बंजर भूमि पर खेती करने लिए सलाम करता है।