Wednesday, December 13, 2023

झारखंड में लाह की खेती से लाखों कमा रहीं महिलाएं, 73 हज़ार से ज़्यादा ग्रामीण परिवार हो रहे लाभान्वित

पुरूष प्रधान देश होने के बावजूद भी हमारे देश मे महिलाएं अपनी कला का प्रदर्शन कर हर क्षेत्र में कामयाबी का डंका बजा रही हैं। आज की यह प्रस्तुति ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं की है, जो लाह की खेती द्वारा सुखी जीवनशैली की तरफ अग्रसर हैं।

महिलाओं को मिला बेहतर जीवन

झारखंड (Jharkhand) के ग्रामीण क्षेत्रो की निवासी महिलाओं ने लाह की खेती को अपनाकर ज़िंदगी को बहुत ही खुशहाल बनाया है। यहां की सभी महिलाएं गांव में रहकर मोटी रकम की नौकरी यानी लाह का उत्पादन अधिक मात्रा में कर रही हैं। राज्य सरकार द्वारा यहां महिलाओं को ट्रेनिंग मिल रही है कि वह किस तरह लाह की खेती वैज्ञानिक तरीके से कर अधिक लाभ कमा सकें।

Jharkhand women earning lakhs from lah farming

जुड़ा है 73 हज़ार ग्रामीण परिवार

लाह की खेती से यहां के ग्रामीण इलाकों के लगभग 73000 से भी अधिक परिवार जुड़े हैं। इन परिवारों में अति गरीब एवं सुदूरवर्ती इलाकों के व्यक्ति मौजूद हैं। पिछले वर्ष ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं द्वारा लगभग 2 हजार मैट्रिक टन लाह की पैदावार हुई थी। इतनी अधिक मात्रा में महिलाओं द्वारा लाह के उत्पादन के कारण मुख्यमंत्री ने यह फैसला लिया है कि वह इस खेती को कृषि का दर्जा देंगे। मुख्यमंत्री जी ने बताया कि हमारा देश तब आत्मनिर्भर होगा जब हमारे देश के ग्रामीण क्षेत्र सशशक्तिकरण हो।

Jharkhand women earning lakhs from lah farming

मिल रही है वनोपज उद्यमी महिलाओं के रूप में पहचान

यह वही महिलाएं हैं, जो घर की चारदीवारी में कैद होकर अपनी जिंदगी व्यतीत कर रही थी लेकिन इस कार्य से उन्हें एक अलग पहचान मिल रही है। उन्हें सब वनोपज उद्यमी के रूप में जानने लगे हैं। एक उद्यमी महिला रंजीता देवी ने यह जानकारी दिया कि वह हर साल 3 लाख रुपये लाह की खेती से कमा रही है। उन्होंने बताया कि हम खुश हैं कि हमें ऐसा कार्य सरकार की मदद से मिला और एक अलग पहचान बनी। उन्होंने बताया कि गत वर्ष मैंने लगभग 15 क्विंटल लैह का उत्पादन किया था।

Jharkhand women earning lakhs from lah farming

कराया जा रहा है बाज़ार में उपलब्ध

महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना के जरिए सिर्फ उन्हें प्रशिक्षण ही नहीं मिल रहे, बल्कि ट्रेनिंग, वैज्ञानिक खेती के विषय में जानकारी, वैज्ञानिक तरीके से अधिक उत्पादन करना और साथ ही उस उत्पाद को बाज़ार में उपलब्ध कराए जा रहे हैं। महिला किसान अपने उत्पादों की बिक्री भी बाजारों में करती हैं। पूरे राज्य में लगभग 25 ग्रामीण सेवा केंद्र और 460 संग्रहण केंद्र का संचालन हो रहा है, जिससे उन्हें बहुत सहायता मिल रही है।