Home Community

झूलन गोस्वामी ने की महिला एथलीट्स के पीरियड्स पर बात, कहा- खेल के दौरान झेलनी पड़ती है दर्द

Jhulan Goswami Fast Bowler of Women cricket Team Talks about Menstruation for Women Athletes

भारतीय महिला क्रिकेट टीम की सबसे तेज गेंदबाज़ झूलन गोस्वामी किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। अगले महीना इंग्लैंड में होने वाली सीरीज़ में वे अपनी करियर की अंतिम मैच खेलने वाली हैं। यानी वे अपने अपने क्रिकेट करियर से सन्यास लेने वाली हैं। हाल हीं में दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने पीरियड के दौरान होने वाली समस्याओं पर खुल कर बात की तथा उन समस्याओं का प्रभाव एक महिला एथलीट्स पर कैसा पड़ता है।

पीरियड्स के प्रभावों को समझने के लिए वैज्ञानिक शोध किये जाने चाहिए…झूलन गोस्वामी

महिला क्रिकेट टीम की तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी ने हाल हीं में दिए अपने इंटरव्यू में महिला खिलाड़ियों को पीरियड्स के दौरान आने वाली समस्याओं पर खुल कर बात की। उन्होंने बताया कि इस पर वैज्ञानिक शोध किए जाने चाहिए ताकि महिला खिलाड़ी टूर्नामेंट्स के हिसाब से अपने पीरियड्स को अडजस्ट कर सकें।

बता दें, टीम इंडिया के पूर्व कोच डब्लू वी रमन के द्वारा एक यूट्यूब चैनल चलाया जाता है, जिसपर उन्होंने अपना एक नया टॉक सीरीज़ शुरू किया है, जिसका नाम वेडनेसडे विद डब्लू वी रखा गया है। इस नया टॉक सीरीज़ की पहली मेहमान झूलन गोस्वामी बनी।

झूलन गोस्वामी ने इसी शो के दौरान महिला खिलाड़ियों को पीरियड्स के दौरान आने वाली समस्याओं पर खुलकर बात किया तथा इस समस्या का प्रभाव महिला एथलीट्स पर कैसा पड़ता है। वो पल कितना कष्टदायक होता है, जब महिला खिलाडियों को पीरियड्स के दौरान मैदान में घंटो समय बिताने पड़ते हैं। उन्होंने कहा कि इन प्रभावों को समझने के लिए वैज्ञानिक शोध किये जाने चाहिए।

खेल के दौरान झेलने पड़ते हैं, दर्द और चिड़चिड़ेपन

झूलन गोस्वामी ने टॉक शो में कहा कि, ‘खेल के दौरान हर खिलाड़ी चाहता है कि वे पूरे तरह से खुद के रिलैक्स महसूस करे लेकिन पीरियड्स के दौरान महिला खिलाड़ियों को दर्द और चिड़चिड़ेपन जैसी समस्या झेलनी पड़ती है।

उन्होंने आगे बताया कि, वो पल हमारे लिए बेहद हीं मुश्किल होता है जब पीरियड्स के दौरान मैदान में 6-6 घंटे बिताना पड़ता है और फिर बेहतर प्रदर्शन का दबाव भी हमारे ऊपर रहता है। वो ऐसा स्थिति होता है जब हम आराम करने का समय भी नहीं मांग सकते हैं।

एक महिला एथलीट्स के दर्द को किया बयां

झूलन गोस्वामी ने बताया कि, पीरियड के दौरान दर्द भरी स्थिति में भी हमे मैदान में पूरे फोकस और ताजगी के साथ खेलना होता है। एक महिला एथलीट्स के दर्द को उस समय कोई नहीं समझता है।

Exit mobile version