हर किसी की चाहत होती है कि कुछ ऐसा करे जिससे समाज में उसकी एक अलग पहचान बने। लोगों के बीच अपनी अच्छी छवि बनाने के लिये अलग-अलग तरीके से तरह-तरह के कार्य करतें हैं। उदाहरण के लिये कई लोग डॉक्टर, इंजीनियर तथा वैज्ञानिक बनकर समाज में नाम कमाना चाहते हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे भी है जो अपनी नौकरी छोड़कर कृषि कार्य में नाम कमाना चाहतें है। हर किसी की भिन्न-भिन्न ख्वाहिशे होती है।
आज की कहानी एक महिला की है जिसने टेरेस गार्डनिंग कर के अपनी पहचान बनाई है। लोग उसे गार्डन एक्सपर्ट के नाम से जानते हैं। आइये जानते है उनके बारें में।
ज्योति (Jyoti) मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की रहने वाली हैं। उनकी उम्र 53 वर्ष है। ज्योति ने सोशियोलॉजी से मास्टर्स की डिग्री ली है। शादी से पहले ज्योति इंदौर रहती थी। शादी के बाद वह विदिशा (Vidisha) शहर में आ गईं। शादी के बाद ज्योति अपनी घर गृहस्थी सम्भालने में व्यस्त हो गईं और ऐसे ही दिन गुजरने लगा। बच्चे भी बड़े होने लगे और जब वे बाहर रहने लगें तब ज्योति को अकेलापन महसूस होने लगा। ज्योति ने बताया कि 10 वर्ष पहले आस-पास घर में बहुत सारे लोग थे, बच्चे हमेशा आस-पास ही घूमते रहते थे। लेकिन बच्चों के बाहर जाने के बाद घर खाली हो गया और उनके पास दिनभर कार्य करने के लिये कोई कार्य नहीं होता।
ज्योति ने बताया कि जब वह छोटी थी उस वक्त उनके पिता को जो भी क्वाटर मिलता था, उसके खाली जगह पर गमले लगाये जाते थे। इस वजह से ज्योति को बचपन से ही गार्डनिग का शौक था। ज्योति ने अपने खाली समय में इस शौक को पूरा करने का निश्चय किया। उन्होंने बांस के स्टैंड मंगवाए, कुछ पुराने डिब्बे को लाया और गार्डनिँग का कार्य शुरु कर दिया। उन्होंने अपने इस शौक को एक नई दिशा और पहचान देने के निर्णय किया।
ज्योति ने गार्डनिग (Gardening) की शुरुआत फूलों से किया। वह अक्सर न्युज पेपर और मैगज़ीन में पढ़ती थी, जिससे उन्हें जानकारी हासिल हुईं कि आजकल केमिकल युक्त सामानों का हम अधिक मात्रा में सेवन कर रहें हैं। फल और सब्जी की शुद्धता धीरे-धीरे नष्ट होते जा रही है। इसलिए ज्योति ने सोचा कि क्यूं न सभी सब्जियों को खुद से ही उगाया जाये।
यह भी पढ़े :- बैंक की नौकरी छोड़ कर रहे हैं खेती, बिहार के अभिषेक अनेकों तरह के चाय की उत्पाद से 20 लाख तक कमा रहे हैं
ज्योति 10 वर्षों से खुद से सब्जियां उगाने का कार्य कर रही है। उन्होंने शायद ही कभी बाहर से कुछ खरीदा होगा। वह सब्जियों के पौधे के लिये खाद, स्प्रे, बीज सबकुछ स्वयं ही निर्माण करती है। पूरे वर्ष में वह 20 से अधिक सब्जियों को अपने घर के टेरेस पर ही उगाती हैं। जैसे भिन्डी, बैगन, लौकी, गोभी, मिर्च, टमाटर तथा अन्य कई प्रकार की सब्जियों का उत्पादन करती हैं। इसके अलावा वह तरह-तरह के फूल भी उगाती हैं, जिसमें सबसे कीमती आर्किड के फूल हैं। वर्तमान में ज्योति के पास 300 से अधिक गमले हैं। उनसब में वह अपने जरुरत के हिसाब से चीजों को उगाती हैं।
ज्योति ने अपने टेरेस पर स्ट्रॉबेरी की भी उपज की है। उन्होंने उसे हैंगिंग स्टाइल में लगाया है। उन्होंने इससे अपने दिवारों को भी बहुत ही खुबसूरत ढंग से सजाया है। ज्योति का मानना है कि मनुष्य को कलाकार होना चाहिए, नई-नई चचीजों को सीखते रहना चाहिए तथा उसे अपने जीवन मे भी उपयोग में भी लाना चाहिए।
वह पौधे के लिये खाद (Compost) स्वयं ही तैयार करती हैं। खाद बनाने के लिये ज्योति अपने किचन के सभी गीले कचरे का प्रयोग करती है। उन्होंने बताया कि जैविक विधि से खाद्य सामग्री का उत्पादन करना बेहद सरल है। हम सभी को रसायनों के प्रयोग से बचना चाहिए। ज्योति खाद बनाने के लिये किचन के कचरे के अलावा गौ मूत्र का भी प्रयोग करती है।
एक बार की बात है ज्योति एक स्टॉल में अपने द्वारा उगाये गये तरह-तरह के गुलाब के फूल और सब्जियों के साथ पहुंची। वहां PNB के मैनजर भी मौजुद थे। ज्योति के काम ने उन्हें बेहद प्रभावित किया। उसके बाद ज्योति ने उन्हें गार्डनिग करने का बहुत ही आसान उपाय बताया कि कैसे पौधे की देख-रेख की जा सकती है।
ज्योति अनेक लोगों को जागरुक करने का कार्य भी करती हैं। वह ग्रामीण बैंक से जुड़कर ग्रामीण महिलाओं तक पहुंचती है। उन्हें इसके बारें में सीख देती है। ज्योति अपने गुण को दूसरे के अंदर भी देखना चाहती है। इसके अलावा ज्योति ने आकाशवाणी में भी काम किया है। अब तक वह 450 से अधिक लोगों को ट्रेनिंग भी दे चुकी हैं।
अपने किये गये कार्य से ज्योति ने अलग पहचान बना ली है। उनके पड़ोसी उनसे प्रेरित होकर आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं। लोग उन्हें टेरेस गार्डन का विशेषज्ञ भी मानते हैं। ज्योति कई लोगों को बीज भी देती है। ज्योति चाहती है कि हम सभी स्वस्थ्य रहे, शुद्ध भोजन का सेवन करे तथा अपने अंदर की कला को पहचान कर अलग छवि बनाये।
The Logically ज्योति के प्रेरणादायक सफर को नमन करता है।