एक मकान को बनाने के लिए ईंट, सीमेंट, बालू और अन्य प्रकार के मटेरियल की आवश्यकता पड़ती है, साथ ही पानी की भी अधिक खपत होती है। लेकिन यदि कोई कहे कि कंक्रीट का इस्तेमाल किए बिना भी मकान बनाए जा सकते हैं तो इस बात पर हैरान होना लाजमी है। लेकिन यह सच है। जी हां, एक दंपति ने “कागज का मकान” (Kagaj Ka Makan) बनाकर नया कारनामा कर दिखाया है। आइए जानते हैं इनके बारें में विस्तार से-
जयपुर की जोड़ी ने कागज से मकान बना किया कमाल
कागज से मकान बनाने का कमाल कर दिखाया है अभिमन्यु और शिल्पी की जोड़ी ने। वे राजस्थान (Rajasthan) के जयपुर (Jaipur) के रहनेवाले हैं, जो कागज का दीवार बनाने और इसी फील्ड में स्टार्टअप कम्पनी भी चला रहे हैं। Homes made of paper.
जयपुर को खास तौर पर उसके कल्चर के लिए जाना जाता है। लेकिन यहीं मार्केट में एक ऐसी दुकान है, जिसका निर्माण कागज के दिवारों से किया गया है। जी हां, यह एक कपड़े की दुकान है जिसे अभिमन्यु और शिल्पी (Abhimanyu & Shilpi) ने डिजाइन किया है। इन दोनों की “हेक्सप्रेशन” (HeXpressions) नाम की एक कम्पनी है, जो कागज की दीवारें बनाती है।
यहां देखे वीडियों-
कैसे आया कागज से मकान बनाने का आइडिया?
(Homes made of paper)
अभिमन्यु और शिल्पी एक बार मिलान (Milan) गए थे, वहां उन्होंने रिफ्यूजी को कंटेनर में रहते हुए देखा और वहीं से उन्हें कागज का मकान बनाने का ख्याल आया। अभिमन्यु कहते हैं कि कागज की दीवार बनाने के स्ट्रक्चर में जिस डिजाइन का इस्तेमाल होता है उसे “हॉनीकॉम्ब” (Honeycomb Structure) कहा जाता है।
कैसे तैयार होती है कागज की दीवार?
अभिमन्यु कहते हैं कि इसके लिए सबसे पहले इसे पेपर में तब्दील किया जाता है और फिर इसे स्टील पैनल में बदलकर 6 ट्रायन्गल का ढांचा तैयार किया जाता है। यह अधिक टिकाऊ और मजबूत होता है। इसके लिए पेपर के दोनो तरफ जिप्सम के बोर्ड भी लगाए जाते हैं। यदि कागज वाले बोर्ड की तुलना ईंट, सीमेंट जैसे कंक्रीट से किया जाए तो यह उससे 5 गुना अधिक मजबूत और 10 गुना हल्का होता है।
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कई मायनों में खास है कागज से निर्मित मकान
बता दें कि बारिश से बचाने के लिए घर को बनाने के समय बोर्ड पर एक केमिकल लगाया जाता है जबकी आग से बचाव करने के लिए हॉनीकॉम्ब पेपर के सेल में राख भरी जाती है। इससे यह फायर प्रूफ बन जाता है।
कितना सुरक्षित है कागज से बने मकान ?
भूकंप के दौरान कंपन होने पर आमतौर पर दीवारों का मटेरियल अलग होने लगता है, क्योंकि वे कई सारी चीजों को मिलाकर बनी होती है और इससे दिवारों के टूट के गिरने का भी खतरा बना रहता है। लेकिन हॉनीकॉम्ब (Honeycomb) पैनल से निर्मित मकान भूकंप में भी सुरक्षित रहते हैं क्योंकि यह पूरे मटेरियल को एक साथ जोड़ कर रखता है। बता दें कि इसके निर्माण में पानी का इस्तेमाल नहीं होता है, वहीं इसमे लागत भी कम है।
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