एक बहुत सुंदर पंक्ति है, “हमारी कामयाबी किसी भी साधन या ऐशो आराम की जिंदगी से नहीं बल्कि अपने मेहनत के बदौलत हासिल होती है”। इस पंक्ति के उदाहरण हैं 12 वर्षीय कार्तिक जाखड़ (Kartik Jakhar) जिन्होंने इस उम्र में वो कार्य कर दिखाया है जिसे करने में अच्छे-अच्छों का पसीना छूट जाता है। उन्होंने टूटे हुए फोन से कोडिंग सीखकर ऐप का निर्माण किया है जिससे आज 45 हजार से भी अधिक बच्चे निःशुल्क शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। आईए जानते हैं उस बेहद टायलेंडटेड 12 वर्षीय कार्तिक के विषय में…
हमारे देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) के झासवा ग्राम के निवासी कार्तिक जाखड़ (Kartik Jakhar) ने एक ऐसा कार्य कर दिखाया है जिससे उनका नाम “गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड” में दर्ज हो चुका है। कहने को तो वह मात्र 12 वर्ष के हैं परंतु उन्होंने बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने एक या दो नहीं बल्कि 3 लर्निंग ऐप का निर्माण किया है जिसमें सबसे खास बात यह है कि उन्होंने कोडिंग की पढ़ाई के लिए कोई भी कोचिंग क्लास ज्वाइन नहीं किया। फोन के माध्यम से ही वीडियो देखकर सारी जानकारी यहां से एकत्रित कर स्वयं ऐप का निर्माण किया है। वैसे तो वह आठवीं कक्षा में पढ़ रहे हैं परन्तु वह काफी तेज हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि उन्होंने जिस मोबाइल की मदद से कोडिंग सीखी है वह मोबाइल टूटी हुई थी। -12 year old Kartik Jakhar from Delhi created the app with self training
हैं कई सुविधाओं से वंचित
कार्तिक के पिता का नाम अजीत सिंह (Ajit Singh) है जो कि अपनी आजीविका चलाने के लिए खेती-बाड़ी का काम करते हैं। कार्तिक अपने भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं और उनकी तीन बहनें भी हैं। वह जिस गांव के निवासी हैं वहां बिजली हमेशा नहीं जाती फिर भी वह पढ़ने में काफी इच्छुक है और मन लगाकर पढ़ाई करते हैं। पढ़ाई करने के लिए उनके घर में कोई टेबल या कुर्सी की भी व्यवस्था नहीं है वह नीचे बैठ कर पढ़ाई करते हैं। -12 year old Kartik Jakhar from Delhi created the app with self training
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टूटे हुए फोन से कोडिंग सीखकर बनाई ऐप
जानकारी के अनुसार वह पढ़ने में काफी तेज तर्रार थे और मात्र तीसरी कक्षा में ही उन्होंने यह निश्चय कर लिया था कि वह कुछ अलग करेंगे। जब कोविड के कारण सारे स्कूल बंद हो गए तब उनके पिता ने उन्हें पढ़ाई करने के लिए एक फोन खरीदकर ला दिया। उन्होंने इस फोन से पढ़ाई करने के उपरांत यूट्यूब पर कोडिंग तथा ऐप डेवलपिंग के विषय में पढ़ना जारी किया। उन्होंने सेल्फ ट्रेनिंग के जरिए स्वयं एप्लीकेशन का निर्माण किया। उनका फोन टूटा हुआ था जिस कारण वह जब एप्लिकेशन बना रहे थे तो उस दौरान यह फोन हैंग हो जाता था जिस कारण उन्हें बहुत सारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था। जैसे बार-बार कोडिंग करना फिर से मटेरियल एकत्रित करना आदि। -12 year old Kartik Jakhar from Delhi created the app with self training
ऐप द्वारा मिलता है 45 हजार बच्चों को निःशुल्क शिक्षा
उन्होंने स्वयं तीन एप्लिकेशन का निर्माण किया है। उनका पहला ऐप “लुसेंट जीके ऑनलाइन” है जिसमें आपको जनरल नॉलेज की जानकारी मिलेगी। वहीं दूसरा ऐप “श्री राम कार्तिक लर्निंग सेंटर” है एवं तीसरा “श्रीराम कार्तिक डिजिटल एजुकेशन” है जिसमें आपको डिजिटल शिक्षा दी जाती है। उनके द्वारा निर्मित ऐप की मदद से 45 हजार से अधिक बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा दी जा रही है। -12 year old Kartik Jakhar from Delhi created the app with self training
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मिले हैं कई पुरस्कार
मात्र 12 वर्ष की आयु में ही उन्होंने अपने नाम बहुत से पुरस्कार प्राप्त कर लिए हैं। उन्हें “ओएमजी बुक ऑफ रिकॉर्ड्स” तथा “चाइल्ड प्रॉडिगी अवार्ड” से सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के एंट्रेंस एग्जाम में सफलता हासिल कर स्कॉलरशिप प्राप्त कर लिया है और अब वह हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर की उपाधि प्राप्त कर रहे हैं। -12 year old Kartik Jakhar from Delhi created the app with self training
कंप्यूटर के क्षेत्र में कुछ अलग करना है उद्देश्य
उनका मानना है कि भले ही मैं अमेरिका में आकर पढ़ाई कर रहा हूं परंतु मैं अपने देश जाकर वहीं पर देश की सेवा करना चाहता हूं। उनका यह सपना है कि कंप्यूटर में ऐसी सफलता हासिल करूं जो किसी को भी ना मिली है। कार्तिक ने बहुत से सुविधाओं से वंचित होते हुए भी ऐसी उपलब्धि हासिल की है जिससे अन्य बच्चों के लिए वह उदाहरण बने हैं। -12 year old Kartik Jakhar from Delhi created the app with self training