आज के इस युग में महिलाएं अपनी काबिलियत और हिम्मत के बल पर हर क्षेत्र में पुरुषों को लोहा मनवा रही हैं। वे हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही और सफलता के शिखर को छू रही है। लेकिन जब मुक्केबाजी और पहलवानी की बात आती है तो उस क्षेत्र में महिलाओं को कम आंका जाता है, जिससे औरतें अपने हुनर को दुनिया के सामने नहीं ला पाती हैं।
इसी कड़ी मे आज हम आपको एक ऐसी भारतीय महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने रेसलिंग की दुनिया में एक नया इतिहास दर्ज किया है। आइए जानते हैं-
कौन है वह महिला?
हम बात कर रहे हैं भारत की पहली महिला पहलवान कविता देवी (Kavita Devi, First Female Wrestler of India), जिन्होंने वर्ल्ड रेसलिंग इंटरटेनमेंट (WWE) में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। 20 सितम्बर 1986 को हरियाणा के जींद जिले में स्थित जुलाना गांव में जन्मी कविता को बचपन से ही कुश्ती और पहलवानी का शौक था। कविता को आगे बढ़ाने के लिए उनके बड़े भाई गौरव ने वेटलिफ्टींग के लिए प्रोत्साहित किया।
शादी के बाद पति ने दिया साथ
चूँकि, हरियाणा (Haryanal) में लड़कियों की शादी कम उम्र में करने का रिवाज है इसलिए वर्ष 2009 में कविता की शादी हो गई। कहते हैं कि शादी के बाद सप्ने को पूरा नहीं किया जा सकता, लेकिन कविता के पति गौरव तोमर ने कविता के सपने को पूरा करने के लिए उन्हें कुश्ती के लिए वापस मैदान में उतरने के लिए प्रोत्साहित किया।
सूट-सलवार पहनकर उतरी रिंग में
शादी के बाद भी कविता ने कुश्ती के मैदान में वापसी की और दिन-रात के कठिन मेहनत से अपने आप को रिंग में उतरने के काबिल बनाया। उसके बाद वर्ष 2017 में उन्हें WWE मे भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला, वहां वे सूट-सलवार पहनकर रिंग में उतरी थीं। ऐसा करके कविता ने पूरी दुनिया को यह साबित कर दिया कि सपने को पूरा करने के लिए अपने कपड़े या रंग-रूप बदलने की जरुरत नहीं है। उसके बाद भारत की बेटी कविता रातों-रात एक चमकता सितारा बन गई सलवार-सूट वाली पहलवान के रूप मे उनकी एक अलग पहचान बनी। -Kavita devi, first female wrestler of india.
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कई मैच किए अपने नाम
उसके बाद कविता ने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा और रेस्लिंग करियर मवे नए-नए कीर्तिमान रचती गईं। उन्होंने पावरलिफ्टिंग एथलीट के रूप में इन्टरनेशनल स्तर पर पहचान बनाया और दक्षिण एशियाई खेलों में 75 किलोग्राम के श्रेणी में वेटलिफ्टींग में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। इतना ही नहीं कविता देवी ने लगातार चार बार नेशनल चैम्पियनशिप में सफलता हासिल करने के साथ ही नेशनल गेम्स की विजेता भी रह चुकी हैं।
फर्स्ट लेडी अवार्ड से हो चुकी हैं सम्मानित
कविता देवी (Kavita Devi) द ग्रेट खली को अपना गुरु मानती हैं। वहीं खेलों में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा “फर्स्ट लेडी अवार्ड”(First Lady Award) से सम्मानित भी किया जा चुका है।
कविता देवी ने यह साबित कर दिया कि यदि जुनून हो तो सपने को पूरा करने से कोई नहीं रोक सकता है, वहीं इसे पूरा करने के लिए कपड़े बदलने की जरुरत नहीं है।
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