Wednesday, December 13, 2023

IAS अधिकारी के प्रयास से मात्र 3 महीने में पानी का स्तर 6 फ़ीट तक ऊपर आया, इनके तरीके को टेक्स्टबुक में शामिल किया गया

देशभर में कई राज्य पानी की कमी से जूझ रहे हैं कही पीने के लिए साफ पानी नहीं तो कहीं खेती और अन्य कामों के लिए पानी का अकाल है! परिणाम यह होता है कि लोगों को इसके लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है! हालांकि सरकार ने कई राज्यों में पानी की कमी को संज्ञान में लेकर कई स्कीम और योजनाओं को लांच किया है लेकिन जमीनी स्तर पर ठीक तरह से लागू न होने के कारण ये कदम भी ठंडे बस्ते में जा पहुंचते हैं!

इस बीच एक अच्छी खबर यह है कि सरकारी महकमे के ही जिम्मेदार अफसर इस समस्या के प्रति अपनी सूझबूझ से बेहतरी की ओर कदम बढ़ा रहे हैं! बात कर रहे हैं तेलंगाना के राजना-सिरसीला डिस्ट्रिक्ट के कलेक्टर देवरकोंडा कृष्णा भास्कर (Devarakonda Krishna Bhaskar) की जिन्होंने चार साल पहले ही ये पदभार सम्भाला है!

water level by six feet

ये है तेलंगाना के छोटे से डिस्ट्रिक्ट की कहानी

सिरसिला और आसपास के इलाकों में पानी की कमी बहुत आम थी! कई जगहों को तो सूखा घोषित कर दिया गया था! गर्मी में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था! मीडिया को दिए गए इंटरव्यू में कलेक्टर ने बताया था कि पानी के सप्लाई के लिए वाटर टैंकर, आरओ प्लांट और वॉटर रिजर्व बनवाने के लिए तकरीबन सौ के आसपास लिखित तौर पर अर्जी मिली थी!

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सरकारी स्कीम को जमीनी स्तर पर मिली मजबूती

टैंकों को अपग्रेड करने से लेकर पाइप्ड वाटर सिस्टम, जलाशयों ( water reservoir) के लिए जमीन आवंटित करने के साथ, खाइयों को खोदने और जल भंडारण (water storage) के निर्माण क्षमता के लिए, जिले में जल निकायों में पानी के संरक्षण के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाए गए!

पिछले तीन सालों में सरकारी स्कीम MGNREGA (Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act) को भी जमीनी स्तर पर लागू करने में सुधार आया जिससे जलाशयों को बनाने में काफी मदद मिली!

 Ias officer  water level by six feet

यह थे कुछ अहम कदम

27 टीएमसी (हजार मिलियन क्यूबिक फीट) की क्षमता वाला श्री राजाराजेश्वर जलाशय परियोजना के कानूनी मुद्दों के कारण एक दशक तक रुके रहने के बाद शुरू किया गया! अब यह राज्य का सबसे बड़ा जलाशय बन गया! कृष्णा ने बताया था कि परियोजना को डेढ़ साल में पूरा करने के बाद, अन्नपूर्णा भंडार का संचालन भी समानांतर रूप से शुरू किया गया था!

इसके अलावा छोटे स्तर पर भी कई कदम उठाए गए जैसे छोटे जल निकायों को दोबारा शुरू करना, तालाबों और पानी की टंकियों को भरना!

Devarakonda Krishna Bhaskar

मंदिरों में भी लागू की गई पहल

जिले में लगभग 699 पानी के टैंक हैं, जिनमें से 450 इस साल काम कर रहे हैं! साथ ही “गुड़ी चेरुवु नामक एक अनूठी पहल भी की गई, जिसमें मंदिरों के अंदर टैंकों की जल क्षमता बढ़ाने और स्थानीय स्तर पर पानी की कमी को कम करने के लिए भूमि का अधिग्रहण किया गया।”

6 फीट बढ़ा पानी का स्तर

यह भी सुनिश्चित किया गया था कि स्वच्छ पेयजल एक परियोजना मिशन भागीरथ के माध्यम से हर पड़ाव तक पहुंचे. सभी स्तरों पर कई दृष्टिकोणों के साथ, जिले का भूजल स्तर कथित तौर पर छह मीटर बढ़ गया! “12 से 18 महीने की अवधि में स्तर लगातार बढ़ता गया है! भूजल सर्वेक्षण अधिकारियों द्वारा आंकड़ों की पुष्टि और दस्तावेज किया गया है, इसके बाद जिले में कृषि गतिविधियों में भी वृद्धि हुई!

 water level by six feet

सिसिसला जिला अभी हाल ही में एक नए जिले के तौर पर अलग हुआ है ऐसे में अफसरों पर इसके प्रति जिम्मेदारी थी! सरकारी तंत्र और आसपास के लोगों से समन्वय बनाकर चलते हुए सही सूझबूझ से राजना-सिरसीला डिस्ट्रिक्ट के कलेक्टर देवरकोंडा कृष्णा भास्कर न केवल पानी की समस्या को सुधारा बल्कि सरकारी महकमे और अफसरों की छवि को भी निखार दिया!

The Logically उनकी इस कर्मठता और कार्य कौशल को सलाम करता है!