अगर आप चाहे तो दृढ़ इच्छाशक्ति से किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल कर सकते हैं। अब चाहे वह खेती-बाड़ी, मवेशीपालन, मत्स्यपालन कम्पटीशन एग्जाम का ही क्षेत्र क्यों ना हो? आज के दौर में युवा उच्च शिक्षा हासिल कर जॉब छोड़ गांव की तरफ रूख कर रहे ताकि कोई व्यवसाय प्रारम्भ कर अपने परिवार के साथ खुशी-खुशी जीवन गुजार सके। ऐसे में युवाओं के लिए मत्स्यपालन एक बेहतर आय का स्रोत बन रहा है।
आज की हमारी यह कहानी एक से युवा की है जो नौकरी को छोड़ गांव लौटे और मत्स्यपालन प्रारम्भ किया। आज वह अपने इस मत्स्यपालन से अच्छा-खासा पैसा कमाते हुए अन्य लोगों के लिए उदाहरण बने हुए हैं। आगे उनका उद्देश्य इसके दायरे को बढ़ाना है।
- किशोर चौधरी (Kishor Chaudhary)
वह युवा किशोर चौधरी (Kishor Chaudhary) हैं जो गांव में मत्स्यपालन कर लाभ अर्जित कर रहे हैं। किशोर चौधरी (Kishor Chaudhary) के पिता जी का नाम श्यामलाल चौधरी (Shayamlal Chaudhary) है। वह मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के उज्जैन (Ujjain) से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने यहां के स्कूल से ही सपन्न की है। -Fish Farming by Kishor Chaudhary from Madhya Pradesh
- नौकरी छोड़ लौटे गांव
उन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल कर वहां से बाहर चले गए। शिक्षा सम्पन्न करने के बाद उन्होंने जॉब भी किया परन्तु लॉकडाउन की वजह से उन्हें गांव आना पड़ा। गांव आकर उन्होंने ये निश्चय किया कि वह कुछ अलग करेंगे जिस कारण उन्होंने मत्स्यपालन का मन बनाया। मत्स्यपालन का सजेशन उनके रिश्तेदारों ने दिया ताकि वह व्यवसाय के क्षेत्र में सफल व्यक्ति बन सकें। वह खाली बैठे थे इसलिए उन्होंने ये कार्य प्रारंभ किया। -Fish Farming by Kishor Chaudhary from Madhya Pradesh
वह बताते हैं कि उन्होंने इसके लिए कोई ट्रेनिंग नहीं ली जो भी किया है वह यूट्यूब वीडियो देखकर करना सीखा। उनके इस कार्य में उनकी मदद कम्पनी करती है, जो स्वयं ही मछलियों के बच्चों मुहैया करवाती है और बड़े होने के बाद उन्हें ले जाती है। इस कारण उन्हें कहीं मार्केट के चक्कर नहीं काटने पड़ते और ना ही किसी बिचौलियों को पकड़ना पड़ता है जो इसकी बिक्री करा सके। इस कार्य में किसान की अपनी जमीन, बोरवेल तथा देखभाल करनी होती है, चाहे तो किसान अपनी मदद के लिए अन्य लोग को भी यहां रख सकता है। कम्पनी द्वारा कराया गया ये मत्स्यपालन बेहद सरल और आसान है बस आपको कुछ रूल्स को फॉलो करने पड़ते हैं। -Fish Farming by Kishor Chaudhary from Madhya Pradesh
- पशु-पक्षियों से बचाव के लिए लगा है चारो तरफ नेट
किशोर बताते हैं कि ये कार्य बहुत ही अच्छा है इसमें हम सीखने के साथ पैसे भी कमा रहे हैं। इस दौरान अगर कोई प्रॉब्लम हुई तो कंपनी किसानों को गाइड भी करेगी। उनका ये मत्स्यपालन आधे एकड़ में फैला हुआ है। इस तालाब में आपको ऊपर की तरफ नेट डाला गया है ताकि कोई भी पक्षी पानी में से मछलियों को न खाए, वहीं इसके अतिरिक्त चारो तरफ जो नेट लगा है वह चूहे, बिल्लियों, मेढ़क, सांप तथा नेवलों जैसे पशुओं से बचाने के लिए है। इस तलाब की गहराई 4-5 फीट तथा साढ़े चार से 4 तक है। इसकी बनावट में स्विमिंग पूल की तरह स्लोप दिया गया है ताकि जब पानी से मछलियों को निकाला जाए तो पानी को दूसरी तरफ ढाल दिया जाए। -Fish Farming by Kishor Chaudhary from Madhya Pradesh
इससे मछलियों को निकालने में ज्यादा दिनों का समय नहीं लगता। किशोर के इस तलाब में मछलियां अक्टूबर महीने में डाली गई हैं। ये बच्चे कम्पनी के तहत ही मिलें हैं। वह बताते हैं कि तालाब में ज्यादा पानी इसलिए नहीं रखा जाता ताकि मछलियों को आसानी से ऑक्सीजन मिल सके। अगर हम स्वयं भी मत्स्यपालन का व्यवसाय प्रारम्भ करें तो अधिक लाभ अर्जित कर सकते हैं। क्योंकि यहां मछलियों के बच्चों को हम अपने मार्केट के डिमांड के अनुसार डालेंगे जो लोग ज्यादा खाते हों। इस कारण इससे भी अच्छी पैसा कमाया जा सकता है। लेकिन कम्पनी द्वारा दी गईं मछलियों का उपयोग ज्यदातर दवा के निर्माण में होता है और अपने अनुसार ही आपको मछलियों के बच्चे देंगी। -Fish Farming by Kishor Chaudhary from Madhya Pradesh
- लगा है 5.50 लाख रुपए की लगात
उनके इस कार्य के निर्माण में लगभग 5.50 लाख रुपए लगा है। इस तरह कम्पनियों के साथ कार्य करने में आपको कम्पनी को 5 लाख रुपए देने होते हैं। आप चाहे तो साढें पांच लाख रुपए भी दे सकते हैं तब आपको कम्पनी 50 हज़ार रिटर्न कर देगा। कम्पनी के लिमिट के अनुसार वह 1 एकड़ में बच्चों को छोड़ती है हलांकि आगे वह एक-एक करके इसका दायरा अपने अनुसार बढ़ा सकती है। वह बताते हैं कि ये कम्पनी गुड़गांव की है जो अपने अनुसार ही बच्चों को लाती है और डालती है। -Fish Farming by Kishor Chaudhary from Madhya Pradesh
वह बताते हैं कि कम्पनी के साथ उनका ये एग्रीमेंट 15 महीने का है। आगे वह चाहे तो इसे कायम रख सकते हैं नहीं तो इस जगह पर मिट्टी डालकर अपना खेती भी कर सकते हैं। उनके इस आधे एकड़ जमीन के तालाब में लगभग 50 हजार मछलियों के बच्चे डाले जाएंगे जो लगभग 7-8 माह में तैयार होगा। पहली हार्वेस्टिंग 7-8 माह और वही दूसरी 5 से 6 माह तक का होगा। -Fish Farming by Kishor Chaudhary from Madhya Pradesh
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- कम्पनी की तरफ से मिलेगा 75 हजार रूपए
अगर अन्य किसान ये कार्य प्रारम्भ करें तो वह भी ये कार्य कर सकता है। इसमें आप अगर कम्पनी को पैसा देते हैं तो वह 45 दिनों के बाद आपको पैसा अप्रोच करेगी। कम्पनी की तरफ से आपको प्रत्येक माह 75 हजार रुपए मिलेगा। वही इसमें आपका टीडीएस भी कटेगा जो किसान को मिल जाएगा। इसके अतिरिक्त यहां जिएसटी भी लगता है। अगर कोई शख्स यहां गार्ड का कार्य करता है तो उसे भी 8 हजार रुपए दिया जाएगा। उसे खाने-पीने के साथ यहां मछलियों को दाना डालना है और उनपर निगरानी रखते हुए बिजली बिल भरना है। ये कार्य घर का भी कोई शख्स कर सकता है और कोई अन्य व्यक्ति भी उसे 8 हजार की सैलरी मिलेगी।एक वीडियो साझा कर रहें हैं जिसे समझने में आपको आसानी होगी -Fish Farming by Kishor Chaudhary from Madhya Pradesh
वीडियो यहाँ देखें:-👇👇
- किशोर का आगे क्या लक्ष्य
जानकारी के अनुसार कम्पनी की तरफ से ऐसा कुछ डिमांड नहीं होता है कि आपका तलाब सड़क के किनारे हो आप जहां चाहे वह तालाब खुदवा सकते हैं और मत्स्यपालन कर सकते हैं। आगे किशोर कहते हैं कि उनका लक्ष्य कम्पनी के साथ रिवेन्यू करना है साथ ही आगे वह पॉलिटीफार्म भी खोलना चाहते हैं ताकि मछलियों को खाने के लिए दाने ना खरीदना पड़े। -Fish Farming by Kishor Chaudhary from Madhya Pradesh
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- अन्य किसानों के लिए सलाह
किशोर अन्य किसानों को ये सलाह देते हैं कि आप भी इस मत्स्यपालन को प्रारंभ कर सकते हैं और घर बैठे आसानी से पैसे कमा सकते हैं। हलांकि इसमें आपको मोटी रकम की आवश्यकता होगी लेकिन आपको इससे कई गुणा ज्यादा लाभ भी तो मिल सकता है। इसकी खास बात ये है कि आपको मछलियों के देख-भाल से लेकर दाने आदि खर्च नहीं उठाना पड़ेगा क्योंकि ये सारा कार्य कम्पनी करेगी। साथ ही आपको बच्चों को खरीदने और मछलियों को बेचने का भी टेंशन नहीं होगा। -Fish Farming by Kishor Chaudhary from Madhya Pradesh