जल प्रकृति की ओर से मनुष्य, जानवरों एवं पौधों को दिया हुआ एक नायाब तोहफा है। हम कह सकते हैं कि यह हमारे लिए मुख्य धरोहरों में से एक है। जल के बिना हम जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। आज कल शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के लिए लोगों को कई मील की दूरी तय करनी पड़ जाती है। इन सब का मुख्य कारण है प्रदूषण, जिसके जिम्मेदार हम सभी हैं। पर्यावरण, जल, पृथ्वी, वायु हर चीज को प्रदूषित करने का जिम्मा हम मनुष्यों ने उठा रखा है। इन सभी समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए हमारे समाज में कुछ लोग हैं जो पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण… के लिए काम कर रहें हैं। उन्हीं में से एक हैं चंद्र किशोर पाटिल। ये जल संरक्षण के लिए कई नायाब कदम उठाए हैं।
नासिक (Nashik) के इंदिरा नगर (Indira Nagar) के रहने वाले चंद्र किशोर पाटिल (Chandr Kishore Patil) लोगों को पानी में कचरा डालने से रोकने का काम करते हैं। पूरे समय वह सड़कों पर खड़े होकर लोगों को पानी में कचरा डालने के लिए मना करते हैं और अपने इस कार्य में सफल भी होते दिख रहे हैं। किशोर द्वारा उठाए गए इस कदम से लोगों में भी जागरूकता फैल रही है। लोग पानी में कचरा डालने से कदम पीछे हटा रहे हैं।
किशोर द्वारा किए गए इस नेक कार्य को आईएफएस अधिकारी श्वेता बोद्दु (Swetha Boddu) ने ट्विटर पर शेयर किया है। किशोर के कार्य को आम लोगों द्वारा भी खूब सराहा जा रहा है और उन्हें रियल हीरो भी कहा गया है। किशोर के पोस्ट को शेयर करते हुए श्वेता बोद्दु ने कैप्शन में लिखा है, “मैंने इस व्यक्ति को पूरे दिन सड़क पर हाथ में सीटी लेकर खड़े देखा, वह लोगों को नासिक की गोदावरी नदी में प्लास्टिक की थैलियों को फेंकने से मना कर रहे थे।”
I saw this man stand on this road entire day with a whistle in hand to stop people from throwing Dussehra ‘holy waste’ in #Plastic bags into Godavari @Nashik
Dear Mr Patil, Respect! pic.twitter.com/Q3hj5ggP5v
— Swetha Boddu, IFS (@swethaboddu) October 31, 2020
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार किशोर पाटिल पूरे दिन नदी के किनारे रहते हैं। इन्होंने गौर किया कि किसी भी कार्य या त्योहार के बाद लोगों के घरों का कचरा पानी में ही डाला जाता है। इस समस्या को देखते हुए 5 साल पहले किशोर ने इसके खिलाफ स्टैंड लेने का फैसला किया और लोगों को पानी को प्रदूषित करने से रोका। लोगों द्वारा पानी में डालने के लिए लाए गए कचरे को किशोर बाहर ही रखवा लेते हैं और फिर वहां से नगर निगम कचरा ले जाता है।
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किशोर के अनुसार वह 5 सालों से यह नेक कार्य कर रहे हैं और उनका कहना है कि जब तक उनका शरीर स्वस्थ रहेगा तब तक वह इस कार्य को जारी रखेंगे। किशोर सुबह से लेकर रात को 11:00 बजे तक नदी के किनारे सिटी लेकर खड़े रहते हैं और लोगों को नदी में कचरा फेंकने से रोकते हैं। कुछ लोगों द्वारा किशोर के साथ दुर्व्यवहार भी किया जाता है, लेकिन फिर भी किशोर अपने फैसले पर अडिग रहते हैं और जल संरक्षण का कार्य जारी रखें है। विरोधियों को समझाने के लिए किशोर उन्हें नदी के पानी को बोतल में भरकर ले जाने को कहते हैं, जब लोग ऐसा करने से मना करते हैं तब किशोर उन्हें जल प्रदूषण के इस गंभीर समस्या के बारे में जागरूक करते हैं।
यदि हम सभी खुद से सचेत हो जाए और अपने आसपास के वातावरण को साफ रखें तो किसी दूसरे किशोर को इसके लिए खड़े होने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। The Logically किशोर द्वारा किए गए जल संरक्षण के कार्यों के लिए उनकी ख़ूब सराहना करता है। साथ ही अपने पाठकों से अनुरोध करता है कि पृथ्वी को सुन्दर बनाने में अपना योगदान दें।