हर किसी के जीवन में कुछ करने का लक्ष्य होता है। वैसे ही उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल के रहने वाले कुलदीप बिष्ट (Kuldeep Bisht) शुरु से खेती करना चाहते थे। बहुत से लोगों का यह कहना है कि खेती से कुछ भी प्राप्त नहीं किया जा सकता ना ही इसमे ज्यादा कमाई हैं। कुलदीप गाजियाबाद के प्रतिष्ठित कॉलेज से एमबीए की डिग्री लेने के बाद अपने सपने को छोड़ एक बैंक में काम करने लगे। हालांकि नौकरी के दौरान भी कुलदीप का रुझान खेती में बना रहा। आखिर में वह नौकरी छोड़ मशरूम की खेती करने का फैसला कर लिए। – Kuldeep Bisht from Uttarakhand left his job and started mushroom cultivation, last year made a profit of 38 lakhs.
दोस्त के साथ मिलकर शुरु की मशरुम की खेती
कुलदीप का यह फैसला सभी के लिए हैरान करने वाला था। ऐसे में उनके एक दोस्त प्रमोद जुयाल ने उनका साथ दिया। दोनों अब तक की जमा की हुई पूंजी को लगाकर मशरूम की खेती की शुरुआत किए। कुलदीप नौकरी करने के साथ ही साल 2015 में उत्तराखंड उद्यान विभाग और स्थानीय मशरूम किसानों से ट्रेनिंग ले चुके थे। पूरी तरह तैयारी के साथ साल 2017 से वह फुल टाइम खेती की शुरुआत किए। कुलदीप बताते हैं कि नौकरी के दौरान वह पूरे दिन काम करने के बाद रात को खेती करते थे।
कुलदीप मशरुम के बाय-प्रोडक्ट्स बेचते हैं
कुलदीप अब ऑयस्टर, मिल्की और बटन जैसे मशरूम की कई प्रजातियों की खेती करते हैं। जानकारों के अनुसार मशरूम के बाय-प्रोडक्ट्स में मुनाफा ज्यादा हैं इसलिए अब कुलदीप भी बाय-प्रोडक्ट्स का काम शुरू कर रहे हैं। कुलदीप केवल मशरूम ना बेच कर उसका अचार, मुरब्बा, बिस्कुट और ड्राई पाउडर जैसे प्रोडक्ट्स भी बना कर बेचते हैं, जिससे उनका मुनाफा कई गुणा बढ़ा है। आने वाले समय में कुलदीप मशरूम से नूडल्स और च्यवनप्राश बनाने की तैयारी करेंगे। – Kuldeep Bisht from Uttarakhand left his job and started mushroom cultivation, last year made a profit of 38 lakhs.
Fungoo ब्रांड के नाम से बेचते हैं अपना प्रॉडक्ट
कुलदीप मशरूम के अलावा अपने गार्डन में कई तरह के फल भी उगाते हैं। वह अपने उगाए हुए हर प्रॉडक्ट को ‘Fungoo’ ब्रांड के नाम से बेचते हैं। कुलदीप अन्य किसानों को भी जागरूक करने के लिए उन्हें मुफ्त में मशरूम की खेती की ट्रेनिंग देते हैं, जिसके लिए वह गांव के सभी किसानों को एक साथ जोड़ कर “मशरूम किसान” नाम से एक ग्रुप बनाए है। खुद मशरूम उगाने के साथ ही अब कुलदीप अन्य किसानों से मशरूम खरीदकर उसे बाय-प्रोडक्ट्स बनाने का भी काम कर रहे हैं, जिससे उन्हें पिछले कुछ समय में अच्छा लाभ मिला हैं।
38 लाख रुपये का हुआ मुनाफा
कुलदीप अब तक 2500 लोगों को मशरुम के खेती की ट्रैनिंग दे चुके हैं। वह हर हफ्ते किसानों को मशरूम की खेती के लिए जागरूक करने के लिए एक ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित करते हैं, जिसके लिए वह प्रति व्यक्ति 2 हजार रुपये चार्ज करते हैं उसके बदले वह किसानों को एक सर्टिफिकेट देते हैं। इस सर्टिफिकेट के जरिए किसानों को नाबार्ड से खेती करने के लिए फंड या लोन मिल सकता है। कुलदीप बताते हैं कि पिछले साल उन्हें 38 लाख रुपये का मुनाफा हुआ है। अब उनके प्रोडक्ट्स देश के कई राज्यों में जा रहे हैं। अब कुलदीप का लक्ष्य अपने प्रॉडक्ट को अंतराष्ट्रीय बाजार में भेजने का है। – Kuldeep Bisht from Uttarakhand left his job and started mushroom cultivation, last year made a profit of 38 lakhs.