ज़ाहिर सी बात है, अगर कोई पढ़ा-लिखा युवा खेती करेगा, तो वह अपनी शिक्षा के बदौलत ही करेगा। ऐसे ही एक युवक का नाम लक्ष्य है, जो पढ़ाई पूरी करने के बाद जैविक खेती (Organic Farming) कर रहे हैं। साथ ही अन्य किसानों को भी इससे जोड़ रहे हैं।
26 वर्षीय लक्ष्य (Lakshay) प्रॉपर टेक्नोलॉजी और मैनजमेंट के साथ जैविक खेती (Organic Farming) करते हैं। अब वह एग्रो एजुकेशन फ़ार्म (Agro Education farm) भी चलाते हैं। लक्ष्य (Lakshya) का यूट्यूब चैनल भी है, जहां वह खेती की जानकारी देते हैं।
अगर कोई युवा किसान परिवार से है और वह बेहतर किसान बनना चाहता है, तो वह यहां से जानकारी ले सकता है। यहां हर चीज़ पैकेज के अनुसार है। ऐसे बहुत से पैरेंट्स भी हैं, जो अपने बच्चों को खेती का दृश्य दिखाना चाहते हैं। ऐसे पैरेंट्स यहां आते हैं और बच्चों को दिखाते हैं। उन्हें फार्म से जो खरीदना है, वह भी खरीदते हैं फिरर लंच करने के बाद घर चले जाते हैं।
अपने 10 एकड़ के फार्म (Organic Farming) में लक्ष्य ने लगभग 40 किस्म की सब्जियां और 5 किस्म के फल उगाएं हैं। साथ ही यहां आमला, अंजीर के पौधे भी मौजुद हैं। उन्होंने अपने (Organic Farming) में ऐसे पौधे लगाएं हैं कि एक की वृद्धि होगी, तब दूसरे की बुआई और तीसरे की कटाई होगी। लक्ष्य अभी जटखोड़ गांव में अपना एग्रो एजुकेशन फार्म चला रहे हैं।
एग्रो फार्म में वह जानकारी देते हैं कि किस तरह बीजों को मौसम अनुसार लगाया जाए। साथ ही वर्मीकम्पोस्ट द्वारा उनका ध्यान भी रखा जाए। उनके फॉर्म में सभी अपने जरूरत अनुसार प्रशिक्षण लेने जाते हैं। उन्होंने अपने फार्मिंग का नाम “ऑर्गेनिक एकड़” इसलिए रखा क्योंकि ऑर्गेनिक खेती, कैफे, एजुकेशन हर चीज़ इस ऑर्गेनिक वर्ड से बन सकता है।
बात अगर सप्ताहिक ग्राहक की हो, तो उनके पास 15 सौ से अधिक व्यक्ति खरीददारी के लिए आते हैं। एग्रो एजुकेशन फार्म में बहुत से कैटेगरीज हैं, जिसमें कहीं प्रशिक्षण दिया जाता है, तो कहीं मेहमान नवाज़ी की जाती है, तो कैफे चलते हैं। जब तक फार्म का सारा काम निपट नहीं जाता, तब तक लक्ष्य अपना कार्य जारी रखते हैं और निरीक्षण करते रहते हैं।
ऑर्गेनिक एकड़ (Organic Farming) द्वारा खेती कर लाखों रुपये कमाने और अन्य व्यक्तियों को इससे जोड़ने के लिए The Logically युवा लक्ष्य (Lakshay) की सराहना करता है।