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घर चलाने के लिए पिता पान की दुकान चलाते थे, बेटी ने NEET क्लियर कर लिया: बनना चाहती है डॉक्टर

किसी भी व्यक्ति को सफलता पाने के लिए अपना लक्ष्य तय करना पड़ता है और तय किए हुए लक्ष्य के अनुसार कठिन परिश्रम करनी पड़ती है तब जाकर सफलता हासिल होती है। कठिन परिश्रम करने वाले को कभी हार का सामना नहीं करना पड़ता है, इसे सत्य साबित किया है एक पान की दुकान चलाने वाले की बेटी लक्ष्मी शिवसाली ने।

लक्ष्मी शिवसाली (Laxmi Shivsali) ने National Eligibility and Entrance Test (NEET) परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 1,811 प्राप्त की है। जिससे उन्हें सरकारी मेडिकल कॉलेज में जगह मिलेगी।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार इसके पहले लक्ष्मी पिछले साल ही 55,212 रैंक प्राप्त की थी। घर की आर्थिक स्थिति सही नहीं होने के कारण उनके घरवाले प्राइवेट कॉलेज का खर्च नहीं उठा सकते थे इसलिए पिछले साल उनका नामांकन नहीं हो पाया। लेकिन इस बार लक्ष्मी की डॉक्टर बनने की यात्रा प्रारंभ होगी, जिसका श्रेय लक्ष्मी ने अपने माता-पिता को दिया। परिवार वालों के साथ लक्ष्मी को उनके शिक्षकों ने भी बहुत प्रोत्साहित किया और सब के समर्थन से ही वह इस बार NEET की परीक्षा में अपनी जीत का परचम लहराई। परीक्षा की तैयारी वह बेंगलुरु (Bengaluru) में एक कोचिंग से की।

TOI के रिपोर्ट के अनुसार लक्ष्मी के पिता मंजूनाथ ने कहा कि वे और उनकी पत्नी पढ़े लिखे नहीं है। घर खर्च के लिए वे अपना छोटा-मोटा व्यवसाय चलाते हैं, जिससे उनके लिए लक्ष्मी का प्राइवेट कॉलेज का फीस भर पाना संभव नहीं था। मंजूनाथ ने यह भी कहा कि लक्ष्मी को यह सफलता उसके कठिन परिश्रम से हीं मिली है।

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लक्ष्मी ने यह साबित किया है कि सफलता अमीरी-गरीबी और पद की मोहताज नहीं होती है हर कठिन परिश्रम करने वाला व्यक्ति सफलता प्राप्त कर सकता है। The Logically लक्ष्मी शिवसाली (Laxmi Shivsali) को उनके सफलता के लिए बहुत बहुत-बधाईयां देता है।

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