करौंदे का नाम तो आपने सुना ही होगा। इसके सॉस और चटनी लोगों को बहुत पसंद आती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि किस तरह इसे पानी में उगाया जाता है? (Craneberry Farming)
करौंदा बनाता है रिकॉर्ड्स
करौंदा को क्रैनबेरी भी कहा जाता है। यह सिर्फ हमारे देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी काफी प्रसिद्ध है। ओशिन स्प्रे क्रैनबेरी विश्व का सर्वश्रेष्ठ प्रसिद्ध ब्रांड है। इसकी बहुत ही विशाल खेती होती है। ओशीन स्प्रे क्रैनबेरी की स्थापना 1933 में हुई, जो एक को-आपरेटिव भाग है। इसके हिस्से में चिल्ली अमेरिका और कनाडा मौजूद है। यह प्रत्येक वर्ष लगभग 220 मिलियन क्रैनबेरीज की खेती कर रिकॉर्ड कायम करते हैं। (Craneberry Farming)
आखिर किस तरह होती है इसकी खेती?
करौंदा यानी क्रैनबेरी प्रारंभिक स्थिति में एक बेल की आकृति की होती है, जो वेटलैंड फील्ड में उपजती है। जून महीने में करौंदे में गुलाबी कलर के फूल आते हैं, जिसकी आकार सारस की तरह होते हैं। यह क्रेन की तरह दिखता है, जिस कारण इसे क्रैनबेरी कहा जाता है। (Craneberry Farming)
वही जब इसके फूल झड़ जाते हैं, तब इसमें क्रैनबेरी उपजना प्रारंभ होता है। सितंबर महीने से अक्टूबर महीने के बीच में इसकी खेती होती है। (Craneberry Farming)
ऐसे होती है खेती
दलदल में 2 इंच पानी के भरने के बाद ही करौंदे की खेती सफल होती है। इसके अंदर 4 एयरपोर्ट्स होने के कारण यह पानी में तैरता रहता है। (Craneberry Farming)
होता है अधिक मात्रा में उत्पादन
ओशिन स्प्रे में ऐसे बहुत से खेत हैं, जहां एक ही परिवार के लगभग 4 से 5 पीढ़ी के व्यक्ति कार्य कर चुके हैं, और आज भी वह इसकी खेती में लगे हुए हैं। प्रतिवर्ष करौंदे (Craneberry) की खेती में लगभग 88 मिलियन क्रैनबेरी सॉस उत्पादित किया जाता है। वहीं 223 मिनियन बोतल जूस का भी निर्माण होता है। करौंदे की अधिक डिमांड अमेरिका में थैंक्सगिविंग के अवसर पर होती है। (Craneberry Farming)
1933 में इसकी शुरुआत अमेरिका में हुई थी। वर्तमान में लगभग 700 परिवार इसके कार्यों में लगे हैं। आज यह पूरे विश्व में सॉस, जूस और चटनी का उत्पादन कर रहा है।