गर्मियों के मौसम में स्वास्थ्य का ध्यान रखना बहुत जरुरी होता है क्योंकि इस मौसम में गर्म हवाएं और लू चलती हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए नुक्सानदायक है। ऐसे में अपनी सेहत का ध्यान रखने के लिए शरीर में पानी की कमी को पूरा करना बहुत आवश्यक होता है। पानी की पूर्ति करने के लिए कुछ लोग पानी का अधिक सेवन करते हैं तो वहीं कुछ लोग पानीयुक्त फलों का सेवन करना अधिक पसंद करते हैं।
एक ऐसा ही फल है ककड़ी, जिसका इस्तेमाल सलाद के तौर पर किया जाता है। इसमें पानी की मात्रा 90 फीसदी होती है, ऐसे में इसका सेवन करना हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। लेकिन हमें इस बात का ध्यान रखना बहुत जरुरी है हम जिस भी आहार का सेवन करना वह केमिकल युक्त न हो, क्योंकि आजकल मार्केट में रासायनिक खाद्य पदार्थों ने बसेरा ले लिया है।
ऐसे में यदि आप केमिकल युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना चाहते हैं और गार्डनिंग के शौकीन हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए काफी मददगार साबित होगा। इस लेख के माधय्म से हम आपको बताने जा रहे हैं कि कैसे घर पर ही रासायन मुक्त ककड़ी उगा सकते हैं और इसका स्वाद चख सकते हैं।
ककड़ी के पौधें की रोपाई वैसे तो पूरे वर्ष की जा सकती है लेकिन फरवरी-मार्च और जून-जुलाई का महिना बेहतर होता है। इसके आलवा जो लोग पर्वतीय क्षेत्रों में रहते हैं उनके लिए मार्च-अप्रैल का माह ककड़ी लगाने के लिए अच्छा होता है।
ककड़ी का पौधा घर पर उगाने के लिए जरुरी सामग्री
- बड़े साइज का गमला (Pots)
- बीज (Seeds)
- जैविक खाद (Organic Fertilizer)
- कीटनाशक स्प्रे (Pesticide Spray)
- पानी (Water)
अच्छे बीज का चुनाव करें
किसी पौधें को लगाने से पहले उसके बीज का अच्छा होना बेहद जरुरी होता है, क्योंकि यदि आप अच्छे बीज का इस्तेमाल नहीं करेंगें तो इससे पौधें का विकास अच्छे से नहीं होगा। ऐसे में जब पौधें का ग्रोथ सही से नहीं होगा तो जाहिर सी बात है पैदावार भी अच्छी नहीं होगी। ऐसे में यदि आप चाहते हैं कि ककड़ी का उत्पादन अच्छा हो, इसके लिए आप बीज भण्डार से बीज खरीद सकते हैं। वहाँ आपको अच्छे किस्म के बीज आसानी से मिल जाएंगे। आप चाहें तो अपनी पसंद के अनुसार ककड़ी के बीज को पौधें या बीज दोनों रूप में खरीद सकते हैं।
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बीज या पौधा लगाने का सही तरीका (Tips to grow Kakdi plant at home)
- किसी भी बीज या पौधें को लगाने से पहले सबसे जरुरी काम उसके लिए मिट्टी तैयार करना है। मिट्टी तैयार करने के लिए आप सबसे पहले मिट्टी की अच्छे से खुदाई करके कुछ देर तक सूर्य की रौशनी में सूखने के लिए छोड़ दें। इससे मिट्टी भुरभुरी और मुलायम हो जाएगी।
- जब मिट्टी सूख कर मुलायम हो जाएं तब उसमें 1 से 2 मग जैविक खाद डालकर अच्छे से मिलाएं।
- यदि आप ककड़ी का बीज या पौधा गमले में लगाना चाहते हैं तो सबसे पहले आप 10 इंच गहरे या उससे बड़े आकार के गमले का चुनाव करें। उसके बाद उसे अच्छी तरीके से धोकर धूप में सूखने दें।
- अब बारी आती है बीज लगाने की। इसे लगाने से पहले तैयार खाद युक्त मिट्टी को गमले डालकर बराबर कर लें। उसके बाद ककड़ी के बीज को मिट्टी में 2 से 3 इंच गहरा मिट्टी में दबाकर लगाएं। अब उसमे पानी और खाद का छिड़काव करें। ध्यान रखें कि बीज लगाने के बाद उसमें पानी जरुर डालें।
- अब आपका गमला और ककड़ी लगाने तक का पूरा प्रोसेस कम्प्लीट है। इसके बाद गमले को किसी ऐसे स्थान पर रखें जहां अधिक धूप न आती हो। गार्डनिंग करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि उसमे खाद, पानी और कीटनाशक का छिड़काव समय-समय पर करते रहें।
- यदि आप ककड़ी के पौधें या बीज को भूमि पर लगाना चाहते हैं तो सबसे पहले वहाँ की मिट्टी की अच्छे से खुदाई करके सूखने के लिए छोड़ दें। जब मिट्टी सूखकर भुरभुरी हो जाएं तब उसमें 1-2 मग खाद डालकर मिलाएं। अब 2 फीट चौड़ी और 10 सेन्टीमीटर उंची मेड़ बनाकर पौधें लगा दें। यह आपके पौधें से लाभदायक सिद्ध होगा। 20 से 25 दिनों बाद आप देखेंगे कि आपके पौधें का विकास होना शुरु हो गया है। उसके 3 माह बाद उसमें फल भी लगने शुरु हो जाएंगें।
इन बातों का रखें विशेष ध्यान
कई बार लोग पौधें में केमिकल खाद का इस्तेमाल करते हैं, जिससे पौधा मर जाता है या खराब हो जाता है। इसलिए यदि आप चाहते हैं कि आपके पौधें का अच्छे से विकास हो, इसके लिए आप जैविक खाद या किचन वेस्ट का ही इस्तेमाल करें। इससे आपका पौधा खराब भी नहीं होगा और अच्छी ग्रोथ के साथ पैदावार भी अच्छी होगी।
जब पौधा 1 से 2 इंच तक बड़ा हो जाता है तो उसमें कीड़े लगने शुरु हो जाते हैं। ऐसे में पौधें को सुरक्षित रखने के लिए उसमें समय-समय पर एक निश्चित मात्रा में कीटनाशक का इस्तेमाल करते रहें। आप चाहें तो अपने घर पर भी नींबू, बेकिंग सोडा, पुदिना और सिरका आदि का इस्तेमाल करके प्राकृतिक कीटनाशक (Natural Pesticide Spray) तैयार कर सकते हैं। ध्यान रखें कि रसायनिक कीटनाशक का प्रयोग न हो अन्यथा आपका पौधा मर सकता है।
पौधें की देखभाल
यदि पौधें की देखरेख अच्छी तरह से न की जाएं तो उसमें मौसमी और अन्य प्रकार के कीड़े लगने शुरु हो जाते हैं, जिससे पौधें को रोग लग जाता है और वह खराब हो जाता है। ऐसे में इसका ध्यान रखना बहुत जरुरी है। बता दें कि, ककड़ी के पौधों को स्क्वैश बग, ककड़ी बीटल और एफिड्स जैसे कीट लग सकते हैं। ऐसे में इससे बचाव हेतु नीम के स्प्रे का छिड़काव करना फायदेमंद होगा।
यदि रोग की बात करें तो इसके पौधें में मोजेक, खस्ता फफूंदी और कवक जैसे रोग लग जाते हैं, जिससे पौधें को सुरक्षित रखना आवश्यक है। इन रोगों से बचने के लिए समय समय पर पौधें के अगल-बगल की मिट्टी की खुदाई करते रहें और खर-पतवार निकालते रहें। यह आपके पौधें को रोगों से बचाने और उसके विकास में सहायक होन्गे।
ऊपर बताए गए तरीकों को अपनाकर आप भी घर पर बहुत ही आसानी से ककड़ी का पौधा उगा सकते हैं और रासायन युक्त फ्रेश ककड़ी का सेवन कर सकते हैं। उम्मीद करते हैं आपको यह जानकारी अच्छी लगी होगी, ऐसे ही अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए हमारे साथ जुड़े रहें।