आजकल लोगों के बीच गार्डेनिंग को लेकर काफी क्रेज देखने को मिल रहा है। आज के इस लेख द्वारा हम आपको एक ऐसी महिला से मिलाएंगे जो 9 वर्षों से अपने छत पर गार्डेनिंग कर यहां साग-सब्जियां तथा मसाले का उत्पादन ऑर्गेनिक तौर पर कर रही हैं।
लिजी जॉन का परिचय
70 वर्षीय लिजी जॉन बेंगलुरु से ताल्लुक रखती हैं। उन्होंने अपने छत पर पीवीसी पाइप में सब्जी, फल तथा कई प्रकार के पौधे लगाए हैं। वह बताती हैं कि इसके अनेकों फायदे हैं। वह होममेड स्नैकक्स व्यवसाय की संचालक थी जब वह रिटायर्ड हुईं तो गार्डेनिंग का निश्चय किया। उन्होंने मात्र 1200 वर्ग फुट की छत पर गार्डेनिंग शुरू की। हलांकि 200 फुट में पानी टैंक तथा सोलर पैनल है बाकी क्षेत्र में गार्डेनिंग होती है। -Gardening
उगाया है अन्य प्रकार के पौधे
उन्होंने प्रारंभिक दौर में अपने छत पर मिर्च और टमाटर की बुआई की। वहीं आज यहां अनेकों प्रकार के पौधे सजे हैं। उन्हें अपने खाने योग्य सब्जियां खरीदने के लिए मार्केट जाने की कोई जरूरत नहीं पड़ती बल्कि ये सारी पूर्ति छत से ही हो जाती है। उन्होंने छत पर जड़ी-बूटी फल, फूल, मसाले तथा सब्जियों की बुआई की है। -Gardening
पति का मिलता है सहयोग
सब्जियों के उत्पादन के लिए वह ऊंचे स्टैंड्स वाले ग्रो बैग्स का उपयोग करती हैं। इसके अतिरिक्त पीवीसी पाइप, प्लास्टिक पात्र, बाल्टी तथा ड्रम आदि का उपयोग कर पौधे लगाती हैं। वह उपयोग किए हुए प्लास्टिक के बोतलों को भी जाया नहीं जाने देती इसके लिए वह इसमें पौधे की बुआई करती हैं। उनके गार्डेनिंग में उनके पति उनका भरपूर सहयोग करते हैं। -Gardening
ऐसे होता है उर्वरक का निर्माण
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अपने पौधों के लिए वह कम्पोस्ट खुद बनाती हैं जो कचरे तथा काऊ डंग द्वारा बनाए जाते हैं। कम्पोस्ट के निर्माण हेतु वह प्लास्टिक के बोतलों को लेकर उसके निचले भाग को काटती हैं फिर इसके गुड़, कचरे, पत्तियां, छाछ तथा गे गोबर डालकर इसके ऊपरी हिस्से में मिट्टी डालकर बन्द कर दिया जाता है। वही निचले भाग को नारियल के खोल द्वारा बन्द किया जाता है। -Gardening
वही कीटनाशकों के निर्माण के लिए वह येल्लो ट्रैप, निम तेल, डिटर्जेंट और साबुन का उपयोग करती हैं। वह बताती हैं कि सब्जियों के बेहतर उत्पादन हेतु वह मिट्टी का निर्माण स्वयं करती हैं। गमलें में मिट्टी को डालने से पूर्व इसमें चूना को डाला जाता है फिर अच्छी तरह इसे साफ कर मिट्टी का निर्माण किया जाता है। इसके बाद इसमें मिट्टी डाल पौधे की बुआई होती है। -Gardening
मिला है अवार्ड भी
गार्डेनिंग के क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिए उन्हें कई पुरस्कार भी मिले हैं। जिसमें सरोजिनी दामोदर फाउंडेशन, होप चैरिटेबल ट्रस्ट, हरिता केरलम तथा मातृभूमि अवार्ड के साथ 15 अवार्ड शामिल हैं। वह बताती हैं कि गार्डेनिंग के लिए धैर्य की आवश्यकता है तब ही आप सफल होंगे। -Gardening