पिछले कुछ वर्षों से लोगों में प्रकृति के प्रति प्रेम बढ़ा है, जिस वजह से अधिकांश लोग टेरेस गार्डेनिंग के प्रति जागरुक हुए हैं।
प्रकृति से लगाव होने के कारण ज्यादातर लोग घर की बालकनी, घर की छत या किसी खाली जगह में गार्डेनिंग कर रहे हैं। एक ऐसे ही प्रकृति प्रेमी हैं, जिन्होंने घर के बाहर जगह नहीं मिलने के कारण सैलून के छत को ही खूबसूरत मॉडर्न गार्डेन में तब्दील कर दिया।
पुरानी चीजों के इस्तेमाल से बनाया प्लांटर
कुम्भानगर के निवासी बनवारी पुत्र बालूराम तंवर पेशे से एक हेयर ड्रेसर हैं। वे पिछ्ले चार वर्षों से टेरेस गार्डेनिंग कर रहे हैं। बनवारी बताते हैं, “अधिकांश घरों में छत को डंपयार्ड की तरह इस्तेमाल किया जाता है। हमारे घरों में जो भी कबाड़ होता है, उसे हम छत पर रख देते हैं। घर पर भी बहुत सारी बेकार चीजें रखी हुई थी, लेकिन जब से मैंने गार्डेनिंग शुरु की, तो उनको धीरे-धीरे प्लांटर की तरह प्रयोग में ले लिया।”
‘बेस्ट आउट ऑफ़ वेस्ट’ का भी अच्छा उदाहरण
बनवारी ने शुरुआत में पुरानी-बेकार पड़ी चीजों से प्लांटर बनाया और गमलों में पौधे लगाए। धीरे-धीरे गार्डेनिंग के प्रति उनका रुचि बढ़ने लगी, तो उन्होंने भिन्न-भिन्न प्रजातियों के पौधें लगाने शुरु कर दिए। उन्होंने अपने गार्डेन में अजवाइन, पत्थरचट्टा, लेमनग्रास और मीठा नीम भी लगाया है, जो औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। इसके अलावा पानी में उगने वाले वाटर अंब्रेला, वाटर लिली, जलपरी और लोटस भी लगाया है। उन्होंने अपने गार्डन को दो रूफ में बनाया है, जो 1000 और 700 स्क्वायर फीट में फैला है। बनवारी का यह गार्डेन ‘बेस्ट आउट ऑफ़ वेस्ट’ का भी अच्छा उदाहरण है। बनवारी ने पौधे लगाने के लिए बाइक की डिक्की, पुरानी बाल्टी, टायर, तेल के पीपे और बोतलों का भी इस्तेमाल किया है। वर्तमान में उनके गार्डेन में 700 से अधिक पौधे हैं।
गार्डेन को बनाया मॉडर्न गार्डेन
बनवारी एक्सपेरिमेंट करने के शौकीन हैं। वे केवल गार्डेन से खुश नहीं थे, इसलिए उन्होंने गार्डेन को मॉडर्न गार्डेन बनाने का फैसला किया। मॉडर्न गार्डेन बनाने के लिए उन्होंने वाटरफॉल, वर्टिकल शेप, पोंड, बच्चों के लिए झूला, सीटिंग एरिया, टी टेबल, हैंगिंग प्लांट्स, स्लाइडर और लकड़ी के गमले में प्लांट लगाया। इसके साथ उन्होंने पोंड में छोटी-छोटी फ़िश रखी और साथ ही गार्डनिंग में आर्टिफिशियल ग्रास और डिम लाइट भी लगवाया।
फुर्सत के समय गार्डेन में समय व्यतीत करते हैं
प्रकृति से प्यार होने के कारण वे काम से खाली समय मिलने पर अपने गार्डेन में समय व्यतीत करना बहुत पसंद करते हैं। उन्होंने इसे किराए पर ले रखा है और नीचे उनका सैलून चलता है। उनके सैलून में आने वाले ग्राहक भी उनसे सुझाव लेकर गार्डन बनवाते हैं।
पत्नी संग करते हैं गार्डेन की देखभाल
कुम्भा नगर के रहने वाले बनवारी का एक सैलून महाराणा प्रताप सेतू मार्ग पर भी है। पिछ्ले वर्ष कोरोना महामारी के वजह से जब लॉकडाउन लगा, तो उन्हें अपने पेड़-पौधों की चिंता सताने लगी। तब उन्होंने अपना घर छोड़कर अपनी पत्नी के साथ सैलून में रहने लगे। वे जब सुबह सैलून में व्यस्त रहते हैं, तो उनकी पत्नी पेड़-पौधों का ख्याल रखती है। उनकी पत्नी भी सैलून में मेकअप आर्टिस्ट का काम करती है।
पेड़-पौधों में कीड़े न लगे इस बारे में भी वे लगातार जानकारी जुटाते रहते हैं। उनके गार्डेन में पेड़-पौधों को कटाई-छटाई, पानी देना इन सबका ख्याल रखा जाता है।