हमारा समाज कितना भी आगे बढ़ रहा हो लेकिन आज भी यहां बेटा-बेटी में फर्क किया जाता है। न सिर्फ अनपढ़ बल्कि पढ़े-लिखे वर्ग के लोग भी चाहते हैं कि उनके यहां बेटी का जन्म न होकर बेटा का ही जन्म हो और उनकी इसी सोच की वजह से कोख में ही बेटियों को मार दिया जाता है।
ऐसी नकारात्मक खबर के बीच कभी-कभी कुछ ऐसी खबर सामने आते हैं जिससे लगता है सुन्दर कल आने वाला है। इसी बीच मध्यप्रदेश से एक ऐसी ही खबर निकलकर आई है जहां बेटी के जन्म पर काफी उत्साह के साथ स्वागत किया गया।
आतिशबाजी और फूल बरसाकर परिवार ने किया बेटी का स्वागत
मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के सागर के जैसीनगर के सागोनी पुरैना निवासी राजेन्द्र सिंह के घर 23 वर्ष बाद उनके पुत्र तरुण की पत्नी वैशाली ने बेटी को जन्म दिया। इस खबर को सुनते ही घरवालों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी और सभी ने ढोल-बाजे बजाकर, बधाइयां गाकर नन्ही परी का स्वागत किया।
इतना ही नहीं नवरात्रि के दिन जन्मी बेटी की भव्य स्वागत में आतिश्बाजियां हुई, फूल भी बरसाए गए, मिठाइयां बांटी गई। बेटी के जन्म की भव्य खुशियां मनाकर बेटा की चाह रखने वाले लोगों के लिए एक मिसाल पेश किया है।
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बेटियां नहीं है बेटो से कम
नवजात शिशु के दादाजी राजेन्द्र सिंह ने कहा कि, हमारे देश में आज भी बेटियों के जन्म पर बेटों के जन्म की तरह खुशियां नहीं मनाई जाती है और न ही बेटो की तरह सम्मान दिया जाता है। लेकिन लोगो को अब समझने की जरुरत है कि बेटियां किसी भी मामले में बेटों से कम नहीं है।
परिवार में है खुशी का माहौल
उन्होंने यह भी कहा कि जब उनके बेटे-बहू बच्ची को लेकर घर आए तो सभी की खुशी का ठिकाना नहीं था और सभी उसे गोद में लेना चाहते थे। वहीं नवजात के स्वागत का दृश्य देखने लायक था। इसके अलावा घरवालों का कहना है कि, नवरात्रि के दिन जन्मी यह बच्ची साक्षात् देवी है।