सरकारी स्कूलों की स्थिति किसी से छुपी नहीं है। सभी जानते हैं कि अधिकांश सरकारी स्कूलों की स्थिति बहुत ही खराब है, न तो स्कूल की इमारत अच्छी है और न ही बच्चों की अच्छी पढ़ाई के लिए सुविधाएँ मौजूद हैं। ऐसे में लोग अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में न भेजकर प्राइवेट स्कूलो में भेजते हैं क्योंकि वहां उनकी पढ़ाई के लिए हर सुविधा उप्लब्ध है।
हालांकि, अब कई राज्य में सरकारी स्कूलों (Government School) की स्थिति अब सुधरते दिख रही है। देश के अलग-अलग राज्यों के कई जिलों में सरकारी स्कूल प्राइवेट स्कूलों को भी मात दे रहा है। इसी कड़ी में एक बार सरकारी स्कूल के एक शिक्षक ने खुद के पैसों से स्कूल की स्थिति बदलक रख दी है।
शिक्षक ने बदल डाली स्कूल की तस्वीर
दरअसल, यह खबर मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के राजगढ़ जिला मुख्यालय से 50 किमी दूर टूटियाहेड़ी की है जहां स्थित शासकीय माध्यमिक स्कूल के एक शिक्षक ने पूरी तस्वीर ही बदल डाली है। एक तरफ जहां सरकारी फंड से भी स्कूलों की स्थिति में सुधार नहीं होता है वहीं स्कूल के शिक्षक ने खुद की जेब से पैसे खर्च करके और लोगों की मदद से स्कूल की कायापलट कर दिया है।
इस स्कूल को स्थिति का अंदाजा आप इस बात से ही लगा सकते हैं कि जहां पहले पढ़ने के लिए 33 छात्र आते थे वहीं अब छात्रों की संख्या बढ़कर 59 हो गया है। बच्चों के लिए पर्याप्त सुविधा नहीं होने की वजह से वहां के लोग अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में न भेजकर प्राइवेट स्कूलों की तरफ रुख करते थे लेकिन अब वहां बिजली की सुविधा, फर्नीचर, स्मार्ट क्लास आदि की सुविधा मौजूद हैं।
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स्कूल की कायापलट करने के लिए शिक्षक ने खुद की जेब से खर्च किए 40 हजार रुपये
स्कूल की बदहाल स्थिति देखकर स्कूल के शिक्षक ओम प्रकाश जायसवाल को बहुत बुरा लगता था। ऐसे में उन्होंने एक बार छात्रों से कहा कि यदि स्कूल में बिजली, लाइट, पंखा, खेल का मैदान आदि की सुविधा मुहैया कराई जाए तो क्या वे रोजाना पढ़ने के लिए विद्यालय आएंगे। इस बात पर सभी बच्चे राजी हो गए। बच्चों की मंजूरी मिलने के बाद से ही शिक्षक जायसवाल ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर खुद के पैसे से स्कूल की कायापलट कर दिया। स्कूल की तस्वीर बदलने के लिए ओम प्रकाश जायसवाल ने खुद की जेब से 35 से 40 हजार रुपये खर्च किया
स्कूल की दीवारों पर लिखी है ज्ञानवर्धक बातें
स्कूल में नए फर्नीचर लगाए गए, बिजली-पंखे और स्मार्ट क्लास की सुविधा उप्लब्ध कराई गई और इस तरह स्कूल के कक्षाओं का डिजिटल क्लास में तब्दील कर दिया गया। इतना ही नहीं स्कूल की दीवारों को भी आकर्षक बनाने के लिए ज्ञानवर्धक बातें लिखवाई गई जिसमें भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के साथ-साथ शरीर के अंगों के बारें में जानकारी दी गई। है। स्कूल की कायापलट देखकर बच्चे काफी खुश हैं और वे अब पढ़ने के लिए रोजाना विद्यालय भी आते हैं।
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बनाया गया प्ले ग्राउंड
पहले विद्यालय में बच्चों के खेलने के लिए प्ले ग्राउंड नहीं था जिसके वजह से बच्चे खेलने का आनंद नहीं ले पाते थे। लेकिन स्कूल की कायापलट करने के लिए शिक्षक ने प्ले ग्राउंड बनवाया और उसे चारों ओर से तार फेसिंग कराया। इसके अलावा चारों ओर पौधारोपण भी किया गया ताकि पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ स्कूलों की सुन्दरता भी बढ़ सके।
अधिकारी ने दिया पुरस्कार
शिक्षक ओम प्रकाश जायसवाल द्वारा विद्यालय की तस्वीर बदलने की खबर जब एडीएम कमल चंद नागर को मिली तो वह स्कूल का निरक्षण करने के लिए पहुंचे। वहां उन्होंने सभी व्यवस्थाओं का निरिक्षण किया और बच्चों से भी बातचीत की। उसके बाद उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रशस्ति पत्र देकर पदस्थत शिक ओम प्रकाश जायसवाल को सम्मानित किया।
वाकई शिक्षक ओम प्रकाश जायसवाल द्वारा जिस तरह स्कूल का कायापलट किया गया वह काबिले तारिफ है। The Logically उनकी प्रशंशा करता है।