Sunday, December 10, 2023

शिव और पार्वती के विवाहोत्सव के सन्दर्भ में मनाया जाने वाला पर्व: महाशिवरात्रि

हमारा देश भारत देवी देवताओं की भूमि है और यह अपनी पौराणिक संस्कृति के लिए दुनिया भर में मशहूर है। धार्मिक प्रकृति के प्रति गहरी आस्था ने भारत को सुसंस्कृत बनाया है। यहां हर त्योहार के पीछे कोई न कोई पौराणिक कथा होती है और हर भारतीय पौराणिक कथा में देवी देवताओं के अलग-अलग रूप देखने को मिलते हैं। ऐसे हीं शिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ की आराधना की जाती है।

भारत में फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी युक्त चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। यूं तो हर महीने शिवरात्रि आती है लेकिन फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी की शिवरात्रि को साल की 12 शिवरात्रियों में से सबसे अहम माना जाता है। इस त्योहार के पीछे भी कई कथाएं प्रचलित हैं जिनमें से सबसे प्रचलित कथा के अनुसार इस दिन भगवान शिव का विवाह माता पार्वती के साथ हुआ था।

Loard Shiva

हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, एक कथा यह भी है कि इसी दिन शिव जी 64 शिवलिंग के रूप में संसार में प्रकट हुए थे जिनमें से लोग उनके 12 शिवलिंग ही ढूंढ पाए हैं। इन्हें हम 12 ज्योतिर्लिंग के नाम से जानते हैं।

ऐसी मान्यता है कि इस दिन देवों के देव महादेव का विवाह माता पार्वती के साथ हुआ था। इस विवाह में देवी-देवता, भूत-पिशाच सभी शामिल हुए थे। महाशिवरात्रि को भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की विवाह के वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है।

Loard Shiva

भगवान शिव और मां पार्वती का प्रेम संपूर्ण माना जाता है। एक कथा के अनुसार समुद्र मंथन से हलाहल नामक विष भी पैदा हुआ था जिसमें संपूर्ण ब्रह्माण्ड को नष्ट करने की क्षमता थी। केवल भगवान शिव हीं इसे नष्ट कर सकते थे। इसलिए उन्होंने इस विष को पी लिया था। इस शहर का असर इतना शक्तिशाली था कि भगवान शिव का गला नीला पड़ गया। तब मां पार्वती उनके गले में जाकर विष रोक ली थी। भगवान शिव को इसके बाद ही नीलकंठ के नाम से जाना जाने लगा।

महाशिवरात्रि भगवान शिव को प्रसन्न करने का सबसे अच्छा दिन माना जाता है। इस दिन भोलेनाथ के उपासक उनकी पूजा-अर्चना से मनोवांछित फलों की प्राप्ति कर सकते हैं। इस दिन शिवलिंग को गंगाजल, दूध, घी, शहद और शक्कर के मिश्रण से स्नान करवाया जाता है। फिर बेलपत्र, भांग, धतूरा, गाय का शुद्ध कच्चा दूध, चंदन, रोली चढ़ाकर महादेव की आराधना की जाती है।