आजकल लोग अपनी आय को बढ़ाने के लिए नए-नए तरीके और रिसर्च करते हैं ताकि आगे चलकर वे एक अच्छी जिंदगी व्यतीत कर सकें। हम आज एक ऐसे किसान की बात करेंगे जिन्होंने अपनी आय को बढ़ाने के लिए ऑर्गेनिक फार्मिंग और पशु पालन किया और वे सालाना 50 लाख रुपए की कमाई कर रहे हैं।
महेंद्र रावलनामा (Mahendra Rawalnama) जो गुजरात (Gujrat) के अहमदाबाद (Ahmadabad) जिले के रहने वाले हैं। महेंद्र कहते हैं कि जब हम पहले ट्रेडिशनल फार्मिंग करते थे तब हमें इसमें ज्यादा मुनाफा नहीं होता था। लेकिन जब लगभग 5 साल पहले हमें जाने-माने एग्रीकल्चरिस्ट सुभाष पालेकर (Subhash Palekar) से मुलाकात हुई। तो उन्होंने हमें ऑर्गेनिक फार्मिंग और नेचुरल फार्मिंग के बारे में काफी कुछ बताया। सुभाष पालेकर के ऑर्गेनिक फार्मिंग के बारे में सुनकर मुझे काफी अच्छा लगने लगा। और मैं ऑर्गेनिक फार्मिंग करने के बारे में सोचने लगा।
महिंद्र बताते हैं कि उनके पास लगभग 70 बीघा जमीन है। इस 70 बीघे जमीन में लगभग 25 बीघा जमीन में ऑर्गेनिक फार्मिंग (Organic Farming)के खेती करना शुरू कर दिया। इस 25 बीघा जमीन में इन्होंने सब्जी अ नार दलहन जैसे फसने लगाई। और बाकी के जमीन में वह पहले जैसे खेती करते थे वैसे ही वे खेती करते रहे। यह बताते हैं कि इस ऑर्गेनिक फार्मिंग करने से मुझे पहले ही साल में काफी अच्छा खासा मुनाफा हुआ। परंतु इस ऑर्गेनिक फार्मिंग को करने के लिए मुझे कुछ मांगा पड़ा। इसमें फर्टिलाइजर (Fertilizer) और पेस्टिसाइड्स में काफी पैसा खर्च हो जाता है। इस खर्च से निपटने के लिए मैंने एक तरकीब सोचा। और इस ऑर्गेनिक फार्मिंग को करने में कम लागत लगे। इसके लिए मैंने रिसर्च करना और इसकी जानकारी हासिल करना शुरू कर दिया।
इस ऑर्गेनिक फार्मिंग में आय बचाने के लिए मुझे कई लोगों ने पशुपालन करने का सुझाव दिया। यह सुझाव मुझे काफी अच्छा लगा और मैंने कुछ ही दिनों के बाद 4-5 गाय को लेकर पशुपालन करना शुरू कर दिया। उन्होंने बताया कि पशु पालन करने से मुझे काफी अच्छा फायदा हुआ। गाय से मुझे दूध तो मिलती ही थी। और दूध के साथ-साथ गोबर और गोमूत्र भी मिलता था। इस गोबर से हम ऑर्गेनिक खाद बनाते और गोमूत्र से पोस्टी साइड भी तैयार करते। जिससे हमें फर्टिलाइजर-पोस्टिसाइड के खर्चे बच जाते थे। यह देख कर मुझे काफी प्रसन्नता हुई और मैंने आगे चलकर अपने खेतों और पशुपालन करने का दायरा बढ़ा दिया।
महेंद्र पशुपालन करने से इन्होंने दूध, दही, घी जैसे प्रोडक्ट भी बनाना शुरू कर दिया। महेंद्र के पास अभी 40 गाय हैं जो प्रतिदिन 130 लीटर दूध देती हैं। महेंद्र इस दूध को अहमदाबाद के आसपास के इलाकों में भेजते हैं और इस दूध से बनी दही, घी जैसे प्रोडक्ट को दूसरे राज्यों में भी बेचकर अच्छी खासी कमाई करते हैं। महेंद्र बताते हैं कि पहले हमें ट्रेडीशनल फार्मिंग से ज्यादा मुनाफा नहीं होता था। हमें ट्रेडीशनल फार्मिंग से लगभग 3 से 4 लाख रुपए का ही लाभ होता था। परंतु जब से हमने ऑर्गेनिक फार्मिंग और पशु पालन का व्यवसाय शुरू किया। तब से हमें इस व्यवसाय में काफी अच्छा मुनाफा होने लगा। हमें इस ऑर्गेनिक फार्मिंग से लगभग सालाना 25 लाख रुपए की कमाई होती है। और पशुपालन से हमें 25 से 30 लाख रुपए की कमाई हो जाती है। इस ऑर्गेनिक फार्मिंग और पशु पालन से हमें सालाना लगभग 50 लाख रुपए की कमाई हो जाती है।
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ऑर्गेनिक फार्मिंग और पशुपालन दोनों ही एक दूसरे के लिए काफी जरूरी होती है क्योंकि पशु पालन करने से ऑर्गेनिक फार्मिंग में गाय का गोबर और गोमूत्र की आवश्यकता होती है जिससे हम गोबर और गोमूत्र से फर्टिलाइजर और पोस्टीसाइड बना लेते हैं। वहीं ऑर्गेनिक फार्मिंग से पशुओं को काफी अच्छा और शुद्ध चारा मिल जाता है जिससे गाय में दूध की मात्रा बढ़ जाती है।
ऑर्गेनिक तरीके से खेती करने के लिए ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर की जरूरत होती है। यह ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर बनाने के लिए गाय के 10 किलो गोबर 10 लीटर गोमूत्र 1 किलो चोकर तथा 1 किलो मिट्टी की आवश्यकता होती है। इन 5 चीजों को अच्छी तरह मिला लेने के बाद इसमें 2 लीटर पानी डाल देते हैं और इसे 20 दिनों तक ढक कर रख दिया जाता है। लेकिन ध्यान रहे इसमें ना ज्यादा गर्मी लगे और ना ही धूप ना लगे। 20 दिनों बाद या ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर खाद बनकर तैयार हो जाता है।
पेस्टीसाइड को भी आप अपने घरों में तैयार कर सकते हैं। इसके लिए आपको एक मटके में ढाई किलो नीम के पत्ते सौ ग्राम तंबाकू अगर तंबाकू ना हो तो धतूरे का भी उपयोग कर सकते हैं। और एक पाव लहसुन डालकर इसमें 15 लीटर गोमूत्र मिला देते हैं फिर इसे जहां छाया मिलती हो वहां मिट्टी के अंदर गाड़ देते हैं इसके बाद 20 से 21 दिन के बाद यह पेस्टिसाइड बनकर तैयार हो जाता है।
महेंद्र बताते हैं कि अगर कोई किसान इस ऑर्गेनिक फार्मिंग और पशु पालन को करना चाहते हैं और उनके पास इसे करने के लिए ज्यादा पैसे नहीं है तो वह शुरुआत में 2 से 4 गाय के साथ पशुपालन शुरू कर सकते हैं और अपना डेयरी का एक छोटा-मोटा व्यवसाय कर सकते हैं। और आपको पता चलने लगे कि अब इस व्यवसाय से मुझे अच्छा मुनाफा हो रहा है तो आप इस व्यवसाय को आगे और बढ़ा सकते हैं। इसे शुरू करने के लिए किसान को लगभग 3 से 4 लाख रुपए का खर्च आएगा।
अगर किसान के पास इस व्यवसाय को शुरुआत करने के लिए पैसे नहीं है। ऐसे में किसानों को इस व्यवसाय करने के लिए केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार से आर्थिक मदद मिलती है। अगर किसान 10 पशुओं के साथ यह डेयरी स्टार्ट करना चाहते हैं तो 10 लाख रुपए तक का लोन ले सकते हैं। और इस लोन पर NABARD योजनाओं की तरफ से 25% सब्सिडी भी मिलता है। और अगर आप आरक्षित वर्ग में आते हैं तो 33% तक की सब्सिडी मिल सकती है।