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नौकरानी बनकर घर आई और बेटी बनकर विदा हुई, पटना के सुनील ने कन्यादान कर पेश की मिसाल

कहते हैं जमाना भले ही कितना भी क्यों ना बदल जाए, लेकिन अब भी हमारे बीच कुछ ऐसे लोग मौजूद हैं, जो इंसानियत की मिसाल पेश करते ही रहते हैं। आमतौर पर हम अपने घर में काम करने वाले नौकरों के साथ बहुत ही दुर्व्यवहार किया जाता है या फिर उसे कम महत्व दिया जाता है, लेकिन आज हम एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बताएंगे जिन्होंने अपने घर में काम करने वाले नौकरानी को ना केवल अपनी बेटी माना बल्कि एक पिता का कर्तव्य निभाते हुए बड़े ही धूमधाम से उसकी शादी भी कराई। – Sunil from Patna got Gudiya married with great pomp, who maid working in her house.

सुनिल नौकरानी को अपना बेटी मान कर किए विदा

हम बात कर रहे हैं पटना (Patna) के किदवईपुरी (Kidwaipuri) के आनंद कॉलोनी (Anand Colony) में रहने वाले सुनील सिंह की। 13 साल पहले एक घर में नौकरानी बन कर आई एक लड़की गुड़िया (Gudiya) अब उस घर से बेटी बनकर विदा हुई। गुड़िया अपने स्वभाव से उस घर को अपना घर बना लिया तथा सुनील को अपने पिता की तरह देखने लगी। सुनील सिंह (Sunil Singh) ने भी इंसानियत की मिसाल देते हुए एक नौकरानी को अपनी बेटी की तरह प्यार करने लगे। सुनील के इस कदम से समाज के हर उस इंसान को प्रेरणा लेना चाहिए जो घर में काम कर रहे लोगों के साथ गलत व्यवहार करते हैं।

नौकरानी से बनीं बेटी और दुल्हन बनकर विदा हुई

Unique Marriage In Patna Daughter Became A Maid
पटना में हुई अनोखी शादी नौकरानी से बनी बेटी

पिछले 13 साल से गुड़िया सुनील सिंह (Sunil Singh) के घर में काम कर रही है, लेकिन कभी भी उन्होंने उसके साथ नौकरों जैसा बर्ताव नहीं किया। एक गरीब घर में जन्मी गुड़िया के लिए यह किसी सपने से कम नहीं था कि, जिस घर में उसे काम करने के लिए रखा गया उस घर ने उसे दुल्हन बनाकर विदा किया। गुड़िया की शादी बहुत ही धूमधाम से हुई। सुनील ने उसकी शादी में वो सब कुछ हुआ जो एक पिता अपनी बेटी की शादी में करता हैं। खाने-पीने से लेकर सजावट तक हर तैयारी की गई। इस दौरान सुनील ने ना केवल घर बल्कि पुरे गली मुहल्लों को ही सजवा दिया। – Sunil from Patna got Gudiya married with great pomp, who maid working in her house.

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सुनील बताते हैं कि 13 साल पहले वह काम कराने के लिए गुड़िया को अपने घर लेकर आए थे। उस समय गुड़िया की उम्र 6-7 साल के आस-पास थी। दरअसल गुड़िया के अपने पिता कोई काम नहीं करते थे और वह हमेशा गुड़िया और उसके छोटे भाई-बहनों की पिटाई करते रहते थे। हालात ऐसे थे कि उसे घर में दो वक्त का खाना तक नहीं मिल पाता था। गुड़िया अपने घर में भाई-बहनों में सबसे बड़ी हैं इसलिए घर की तथा छोटे भाई बहनों की जिम्मेदारी भी उसी पर थी। ऐसे में हालात से मजबूर होकर गुड़िया घर-घर काम करने लगी। इसी दैरान उसकी मुलाकात सुनील से हुई और वह उसे घर लेकर आए।

गुड़िया बचपन से ही संस्कारी थी

जब गुड़िया (Gudiya) सुनिल के घर आई तो समय के साथ घर वालों का उससे लगाव बढ़ता गया। सुनील बताते हैं कि बचपन से ही गुड़िया इतनी संस्कारी बच्ची थी कि इतनी छोटी उम्र से लेकर अब तक मेरी हर एक चीज का ख्याल रखती थी बिल्कुल एक बेटी की तरह। उनके अनुसार गुड़िया इस प्रकार काम करती थी की कभी उसे डांटने की जरूरत ही नहीं पड़ी। वह भले ही एक नौकर की तरह काम करती थी, परंतु उससे कभी भी कोई सामान छिपा कर रखने की जरूरत ही नहीं पड़ी।

गुड़िया का हुआ कन्यादान (पटना)

सुनील ने किया गुड़िया का कन्यादान

गुड़िया जब तक सुनील के घर में रही एक बेटी की तरह रही और विदा भी एक बेटी की ही तरह हुई। ऐसा भी नहीं है कि सुनील की अपनी कोई बेटी नहीं है उनकी अपनी बेटी होने के बावजूद भी वह गुड़िया को अपनी बेटी मानकर उसका कन्यादान किए। सुनील ने गुड़िया की शादी बहुत ही धूमधाम से कराई। इस खुशी के मौके पर दुल्हन बनी गुड़िया कहती हैं कि “मेरे अपने माता-पिता से अच्छे यह माता-पिता हैं जिन्होंने मुझे बचपन से लेकर अब तक बहुत प्यार किया। मैं इनके यहां काम करती हूं, लेकिन उन्होने हमेशा मुझे बेटी की तरह प्यार किया और आज कन्यादान भी कर दिया”। सुनील का यह कार्य समाज के लिए एक प्रेरणा है। – Sunil from Patna got Gudiya married with great pomp, who maid working in her house.

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