दिल्ली शहर में प्रदूषण की समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। एक तो यहां आबादी अधिक है और साथ हीं कल-कारखानों से निकलने वाले धुंए से प्रदूषण का खतरा अधिक बढ़ रहा है। यहां प्रदूषण के बढ़ने में पराली का भी योगदान है। किसान फसलों के अवशेष को जलाते हैं जिससे अधिक प्रदूषण फैलता है।
प्रदूषण के बढ़ने के कारण यहां लोगों को सांस लेने में दिक्कत होती है, जिस कारण लोग एयर क्वालिटी इंडेक्स की तरफ ज्यादा जोर दे रहे हैं। हलांकि हमारे देश में हर समस्या का समाधान है इसलिए इस पराली के समस्या से समाधान हेतु एक कम्पनी आगे आकर बेहतरीन कार्य कर रही है।
पराली से हुआ कम्पोस्ट का निर्माण
यह कम्पनी प्रदूषण को हीं नहीं रोक रही, बल्कि पराली के उपयोग से कम्पोस्ट का निर्माण भी कर रही है। इस उर्वरक के उपयोग से हमारे मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है और अनाज का उत्पादन अधिक होता है। एक तीर से 2 निशाने के काम यहां इस कम्पनी द्वारा किया गया है।
केमिकल फ्री फसलों का होगा उत्पादन
यह कम्पनी अर्बन फार्म्स कम्पनी (Urban Farms Co.) है। इस कंपनी द्वारा दिल्ली के बाहरी एरिया में रिजेनरेटिव फॉर्मिंग हब का निर्माण हुआ है। यहां पर पराली को एकत्रित किया जाता है और फिर विशेष विधि का उपयोग कंपोस्ट का निर्माण होता है। किसान इस कंपोस्ट की सहायता से केमिकल फ्री फसलों का उत्पादन कर सकते हैं।
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आनन्द महिंद्रा ने ट्विट कर लिखा बहुत सुंदर पंक्ति
अगर आप अपने खेतों में उगाई गई सब्जियों में इस कंपोस्ट का उपयोग कर रहे हैं तो सब्जियों में विटामिंस और न्यूट्रिएंट्स अधिक मात्रा में मिलेंगे। कंपनी द्वारा किए गए इस पहल की सराहना आनंद महिंद्रा ने की है। उन्होंने अर्बन फार्म्स कंपनी के एक वीडियो को ट्वीट किया और कैप्शन में लिखा “नेचर इज पावरफुल नेचर इज रिजेनरेटिव”
Nature is powerful. Nature is regenerative.@naandi_india’s @UFCo_India proves this by reverting the stubble that has been the cause of pollution to where it belongs: back to the soil to add nutrients to the food we eat.#ReGenAgri#UFCoIndia pic.twitter.com/GiWez0uGQ7
— anand mahindra (@anandmahindra) November 22, 2021
होते हैं ऑर्गेनिक फसल
कंपनी अपने हब पल्ला के आसपास के किसानों के साथ पार्टनरशिप के तौर पर कार्य करती है। यहां किसानों को प्रशिक्षण एवं कोचिंग दिये जाते हैं और उन्हें यह सिखाया जाता है कि किस तरह रीजेनरेटिव फार्मिंग पर फोकस किया जाए। साथ हीं कंपनी उनकी फसलों को बाजार की कीमतों से ज्यादा खरीदने की गारंटी देती है। किसानों द्वारा उगाए गए फसल ऑर्गेनिक होते हैं जिस कारण उनका डिमांड भी अधिक है।