अक्सर हम उन चीजों को फेंक देते हैं जो हमारे उपयोग की नहीं होती है या फिर यदि वो हमारे जरूरत से ज्यादा होती है। लेकिन वो फेंकी हुई चीज किसी के लिए बहुत जरुरी होती है और लोग उसका उपयोग बेहतर तरीके से करते हैं। सर्दियों के मौसम में हर किसी को ऊनी वस्त्र की जरूरत होती है। कुछ लोग नए-नए स्वेटर, साल और कम्बल खरीदकर सर्दियों में सुकून से घूमते हैं और रात में चैन की नींद सोते हैं। तो वही कुछ लोग ठंड के कारण ठिठुकर रात गुजारते हैं और सहमें हुए बाहर जाते हैं।
सर्दियों का मौसम गरीबों के लिए उचित नहीं होता लेकिन कहते हैं ना भगवान परेशानी देता है तो उसके समाधान के लिए किसी-न -किसी को जरूर ही भेजता है। उन्हीं लोगों में से एक हैं ऋतु जो कचरे में फेंके जाने वाले कपड़ों के कटन से नए कपड़ो का निर्माण करती हैं फिर गरीबों में उन कपड़ों को बांटती हैं और उनके चेहरे पर मुस्कान लाती हैं।
कौन है ऋतु जो करती हैं गरीबों की मदद
44 वर्षीय ऋतु लगभग 4 वर्षों से गरीबों की मदद अपने तरीके से करती हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय व्यापार में एमबीए (MBA) किया है। आगे उन्होंने कुछ वर्षों तक फैशन इंडस्ट्री में कार्य किया। उसके उपरांत उन्होंने सोशल वर्क की ओर रुख किया और लोगों की मदद करने लगी। -Ritu who makes new clothes from shreds of clothes and helps the needy
प्रारम्भ हुआ कतरन से कपड़े बनने का कार्य
एक दिन जब वो अपनी बेटी को स्कूल छोड़ने के लिए बस स्टैंड गईं तो उन्हें कुछ ऐसा आइडिया आया जिससे वह बहुत बदल गईं। उन्होंने वहां एक टेलर की दुकान देखा और ये देखा कि वह टेलर अपने बचे हुए कपड़ों को कूड़ेदान में फेंक दिया करता था। ऋतू ने जब ये देखा तो उन्होंने सोंचा की ये ने कपड़े हैं है अगर मैं इन्हें जोड़कर नया बनाऊं तो किसी के उपयोग के लिए काम मे लाई जा सकती है। अब उन्होंने कतरन से कपड़े बनाने का आइडिया आया और शुरू हुआ एक अनोखा पहल।
-Ritu who makes new clothes from shreds of clothes and helps the needy
कतरन इकठ्ठे कर शुरू किया बैग और कपड़ा बनाना
अब उन्होंने अपने आसपास के टेलरों एवं बुटीक के पास जाना प्रारंभ किया और कतरन इकट्ठे करने लगीं। उन्होंने इस कतरन से कुछ नया बनाया और गरीबों को बांटने लगीं। उन्होंने कतरन से ही बैग एवं नए ड्रेस बनाए और गरीब बच्चों को उपहार स्वरूप देने लगीं। ऋतु यह बताती हैं कि उन्हें लोगों की मदद करके काफी खुश होती हैं और उन्हें सुकुन मिलता है। अगर बच्चे उनके गिफ्ट में दिए गए कपड़ों से खुश होते हैं तो वह और ज्यादा कपड़े बनाती हैं ताकि अन्य बच्चे इसे पाकर खुश हों। -Ritu who makes new clothes from shreds of clothes and helps the needy
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वृद्धाश्रम के महिलाओं के लिए बनाती हैं कपड़े और बैग
ऐसा नहीं है कि वह सिर्फ बच्चों के लिए ही कपड़ा बनाती हैं बल्कि वह अनाथाश्रम में एवं वृद्धाश्रम में रहने वाली महिलाओं के लिए भी बैग एवं ब्लाउज बनाती हैं। वह जरूरतानुसार उनके लिए हर चीज बनाती हैं। अब उन्हें अच्छा रिस्पॉन्स मिला और उन्होंने अपने कार्य को और आगे बढ़ाया ताकि वह और लोगों को खुशी दे सकें। -Ritu who makes new clothes from shreds of clothes and helps the needy
सोशल मीडिया पेज से किया लोगों को प्रेरित
ऋतु इस कार्य को करने में 4 वर्ष से जुड़ी हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी एक पेज बनाया है जिसका नाम “नई सोंच” है। यहां उनके पोस्ट देखते हुए बहुत से लोग उनकी सहायता करने के लिए आगे बढ़े। अब उनके पास बुटीक एवं टेलर्स के अतिरिक्त कुछ मैन्युफैक्चरिंग इकाईयां भी कपड़ों को भिजवाती है ताकि वह नए कपड़े बना सकें। अब उनके पास हमारे देश के विभिन्न हिस्सों से कपड़े आ रहें हैं। -Ritu who makes new clothes from shreds of clothes and helps the needy
महिलाओं को सिलाई कर मिलती है आर्थिक सहायता
अपने इस कार्य के लिए वह किसी से वितीय सहायता नहीं लेतीं। उन्होंने कपड़ों की स्टिचिंग के लिए 4 औरतों को कार्य दिया है जो उनकी सहायता करती हैं। ये औरतें जरूरतमंद घरों से हैं तथा वह भी अपने घरों में स्टिचिंग करती हैं। आज ऋतु के कारण उन महिलाओं को कार्य मिला है और वह 2 पैसे कमा रही हैं। -Ritu who makes new clothes from shreds of clothes and helps the needy
स्वयं के बच्चों के लिए भी बनाती है कतरन से कपड़ा
ऋतु ने अब तक लगभग 50 से अधिक अनाथाश्रम और स्लम के बच्चों को नए कपड़े पहुचाए हैं जो कतरन से तैयार किए गए हैं। वह कपड़ो के कतरन से अपने बच्चों के लिए भी कपड़ा बनाती है। इसके अतिरिक्त वह बच्चों को पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूक भी करती हैं। -Ritu who makes new clothes from shreds of clothes and helps the needy
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