Wednesday, December 13, 2023

तिरंदाजी में नेशनल लेवल पर जीत चुकी हैं गोल्ड मेडल मगर अब बेच रहीं पकौड़े- Mamta Tudu

अभी तक हम सभी ने फर्श से अर्श तक की अनेकों कहानियां सुनी है। हमारे देश में कुछ ऐसे एथलीट हैं, जो कामयाबी की उंचाईयों को छूने के बाद सुखद जीवन व्यतीत कर रहे हैं। वहीं कुछ ऐसे भी हैं, जो सफलता के शिखर तक पहुंचने के बाद भी संघर्ष भरी जिंदगी व्यतीत कर रहे हैं। जहां उन्हें ऐशो-आराम की जिंदगी व्यतीत करनी चाहिए, उसके विपरीत वे गरीबी में जीवन गुजारने को मजबुर हैं।

इन्हीं एथलीट में से एक नाम राष्ट्रिय चैंपियन तीरंदाज ममता टुडू (Mamta Tudu) का भी है, जो अंडर-13 तीरंदाजी (Archery) में गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं। वर्तमान में आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण Mamta Tudu झालमुड़ी-पकौड़ी बेचने पर मजबुर हैं।

Mamta Tudu national level archer is selling pakode

द टेलीग्राम रिपोर्ट के अनुसार, धनबाद (Dhanbad) के तेलीपाड़ा क्षेत्र की रहने वाली Mamta Tudu अंडर-13 में गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं। पिछ्ले वर्ष वह सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर आर्करी में प्रशिक्षण के रही थी, उसी समय देश में कोरोना के वजह से लॉकडाउन लग गया। लॉकडाउन में वह लौटी लेकिन दोबारा वापस नहीं जा सकीं। आर्थिक रूप से कमजोर होना इसके पीछे एक बहुत बड़ी वजह रही। झालमुड़ी-पकौड़ी को बेच कर ममता प्रतिदिन 100-200 रुपए की आमदनी ही कमा पाती हैं, इससे उनके परिवार का जैसे-तैसे गुजारा हो पाता है।

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Mamta Tudu ने बताया, “मैं अंडर-13 में गोल्ड जीत चुकी हूं। नेशनल चैंपियनशिप (National Championship) में फर्स्ट आई हूं। इसके अलावा कई अन्य खेलों में भी हिस्सा ले चुकी हूं। किसी ने सहायता नहीं की जिसके वजह से खेल रुक गया। घर की आर्थिक स्थिति लगातार बिगड़ रही है, ऐसे में एक दुकान में झालमुड़ी बेचने लगी।”

ममता की मां का कहना है कि ममता का निशाना कभी नहीं चुकता है। वह कई मेडल जीत कर आई थी। वहीं दूसरी तरफ धनबाद आर्चरी एसोसिएशन (Dhanbad Archery Association) का कहना है कि वे ममता को मदद दिलाने की कोशिश कर रहे हैं।