मध्यप्रदेश सदा से ही हस्तकला और कारीगरी के लिए देश-विदेश में जाना जाता रहा है। एक बार फिर मध्यप्रदेश का नाम सुर्खियों में है। जिसकी वजह मध्यप्रदेश के धार जिले के एक छोटे से गांव मांड़ू की 25 वर्षीय ट्राइबल महिला सीता वसुनिया (Seeta Vasunia) है।
वर्तमान में, सीता की हस्तकला के चलते धरा प्रिंट से सजी उनकी साड़ी को इंटरनेशनल मैग्ज़ीन ‘वोग इटालिया’(Vogue Italia) के कवर पेज पर स्थान मिली है। चौंकाने वाली बात यह है कि, कवर पेज पर सीता द्वारा बनाई गई इस खूबसूरत साड़ी में सजी मॉडल कोई और नही खुद सीता ही हैं, जो इस साड़ी में बेहद सुंदर नज़र आ रही हैं।
सीता के धरा प्रिंट ने Vogue Italia के डिज़िटल एडिशन पर जगह बनाई है
29 मार्च को Vogue Italia के डिजिटल एडिशन पर सीता वसुनिया की धरा प्रिंट से बनाई गई साड़ी को कवर पेज पर स्थान देकर उसे दुनिया के सामने प्रस्तुत किया गया है। मध्यप्रदेश के धार जिले के एक गांव मांडू की रहने वाली इस आदिवासी महिला सीता की उन्ही की बनाई साड़ी में लिपटी तस्वीर को जब इस मैग्ज़ीन पर छापा गया तब से ही वो फैशन इंडस्ट्री का हिस्सा बन गई हैं। Vogue मैग्ज़ीन के ताजा संस्करण में नंबर वन पर प्रदर्शित की गई है ये तस्वीर।
अपनी साड़ियों की मॉडल भी खुद ही हैं सीता
सराहनीय बात यह है कि 10 आदिवासी महिलाओं के इस समूह का एक अहम हिस्सा कहे जाने वाली सीता वसुनिया न केवल स्वंय अपनी साड़ियों को धरा प्रिंट से सजाती हैं बल्कि अपनी बनाई साड़ियों की मॉडलिंग भी खुद ही करती हैं। दरअसल, मांडू में आजीविका मिशन का कार्यालय है। जहां स्व-सहायता समूह द्वारा महिलाओं को धरा प्रिंट से कलाकृतियां बनाना सिखाया जाता है। यहां महिलाएं साड़ी, सूट, कुर्ते, चादर, पर्दे और दुपट्टों को इस कला के माध्यम से सजाते हैं। इस तरह यहां सभी महिलाएं आर्थिक रुप से आत्मनिर्भर बनने का प्रयास कर रही हैं, जिसके लिए वे इन डिज़ायन की गई साड़ियों को दूसरों तक पहुंचाने का काम भी करती हैं।
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कपड़ों को धरा प्रिंट से सजाने से जुड़ी हर प्रक्रिया खुद करती हैं ये महिलाएं
सीता के धरा समूह में महिलाएं चंदेरी, महेश्वरी और काटन के कपड़ों पर काम करती हैं। उन्हें ऑर्गेनिक कॉटन का कपड़ा प्रशासन द्वारा उपलब्ध करवाया जाता है। फिर वे ब्लाक के जरिए उन पर डिजाइन प्रिंट करती हैं। ये ब्लॉक फर्रुखाबाद से बनवाकर मंगाए जाते हैं। महिलाएं कपड़ों पर ठप्पा लगाते हुए डिजाइन तैयार करती हैं। सीता और उनके साथी कपड़ों की रंगाई और सुखाकर रोल प्रेस और इससे जुड़ा पूरी प्रक्रिया खुद करती हैं। ये महिलाएं हुनर निखारने के साथ साथ अपने कपड़ों की ब्रांडिंग का काम भी खुद कर रही है। इनका सपना है कि ये आत्मनिर्भर हो सकें। कपड़े तैयार करने से लेकर मॉडलिंग का काम भी खुद सम्हालें।
दिल्ली के फैशन फोटोग्राफर ने किया है सीता का फोटोशूट
धार जिले के आदिवासी इलाके मांड़ू निवासी सीता वसुनिया का फोटोशूट दिल्ली के एक फैशन फोटोग्राफर ने किया है। माहेश्वर हैंडलूम की ये साड़ी, जिसे सीता ने खुद ही प्रिंट किया है और उसके लिए मॉडलिंग भी खुद की है, धार जिले के पर्यटक हॉस्पॉट मांड़ू के ‘रानी रुपमती महल’ में शूट किया गया है। यह फोटोशूट जिला प्रशासन द्वारा करवाया गया था। नेचुरल मेकअप और बिना फिल्टर वाले कैमरे से खींची गई इन तस्वीरों में वसुनिया बेहद खूबसूरत लगती हैं।
Vogue Italia के कवर पेज पर जगह पाकर बेहद खुश हैं सीता
सीता वसुनिया कहती हैं- “मैंने बेहद रुचि से ये साड़ी प्रिंट की हैं, इसके अलावा और भी कई कपड़े धरा प्रिंट के द्वारा सजाये हैं, लेकिन मुझे उम्मीद नही थी कि इतनी बड़ी मैग्ज़ीन के कवर पेज पर हमारे काम को जगह मिलेगी, मैंने तो स्थानीय अखबार का सपना तक नही देखा था, इतनी प्रसिद्ध फैशन मैग्ज़ीन में आना तो वाकई एक बड़ी बात है”
ज्योतिरादित्य सिधिंया ने की है इन महिलाओं की उपलब्धि की तारीफ
बीजेपी सांसद ज्योतिरादित्य सिधिंया ने भी महिलाओं की इस उपलब्धि की तारीफ की है। अपने ट्वीट में उन्होने का है कि-“मध्यप्रदेश के चंदेरी और माहेश्वरी बुनकरों के योगदान से फैशन की दुनिया में मध्यप्रदेश को पहचान मिली है, इन आदिवासी महिलाओं की हस्तकलाएं उत्थान और सशक्तिकरण की शानदार कहानियां कहती हैं”