वैसे तो कहा जाता है कि एक साथ एक हीं कार्य को अंजाम दिया जा सकता है। लेकिन वहीं कई लोगों के पास ऐसा हुनर होता है कि वह एक साथ दो या तीन कार्य करते हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यदि किसी लक्ष्य को हासिल करना है तो सिर्फ उसी का होना पड़ेगा क्योंकि यदि अन्य कार्य के साथ उस मंजिल को पाने की तैयारी की जाती है तो मंजिल मिलना कठिन हो जाता है। परंतु यदि मंजिल को पाने के लिए सच्ची कोशिश की जाए तो अन्य कार्य के साथ भी उसे हासिल किया जा सकता है।
इन बातों को सही साबित किया है UPSC CSE की परीक्षा में टॉप करने वाले मनीष कुमार ने। मनीष ने यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी के दौरान अपनी नौकरी नहीं छोड़ी और वर्ष 2017 में UPSC की परीक्षा में 61वीं रैंक हासिल करके टॉप लिस्ट में अपना दर्ज करवाया। आइए जानते हैं मनीष के बारे में कि कैसे उन्होंने एक नौकरी के साथ UPSC परीक्षा की तैयारी की और टॉप रैंक प्राप्त किया।
मनीष कुमार (Manish Kumar) वर्ष 2017 में यूपीएससी की परीक्षा में टॉप किए थे। यह उनका दूसरी कोशिश थी। इसमें वे 61वीं रैंक के साथ सफल हुए। इसी वर्ष मनीष ने RBI में भी 49वीं रैंक हासिल किया था। इससे पहले मनीष का वर्ष 2016 में बहुत कम अंतर से प्री में चयन नहीं हुआ। उस वर्ष कट ऑफ भी ज्यादा था। इसी वर्ष मनीष का 3 पेपर था। तीसरा पेपर सीएफए लेबल थ्री का था। मनीष ने तीनों एग्जाम दिया। उन्होंने कभी भी वक्त की शिकायत नहीं की और ना हीं कभी भी अपनी परिस्थितियों के बारें में कुछ कहा।
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मनीष के अनुसार “प्रोफेशनल नौकरी के साथ यूपीएससी की तैयारी कैसे करें”
मनीष उन सभी लोगों को सलाम करते हैं जो नौकरी के साथ इस परीक्षा को पास करने के बारे में योजना बनाते हैं। मुश्किल होता है लेकिन किसी ने यह विचार किया है तो जरुर कोई विशेष बात होगी। ऐसे में सबसे पहला पाठ यह है कि समय नहीं है, इसका रोना रोने से बेहतर है जो समय है उसका सदुपयोग करना चाहिए और उस समय को बर्बाद करने से बचना चाहिए। क्योंकि आप पहले से हीं एक नौकरी कर रहे हैं इसलिए आपके पास UPSC या दूसरी परीक्षा की तैयारी करने के पीछे एक एडेड मोटीवेशन होना चाहिए। क्योंकि बिना मोटीवेशन के इस परीक्षा में प्रेरणा नहीं मिलेगी। यदि कोई पूछे कि एक नौकरी करने के बाद भी आप ये सिरदर्द क्यूं ले रहे हो, तो आपके पास कारण होना चाहिए उसे गलत साबित करने के लिए। एक और बात का ध्यान रखना चाहिए कि अपनी पुरानी नौकरी की कभी भी किसी से बुराई नहीं करनी चाहिए। नये इंप्लायर से बिल्कुल नहीं करनी चाहिए। मनीष से भी इंटरव्यू में यह सवाल पूछा गया था कि एक अच्छी नौकरी को छोड़कर आप इस क्षेत्र में क्यूं जाना चाहते हैं। इस प्रश्न के उत्तर में मनीष ने अपनी पुरानी नौकरी की बुराई ना कर के उत्तर दिया कि वह कुछ और बेहतर करना चाहते हैं।
यहां आप मनीष का दिल्ली नॉलेज ट्रैक से दिए इंटरव्यू को देख सकते है।
नौकरी के फायदे के बारें में मनीष ने बताया कि नौकरी होने का लाभ यह होता है कि यदि आप यहां सफल नहीं हुए तो आगे क्या करेंगे यह सवाल दिमाग में आता है। यह सेन्स ऑफ सिक्योरिटी बहुत मुख्य भूमिका निभाती है। दूसरी जरुरी बात यह है कि कभी भी अपने आप को दूसरे से तुलना नहीं करनी चाहिए। इस बात से दूरी बना कर रखना चाहिए कि वह इतना पढ़ रहा है और हम नहीं पढ़ रहे हैं। यह बात दिमाग में लाने से बचना चाहिए।
मनीष ने बहुत अच्छी बात कही है, वक्त के साथ यही खेल है जिसके पास है वह उसका सदुपयोग नहीं करते हैं और जिनके पास नहीं है वो रोना रोते हैं। यह क्रम हमेशा चलते रहता है। जिनके पास 24 घंटा है तो क्या वे हमेशा पढाई ही करते होंगे ऐसा तो नहीं। इसलिए आपके पास जितना समय है उसको लेकर ध्यान केंद्रित करे और समय बर्बाद किए बगैर आगे बढ़ते रहे।
मनीष ने बताया कि नौकरी करने वालों को नौकरी न करने वालों की अपेक्षा ज्यादा योजना बनानी चाहिए। अपना पूरा अनुसूचित खासकर हॉलीडेज को अच्छे से प्लान करना चाहिए। किस दिन, क्या पढ़ना है यह तय होना चाहिए। इसके अलावा यदि ऑफिस से छुट्टी मिल सकती है तो बीच-बीच में ऑफर लेकर पढ़ाई करना चाहिए। उदाहरण के लिए शनिवार, रविवार बंद रहता है तो सोमवार को की छुट्टी बोल कर 3 दिन जमकर तैयारी करें। ऑफिस जाने से पहले 1 घंटा सॉलिड पढ़कर जरुर जाना चाहिए जिससे दिनभर उसका रिवाइज हो सके। ज्ञान सिर्फ पुस्तकों में हीं नहीं होता है, इन्सान कहीं से भी सीख सकता है। इसलिए ओब्जर्वेंट होना चाहिए और अपने आसपास की चीजों पर नजर रखनी चाहिए, जहां सीखने का अवसर मिले।
इसके अलावा मनीष ने बताया कि ऑफिस मे जब भी वक्त मिले ऑडियो सुनना चाहिए या नोट्स बना लेना चाहिए। मनीष जब जिम में जाते थे उस वक्त भी फोन पर वे नोट्स सुनते थे। इसी प्रकार वर्किंग प्रोफेशनल को समय चुराना पडता है। इसलिए कोई भी अवसर को ऐसे ही नहीं जाने देना चाहिए।
साक्षात्कार के बारे में मनीष ने बताया कि जब आप इंटरव्यू के लिए जाते हैं तो पैनल यह सुनकर प्रोत्साहित करता है कि आपने नौकरी के साथ परीक्षा की तैयारी की हैं। अर्थात आप में योग्यता है। इसलिए जॉब को हमेशा प्लस समझना चाहिए। बाकी हर इन्डिविजुअल अलग होता है इसलिए अपनी आवश्यकता, ताकत और कमजोरी के आधार पर अपना प्लान बनाना चाहिए।
जिस तरह मनीष जी ने एक नौकरी करते हुए UPSC की तैयारी की और बेहतरीन सफलता पाई वह कई युवाओं के लिए प्ररेणा हैं। The Logically मनीष कुमार को उनकी सफलता के लिए बधाई देता है तथा उनकी भूरि-भूरि प्रशंसा करता है।